झारखंड की 5 रेलवे साइडिंग में प्रारंभिक जांच के बाद दर्ज होगी प्राथमिकी
रांची:- झारखंड से पावर प्लांटाें काे भेजे जाने वाले काेयले में मिलावट की जा रही है। सीसीएल, बीसीसीएल, एनसीएल और ईसीसीएल की खदानाें से पावर प्लांट के लिए हाई ग्रेड काेयला निकाला जाता है। उसी हाई ग्रेड काेयले में चारकाेल, काेल डस्ट और रिजेक्ट काेयला रेलवे साइडिंग में मिलाया जाता है। फिर रेलवे रैक से मिलावटी काेयला पावर प्लांट में भेजा रहा है। मिलावट का यह खेल झारखंड के बरकाकाना, सिंदरी, दुग्धा, पतरातू और गाेला रेलवे साइडिंग में चल रहा है। इसका खुलासा सीबीआई की प्रारंभिक जांच में हुआ है। अब जांच एजेंसी प्राथमिकी दर्ज कर विस्तृत जांच शुरू करेगी।
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एजेंसी ने बिजली कंपनियों व उनके ट्रांसपोटर्स को पूछताछ के लिए बुलाया है। रेलवे विजिलेंस ने जनवरी 2020 के पहले सप्ताह में नगड़ी के पिस्का रेलवे साइडिंग में छापामारी कर रेलवे रैक में मिलावटी काेयला लाेड करते पकड़ा था। विजिलेंस ने पिस्का रेलवे रैक साइडिंग काे बंद कराते हुए मुख्यालय काे रिपाेर्ट की थी। इसके बाद मुख्यालय के आग्रह पर सीबीआई ने जांच शुरू की। इस जांच में बड़े घाेटाले के संकेत मिले हैं। वहीं पावर प्लांट कंपनियाें काे हाई ग्रेड काेयले के नाम पर मिलावटी काेयला आपूर्ति कर कराेड़ाें के राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। वहीं, ट्रांसपोर्टर और लोडर को कराेड़ाें का मुनाफा हो रहा है।
बिजली कंपनियों व ट्रांसपाेटर्स को जारी होगा नोटिस
बरकाकाना, सिंदरी, दुग्धा, पतरातू और गाेला कोल साइडिंग से आधुनिक पावर, जेवीके, ललितपुर, बंगाल पावर को हर साल करीब 50 लाख टन कोयला रेलवे रैक के जरिए भेजा जाता है। बिजली कंपनियों ने खदान से कोयला ढ़ुलाई से रैक लोडिंग का काम अलग-अलग ट्रांसपोर्ट कंपनियों को दिया है। बरकाकाना और खलारी रेलवे साइडिंग में एल महतो कई कंपनियों के लिए ट्रांसपोटिंग का काम करते हैं। अब इनसे पूछताछ के लिए सीबीआई जल्द नोटिस जारी करेगी।
रेलवे मुख्यालय काे दी जानकारी
जांच एजेंसी काे काेल कंपनियाें के अफसराें और रेलवे अफसराें की संलिप्ता के भी सबूत हाथ लगे हैं। अब इस मामले में एजेंसी रेलवे, सीसीएल, बीसीसीएल, एनसीएल और ईसीसीएल के अफसराें और कर्मचारियों से पूछताछ करेगी। उक्त रेलवे साइडिंग पर रैक लाेडिंग के दाैरान मिलावटी काेयला लाेड करते जांच टीम ने पाया है। इसकी जानकारी रेलवे के जाेनल मुख्यालय काे दे दी गई है।
ऐसे समझें… मिलावट का खेल
बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों को सरकार सब्सिडी (बाजार मूल्य से कम) पर हाई ग्रेड कोयला उपलब्ध कराती है, ताकि वे ज्यादा उत्पादन कर सके। लोगों को रोजगार मिले। पर, ट्रांसपाेर्टर और लाेडर, सरकारी अफसराें की मिलीभगत से पावर प्लांट कंपनियाें काे एक रैक में 100% की जगह 50% हाई ग्रेड काेयला लाेड हाेता है। रेलवे रैक लाेडिंग प्वाइंट पर मिलावट का यह खेल हाेता है।
मिलावटी काेयला 15% चारकाेल, डस्ट और 35 % रिजेक्ट काेयले से तैयार होता है। रेलवे की एक रैक रैक में करीब 4 हजार टन कोयला लोड होता है। इसमें 2000 टन मिलावटी काेयला मिलाया जाता है। ऐसे में कंपनियाें काे एक रैक में 2000 टन ही हाई ग्रेड काेयला मिलता है। मिलावट कर एक रैक में चाेरी किए गए 2000 टन हाई ग्रेड काेयले काे बाजार में बेच कराेड़ाें कमाया जाता है।
Report By :- SHADAB KHAN, NATION EXPRESS , RANCHI