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तीसरी लहर ने दी दस्तक, शाम 4 बजे दुकानें होंगी बंद, नाइट कर्फ्यू का ऐलान, लॉकडाउन लगाने की सलाह

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HEALTH DESK, NATION EXPRESS, मुंबई

एक बार फिर से लॉकडाउन के दिन वापस लौट सकते हैं

देश में तीसरी लहर को लेकर चिंता और गहराने लगी है। कई एक्सपर्ट्स का दावा है कि तीसरी लहर सितंबर या अक्टूबर में आ सकती है। इसे देखते हुए राज्यों ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। महाराष्ट्र में खास कर बेड और ऑक्सिजन रिफिलिंग प्लांट की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। उधर केरल में जिस हिसाब से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए एक स्वास्थ्य अधिकारी ने लॉकडाउन लगाने की सलाह दी है।

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क्या फिर से लगेगा लॉकडाउन?, आम जनता को सता रही है ये 5 बड़ी चिंता, यहां  जानिए सबकुछ | Know how lockdown effects in april month | TV9 Bharatvarshत्योहारी सीजन चुनौती, केरल में नाइट कर्फ्यू का ऐलान
उन्होंने कहा, त्योहार आने वाले हैं। इसके मद्देनजर केरल में एक सोचे-समझे तरीके से कंटेनमेंट जोन बनाने और लॉकडाउन लगाने का काम करना होगा। यह सुझाव राज्य को भी भेज दिया गया है। बता दें कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को सोमवार से रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया था।

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लग सकते हैं कड़े प्रतिबंध

मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार को हाई अलर्ट पर आने की आवश्यकता है क्योंकि मध्य प्रदेश से सीधे कनेक्टेड महाराष्ट्र के नागपुर और मुंबई शहर में कोरोनावायरस की तीसरी लहर शुरू हो गई है। दोनों शहरों में इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। 

केरल और महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे ज्यादा केस मिल रहे हैं. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने दोनों राज्यों को नाइट कर्फ्यू लगाने पर विचार करने की सलाह दी है

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होम सेक्रेटरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने आने वाले फेस्टिव सीजन के दौरान नियमों का पालन करने की नसीहत दी है. केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे सामाजिक कार्यक्रमों पर रोक लगाएं और फेस्टिवल के दौरान भी भीड़भाड़ नहीं जुटने दें. यदि आने वाले दिनों में कोरोना के केसों में और इजाफा होता है तो एक बार फिर से लॉकडाउन के दिन वापस लौट सकते हैं.

देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका तो काफी पहले से जताई जा रही थी लेकिन अब महाराष्ट्र से जो खबरें आ रही हैं वो सबकी चिंता बढ़ा रही हैं. महाराष्ट्र में अचानक बढ़े केस के बाद सरकार दावा कर रही है कि राज्य में तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर का कहना है कि कोरोना की लहर आनी नहीं है आ गई है.

पिछले कुछ दिनों के मुंबई के आंकड़े देखें तो जहां मुंबई में 30 अगस्त को एक दिन में 334 नए केस आए थे वहीं 2 मरीजों की मौत हुई थी. 31 अगस्त को भी ये आंकड़ा 323 था और एक शख्स की मौत हुई थी.

वहीं सितंबर से केस 400 के ऊपर हो गए और पहली ही सितंबर को 416 नए केस आए और 4 लोगों की मौत हो गई. 2 सितंबर को 441 नए केस आए और 3 की मौत हो गई. 3 सितंबर को भी 442 नए केस आए और 3 लोगों की मौत हो गई. लगातार बढ़ते केस के के बावजूद लोग मानने को तैयार नहीं हैं. शहर के अलग अलग बाजारों में लोगों की भीड़ देखकर लगता ही नहीं कि मुंबई के लोगों में कोरोना का कोई खौफ है.

मुंबई ही नहीं महाराष्ट्र के आंकड़े तो इससे भी ज्यादा चिंताजनक हैं. 5 सितंबर को जहां महाराष्ट्र में 4 हजार 57 नए केस आए थे और 67 लोगों की मौत हुई थी वहीं अगले दिन 6 सितंबर को 3 हजार 623 नए केस आए और 37 लोगों की मौत हो गई.  मुंबई के अलावा नागपुर, सतारा,रत्नागिरि,मुंबई और पुणे में भी केस बढ़ रहे हैं, नागपुर में तो केस पहले से दोगुने हो गए हैं

उद्धव बोले- त्योहार से ज्यादा जिंदगी अहम
एक दिन पहले उद्धव ठाकरे ने कहा था कि हम बाद में पर्व मना सकते हैं। हम अपने लोगों की जिंदगी और सेहत को प्राथमिकता दें। नए केस में बढ़ोतरी के मद्देनजर हालात काबू से बाहर जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कौन पर्व मनाने और धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगाना चाहेगा? लेकिन लोगों की जिंदगी अहम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले त्योहारों के समय अहम और चुनौतीपूर्ण हैं। यह राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर न जाए। ठाकरे ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर आपके दरवाजे पर खड़ी है। केरल में रोजाना 30 हजार मामले आ रहे हैं। यह खतरनाक संकेत हैं और अगर हमने इसे गंभीरता से नहीं लिया तो महाराष्ट्र को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

इन पांच राज्यों ने फिर से चिंता बढ़ा दी है

केरल में ओणम में दी गई छूट के बाद कोविड मामलों में जबरदस्त उछाल आया और गुरुवार को राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या  30,000 के पार पहुंच गई. पिछले हफ्ते केरल में प्रति एक लाख पर 561 केस सामने आए थे.

27 मई के बाद भारत में अगर एक दिन में सबसे ज्यादा मामले किसी राज्य में आए तो वह तमिलनाडु है. 27 मई को यहां कोरोना संक्रमितों के कुल 33,361 मामले सामने आए हैं.

अगर देश के कुल मामलों में से केरल के संख्या हटा दें तो कोविड मामलों में काफी गिरावट दर्ज की जा सकती है और यह घटकर प्रति लाख पर 11 केस हो जाएगा. महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के पांच राज्यों – आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल और कर्नाटक की संख्या अगर एक साथ मिलाएं तो पता चलता है कि इन क्षेत्रों में प्रति मिलियन निवासियों पर औसत नए मामले 7 फीसदी (76.8 से 81.9 तक) बढ़े हैं, जो चिंता का विषय बनते जा रहे हैं.!

Report By :-SHWETA SINGH / KHUSHBOO SHARMA, HEALTH DESK, NATION EXPRESS, मुंबई

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