Surbhi Tiwari , न्यूज डेस्क, NATION EXPRESS, जयपुर
सार
राजस्थान सरकार में चल रहे उठापटक के शांत होने के बाद आज परीक्षा की घड़ी आ गई है। राज्य में विधानसभा सत्र शुरू हो गया है जहां कांग्रेस विश्वास मत के साथ बहुमत साबित करने के लिए तैयार है। वहीं, भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में थी, लेकिन गहलोत ने अपनी चाल पहले ही चल दी। हालांकि, सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के कांग्रेस में लौट आने के बाद हालात कांग्रेस के पक्ष में ही हैं। जानिए, सभी अपडेट्स…
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विस्तार
राजस्थान में विधानसभा सत्र शुरू हो गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्विटर पर सत्यमेव जयते लिखा था। राजस्थान सरकार में कानून और संसदीय मामलों के मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि हम विश्वास मत ला रहे हैं, यह हमेशा पहले आता है। हमारे पास बड़ा बहुमत है। कांग्रेस की ओर से विश्वास मत प्रस्ताव का नोटिस देने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। दो घंटे बाद विधानसभा सत्र फिर शुरू हो गया है। अब धारीवाल ने विश्वास मत के लिए प्रस्ताव रखा है, जिस पर बहस जारी है।।
अपने घर का झगड़ा दूसरों पर न मढ़ें : कटारिया
भाजपा ने कांग्रेस पर अपने घर का झगड़ा दूसरों के माथे मढ़ने का आरोप लगाया। विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने विधानसभा में कहा, घर के झगड़े को दूसरों के माथे मारने की कोशिश न करें। अगर मंत्री कहे कि उनकी बात नहीं सुनी जाती, उनकी बातों का सम्मान नहीं किया जाता है, तो इसमें हम क्या कर सकते हैं। क्या वह (सचिन पायलट) मेरी पार्टी से आदेश लेकर गए थे?
जब तक मैं यहां हूं सरकार सुरक्षित है : पायलट
वहीं, सचिन पायलट ने कहा, ‘आज मैं जब सदन में आया तो देखा कि मेरी सीट पीछे की ओर रखी गई है। मैं राजस्थान से आता हूं जो पाकिस्तान की सीमा पर है। बॉर्डर पर सबसे मजबूत सिपाही तैनात रहता है। मैं जब तक यहां बैठा हूं, सरकार सुरक्षित है।’ दरअसल, बहस के बीच विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ बार-बार पायलट का नाम ले रहे थे। जिस पर पायलट ने बीच में खड़े होकर स्पीकर से यह बात कही।
उन्होंने कहा, समय के साथ सभी बातों का खुलासा हो जाएगा। जो कुछ कहना-सुनना था, वह हो गया। हमें जिस डॉक्टर को अपना मर्ज बताना था, बता दिया। सदन में आए हैं को कहने-सुनने की बातें छोड़नी होंगी। इस सरहद पर कितनी भी गोलीबारी हो, ढाल बन कर खड़ा रहूंगा।
भाजपा ने की विधायकों की बाड़ाबंदी : धारीवाल
विधानसभा में धारीवाल ने भाजपा के नेताओं से कहा कि अमित शाह आपको माफ नहीं करेंगे। वह जवाब मांगेंगे। धारीवाल ने कहा कि जिस तरह से महाराणा प्रताप ने विरोधियों को हराया था, वैसे ही अशोक गहलोत ने हराया है। राजस्थान में न किसी शाह की चली, न तानाशाह की चली।
धारीवाल ने कहा, ‘अमित शाह हिसाब मांग कर रहेगा। इसपर भाजपा के राजेंद्र राठौड़ ने आपत्ति जताते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री का नाम इस तरह नहीं लिया जा सकता। इस पर धारीवाल ने कहा कि बात स्पष्ट है, पैसा दिया था तो हिसाब तो मांगा ही जाएगा।’
धारीवाल ने कहा कि भाजपा कहती है कि कांग्रेस ने विधायकों की बाड़ेबंदी की। अगर ये बाड़ेबंदी है तो आपने अपने विधायक क्या गुजरात रासलीला रचाने के लिए भेजे थे? धारीवाल ने कहा, महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने आधी रात को राष्ट्रपति को जगा दिया था।
भाजपा विधायकों ने शुरू किया हंगामा
कांग्रेस नेता धारीवाल जब बोल रहे थे, इसी बीच भाजपा विधायक मदन दिलावर ने हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर सीपी जोशी ने दिलावर और अन्य विधायकों को चेतावनी दी है।
कांग्रेस ने रखा विश्वास मत प्रस्ताव
विधानसभा सत्र में सबसे पहले चीन सीमा पर गलवां घाटी क्षेत्र में शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद कांग्रेस ने विश्वास मत का प्रस्ताव रखा। कांग्रेस के चीफ व्हिप महेश जोशी ने स्पीकर सीपी जोशी के सामने विश्वास मत के लिए नोटिस रखा था। स्पीकर ने इस नोटिस पर आज एक बजे फैसला लेने की बात कही। इसके बाद सदन की कार्रवाई एक बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था। इसके बाद धारीवाल ने प्रस्ताव पेश किया।
पायलट की सीट में हुआ बदलाव
सदन में बैठने की व्यवस्था में भी बदलाव हुआ है। उप मुख्यमंत्री के पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट अशोक गहलोत के साथ वाली सीट के स्थान पर दूसरी पंक्ति में बैठे। पायलट को निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के पास वाली सीट संख्या 127 अलॉट की गई है। गहलोत के पास की सीट पर शांति धारीवाल बैठे। इससे पहले पायलट और गहलोत विधानसभा में भी अलग-अलग आए थे।
विधानसभा का गणित गहलोत के पक्ष में
बता दें कि पायलट की वापसी के साथ ही कांग्रेस की विधानसभा में संख्या 107 हो गई है। सभी 13 निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं और छोटे दलों के समर्थन के साथ गहलोत के पास 125 विधायकों का संख्या बल है। 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में 101 बहुमत का आंकड़ा है। वहीं, भाजपा इस आंकड़े से बहुत दूर है, उसके पास महज 75 विधायक हैं।