सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देश की बेटियों ने कहा पिता की संपत्ति पर ज्यादा हक बेटों का नहीं चाहिए हमें पिता की संपत्ति
Minakshi Singh, NATION EXPRESS DESK , MUMBAI :- सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले के जरिए यह साफ कर दिया है कि बेटे सिर्फ शादी तक बेटे रहते हैं, लेकिन बेटियां हमेशा बेटियां रहती हैं, इसलिये संपत्ति पर उनका भी बराबर का हक है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देश की बेटियों ने कहा पिता की संपत्ति पर ज्यादा हक बेटों का है नहीं चाहिए हमें पिता की संपत्ति……………………….
SUPREME COURT ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि एक बेटी को अपने पिता की संपत्ति में बराबरी का अधिकार है। अदालत ने कहा कि संशोधित हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत यह बेटियों का अधिकार है और बेटी हमेशा बेटी रहती है।
कोर्ट ने कहा कि हिंदू महिला को अपने पिता की संपत्ति में भाई के समान ही हिस्सा मिलेगा इस मामले में मंगलवार को न्यायाधीश अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने फैसला सुनाया कि यह कानून हर परिस्थिति में लागू होगा। पीठ ने अपने फैसले में कहा कि यह कानून बनने से पहले अर्थात साल 2005 से पहले भी अगर पिता की मृत्यु हो गई है तो भी पिता की संपत्ति पर बेटी को बेटे के बराबर का अधिकार मिलेगा। बता दें कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1965 में साल 2005 में संशोधन किया गया था।
इसके तहत पैतृक संपत्ति में बेटियों को बराबरी का हिस्सा देने का प्रावधान है। इसके अनुसार कानूनी वारिस होने के चाने पिता की संपत्ति पर बेटी का भी उतना ही अधिकार है जितना कि बेटे का। विवाह से इसका कोई लेना-देना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस अहम फैसले पर नेशन एक्सप्रेस मुंबई की संवाददाता मीनाक्षी सिंह ने देश कि कई बेटियों से बात की:-
दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र अलका कुमारी
का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक रहा है क्योंकि इससे पहले शादी के बाद बेटियों को उसके पिता की संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता था लेकिन अब हमें भी इसका हिस्सा मिलेगा क्योंकि हम भी तो अपने पिता की बेटी है शादी हो गई तो क्या हुआ!
पटना में एमबीए की पढ़ाई कर रही अंकिता शाह :-
हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से काफी खुश हैं क्योंकि हमें शादी के बाद अपने पिता की संपत्ति में किसी तरह की कोई हिस्सेदारी नहीं मिलती थी लेकिन अब बेटों की तरह ही बेटियों को भी सम्मान और अधिकार मिलेगा और संपत्ति में हमारा भी हिस्सा होगा यह फैसला इसलिए भी बहुत अच्छा है कि शादी के बाद किसी कारणवश मेरे पति बीमार पड़ गए या उनका रोजगार छिन गया तो हमें परेशानी हो सकती थी जिससे हम लोगों की जिंदगी मैं परेशानी आ सकती थी लेकिन अगर पिता की संपत्ति में से हिस्सा मिलता है तो उस संपत्ति से हम अपनी गृहस्थी को आगे बढ़ा सकते हैं
जाकिर हुसैन इंस्टिट्यूट में मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई कर रही सिमरन शुक्ला का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अच्छा है लेकिन हमें अपने पिता की संपत्ति में किसी तरह की कोई हिस्सेदारी नहीं चाहिए क्योंकि शादी के बाद लड़की पूरी तरह अपने पति पर आश्रित हो जाती है इसलिए पति जिस हाल में जैसे रखेगा उसी में हमारी खुशी होगी चुकी हमारे भाइयों को माता पिता के साथ साथ पूरे घर की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है इसलिए मेरे ख्याल से भाइयों को ही पिता की संपत्ति का हिस्सेदार मानना चाहिए क्योंकि यह कोर्ट का निर्णय है तो मैं ज्यादा टिप्पणी नहीं करूंगी लेकिन मैं अपने पिता की संपत्ति में से एक भी हिस्सा नहीं लूंगी !
जमशेदपुर की रहने वाले रिया कुमारी की शादी 2019 में पटना के विशाल अग्निहोत्री से हुई नेशन एक्सप्रेस से बात करते हुए रिया
ने कहा की सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वह नहीं दुखी है और ना ही खुश है क्योंकि जब से हमारी शादी हुई है तब से मैं अपने पति के साथ पूरी तरह खुश हूं क्योंकि हमारे पति की नौकरी मुंबई के एक बड़ी कंपनी में है शादी से पहले बेटी का बॉस पूरी तरह बाप के कंधे पर रहता है पिता अमीर हो या गरीब हो बेटी का हर सपना पूरा करने के लिए वह हमेशा कोशिश करता है वह दिन रात मेहनत करके शादी में सुख सुविधा का हर सामान मुहैया कराता है और शादी के बाद पूरी जिम्मेदारी पति की हो जाती है पति अमीर हो चाहे गरीब हो पत्नी को उसका हर हाल में साथ देना है इसलिए पिता की संपत्ति जो भी हो उनके बेटों को मिलनी चाहिए इसलिए के बेटों को पूरी घर की जिम्मेदारी और साथ ही साथ मां बाप की जिम्मेदारी भी होती है अगर मेरे पिता और मेरे भाई खुशी खुशी संपत्ति में हिस्सेदारी खुद से देंगे तो मैं खुशी-खुशी कबूल कर लूंगी लेकिन मैं कभी भी अपने पिता से उनकी संपत्ति में हिस्सेदारी नहीं मांगूंगी यह ना मुझे पसंद है और ना ही मेरे पति को!
Report By :- Minakshi Singh, NATION EXPRESS DESK , MUMBAI