NEWS DESK, NATION EXPRESS, नई दिल्ली
होली से पहले लोगों को किसान आंदोलनकारियों का एक और गुस्सा देखने को मिल सकता है। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के 4 महीने पूरे होने पर 26 मार्च को देशव्यापी बंद रखने का एलान किया गया। इसके तहत 26 मार्च को सुबह 6 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक सभी दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान 12 घंटे बंद रहेंगे। लगभग सभी दुकानें बंद ( CLOSE ) रहेगी। इसके बाद 28 मार्च को धरना-प्रदर्शन स्थलों पर ही होलिका दहन के दौरान तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई जाएंगी। इससे भी पहले 23 मार्च को शहीदी दिवस मनाया जाएगा।
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने 26 मार्च को भारत बंद का एलान किया है. दिल्ली की सीमा पर आंदोलन को चार महीने पूरे होने पर किसान संगठन चक्का जाम कर शक्ति प्रदर्शन करेंगे. इन सब के बीच बढ़ती गर्मी के मद्देनजर सिंघु बोर्डर पर किसान संगठनों ने सड़क के बीच पक्का मकान बनाना शुरू कर दिया है.
बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद किसान नेताओं ने 26 मार्च के भारत बंद का एलान किया. बंद के समय आदि और स्वरुप को लेकर चर्चा करने के लिए ट्रांसपोर्ट संगठनों के साथ 17 मार्च को बैठक बुलाई गई है. संयुक्त किसान मोर्चा ने यह भी एलान किया है कि पेट्रोल-डीजल, गैस की बढ़ती कीमतों और निजीकरण के खिलाफ किसान 15 मार्च को मजदूर संगठनों के साथ रेलवे स्टेशनों पर धरना देंगे.
होली पर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाएंगे
मार्च के अंत तक का कैलेंडर जारी जारी करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि 23 मार्च को किसान आंदोलन वाली जगहों पर शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के शहादत दिवस को बड़े पैमाने पर मनाया जाएगा. इसके बाद 28 मार्च को होली के दिन तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाएंगे.
सड़क पर ही पक्का मकान बनना शुरू
वहीं सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने ईंटों को जोड़कर सड़क पर ही पक्का मकान बनवाना शुरू कर दिया है. मकान बनाने के लिए ईंट से लेकर मिस्त्री तक पंजाब से बुलवाए गए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के दीप खत्री ने कहा कि दो मंजिला मकान भी बनाए जा रहे हैं और ऐसे मकानों की संख्या और बढ़ने वाली है. दरअसल किसानों ने प्लास्टिक के टेंट में ठंड तो गुजार दी लेकिन गर्मी ने मार्च के महीने में ही परेशान करना शूरू कर दिया है. वैसे भी सिंघु पर बनते पक्के मकान किसानों के पक्के इरादों को जाहिर करते हैं कि जब तक सरकार उनकी मांगे मान कर नए कृषि कानून वापस नहीं लेती तब तक वो वापस नहीं जाएंगे.
खट्टर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा
दूसरी तरफ हरियाणा विधानसभा में खट्टर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि जिन विधायकों ने किसानों का साथ नहीं दिया, उनकी हम निंदा करते हैं. इनके साथ हम कठोर व्यवहार करेंगे, बहिष्कार करेंगे. आपको बता दें कि कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट देने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने सत्ताधारी विधायकों पर काफी दबाव बनाया जो नाकाम रहा. खट्टर सरकार के पक्ष में 55 विधायक और खिलाफ में 32 विधायक रहे. संयुक्त किसान मोर्चा ने फिर दोहराया है कि किसान नेता चुनावी राज्यों में जाकर बीजेपी के खिलाफ सभाएं करेंगे ताकि केंद्र की मोदी सरकार पर कृषि कानूनों को वापस लेने का दबाव बने.
Report By :- ANUJA AWASTHI, NEWS DESK, NATION EXPRESS, नई दिल्ली