आज से देश में लागू हो गया CAA : मोदी सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन, क्या मुसलमानों से छीन ली जायेगी नागरिकता?
NATIONAL DESK, NATION EXPRESS, NEW DELHI
केंद्र सरकार ने CAA लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि CAA से दशकों से पीड़ित शरणार्थियों को सम्मानजनक जीवन मिलेगा. बहुत से लोगों ने CAA को मुस्लिमों के खिलाफ साजिश बताया, लेकिन सच ये है कि मुस्लिमों को नागरिकता देने का काम पुराने कानूनों द्वारा संचालित होता रहेगा
केंद्र सरकार ने सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके साथ ही यह कानून देशभर में लागू हो गया है। CAA को हिंदी में नागरिकता संशोधन कानून कहा जाता है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
नागरिकता संशोधन कानून 2019 में तीन देशों के प्रवासियों को भारत में नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. ये देश हैं पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान. जिन गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जानी है उनमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के वो लोग शामिल हैं, जो अपने मुल्क में धार्मिक तौर पर प्रताड़ित रहे हैं. फिर भी बहुत से लोगों ने इसे मुस्लिमों के खिलाफ साजिश बताया, लेकिन सच ये है कि मुस्लिमों को नागरिकता देने का काम पुराने कानूनों द्वारा संचालित होता रहेगा .
सीएए लागू होने पर विपक्ष सरकार पर ध्रुवीकरण का आरोप लगा रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘इतना विलंब क्यों हुआ. अगर विलंब हुआ तो फिर चुनाव के बाद क्या दिक्कत थी. उनका मकसद होता है हर मुद्दे को हिंदू मुसलमान में बांटना. बात ये है संविधान में हर व्यक्ति अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है. अगर किसी कानून में धर्म के नाम पर तय किया जाए कि कौन नागरिक बन सकता है कौन नहीं.’
वहीं, एमआईएम के वारिश पठान ने कहा, CAA का टाइमिंग देखिए. लोकसभा चुनाव आने वाला है, तारीख घोषित होने वाली है अभी तक सरकार को याद क्यों नहीं आई. ये गैरकानूनी है. आप धर्म के आधार पर कोई कानून नहीं ला सकते. विपक्ष के इन बयानों और कुछ लोग की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद ये जानना जरूरी है कि सीएए लागू होने के बाद मुसलमानों पर क्या असर पड़ेगा.
नागरिकता देने का कानून है CAA
इस कानून का ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि जो भी गैर मुस्लिम इन देशों से भारत आएगा उसे नागरिकता मिल जाएगी. इसके लिए सरकार की ओर से एक समय सीमा तय की गई है. धार्मिक तौर पर पीड़ित गैर मुस्लिम 31 दिसंबर 2014 से पहले अगर भारत में रह रहा है तो वो इस कानून के तहत नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है. इसे गृह मंत्रालय भी कई बार स्पष्ट कर चुका है.
CAA नागरिकता लेने नहीं बल्कि नागरिकता देने का कानून है. सच ये है कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी की भी नागरिकता नहीं जाएगी. चाहे वो किसी भी धर्म का हो. लेकिन कुछ लोगों ने कहा कि CAA नागरिकता छीनने का कानून है. इस कानून के जरिए 3 देशों के आए गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिलेगी लेकिन भ्रम ये फैलाया गया कि भारत से कुछ विशेष वर्ग के लोगों को निकाल दिया जाएगा. सच ये है कि असल में CAA 3 देशों के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए लाया गया है लेकिन भ्रम फैलाया गया कि ये देश से कुछ मुस्लिमों को निकालने की साजिश है.
नागरिकता संशोधन कानून की 3 बड़ी बातें…
1. किसे मिलेगी नागरिकता: 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।
2. भारतीय नागरिकों पर क्या असर: भारतीय नागरिकों से CAA का कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता।
3. आवेदन कैसे कर सकेंगे: आवेदन ऑनलाइन करना होगा। आवेदक को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है। बाकी विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है।
कयास थे कि PM मोदी CAA की अधिसूचना का ऐलान करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नोटिफिकेशन से पहले PM ने सोशल मीडिया X पर अग्नि-5 मिसाइल के सफल परीक्षण पर DRDO के वैज्ञानिकों को बधाई दी।
CAA को लेकर सरकार की तैयारी
CAA के ऑनलाइन पोर्टल को रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार कर लिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका ड्राई रन भी कर लिया है। सूत्रों ने कहा कि CAA इन पड़ोसी देशों के उन शरणार्थियों की मदद करेगा जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं। मंत्रालय को लंबी अवधि के वीजा के लिए सबसे ज्यादा आवेदन पाकिस्तान से मिले हैं।
गृह मंत्री अमित शाह दो महीने में दो बार कह चुके थे कि CAA लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा। यह देश का कानून है। इसे कोई रोक नहीं सकता। संसद ने CAA पर 11 दिसंबर 2019 को मुहर लगाई थी। हालांकि, सरकार इस कानून को लागू करने के लिए नियम-कायदे बनाने की समय सीमा 8 बार बढ़ा चुकी है।
CAA कानून में चार राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों को छूट
यह कानून संविधान की छठी अनुसूची में शामिल असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों को छूट देता है, जिसमें असम में कार्बी आंगलोंग, मेघालय में गारो हिल्स, मिजोरम में चकमा जिले और त्रिपुरा में आदिवासी क्षेत्र के जिले शामिल हैं।
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन CAA की प्रतियां जलाएगा
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) और 30 स्वदेशी संगठनों ने सोमवार को कहा कि वह राज्य भर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की प्रतियां जलाएंगे। संगठन के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा कि वे CAA के खिलाफ अपना अहिंसक, शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक आंदोलन जारी रखेंगे। साथ ही कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे।
CAA के नोटिफिकेशन के बाद यूपी और दिल्ली में अलर्ट
CAA के नोटिफिकेशन के बाद उत्तर प्रदेश और दिल्ली में पुलिस अलर्ट पर है। DGP प्रशांत कुमार ने सभी जिलों की पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। पुराने लखनऊ के संवेदनशील इलाकों में पुलिस पैदल गश्त कर रही है। सीनियर अफसर भारी पुलिस फोर्स के साथ सड़कों पर उतरे हैं। पुराने लखनऊ में मार्च निकाला जाएगा। सभी थाना लेवल पर सुरक्षा व्यस्था बनाए रखने के निर्देश पुलिस कमिश्नर ने दिए है।
विपक्ष ने कहा- आखिरी खेल चल रहा, चलने दो
शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा- ये उनका (भाजपा) आखिरी खेल चल रहा है। चलने दो, लागू होने दो। वे लोग ये खेल करते रहते हैं। जब तक चुनाव है तब तक वे CAA-CAA खेलेंगे, खेलने दो।
मौलाना फिरंगी महली का बयान – सब लोग शांति बनाए रखें, किसी की नागरिकता नहीं जाएगी।
Report By :- ANUJA AWASTHI, NATIONAL DESK, NATION EXPRESS, NEW DELHI