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मक्का में मौत का तांडव, सड़क पर हर तरफ लाशें : हज के लिए सऊदी अरब पहुंचे 550 हजयात्रियों की मौत

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INTERNATIONAL DESK, NATION EXPRESS, सऊदी अरब

  • हज के लिए मक्का पहुचे हैं लाखों मुसलमान
  • सऊदी की गर्मी बन रही परेशानी का सबब
  • मक्का में अब तक 550 हाजियों की गई जान

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सऊदी अरब के मक्का में गर्मी के कारण 12 जून से 19 जून के बीच 577 हज यात्रियों की मौत हुई है। पिछले साल यह आंकड़ा 240 था। 17 जून को मक्का की ग्रैंड मस्जिद में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों में 323 नागरिक मिस्र के और 60 जॉर्डन के हैं। इसके अलावा ईरान, इंडोनेशिया और सेनेगल के हज यात्रियों की भी मौत हुई है। इनमें कोई भारतीय है या नहीं, यह साफ नहीं हो पाया है। सऊदी के 2 डिप्लोमैट्स ने AFP को बताया कि ज्यादातर मौतें गर्मी की वजह से बीमार पड़ने के चलते हुई हैं।

सोशल मीडिया पर ये हज यात्रा से जुड़े वीडियो वायरल हो रहे हैं। इसमें सड़कों पर लाशे दिख रही हैं। - Dainik Bhaskar

सऊदी में 2 हजार हज यात्रियों का इलाज जारी
मिस्र के विदेश मंत्री ने मंगलवार को कहा कि वे सऊदी के अधिकारियों के साथ मिलकर लापता लोगों को खोजने के लिए ऑपरेशन चला रहे हैं। सऊदी अरब ने बताया कि गर्मी की वजह से बीमार हुए करीब 2 हजार हज यात्रियों का इलाज किया जा रहा है।

17 जून को मक्का की ग्रैंड मस्जिद में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। सऊदी अरब के अधिकारियों के मुताबिक, मक्का में जलवायु परिवर्तन का गहरा असर हो रहा है। यहां हर 10 साल में औसत तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है।

हज के लिए पहुंचे यात्रियों पर ठंडे पानी का स्प्रे किया जा रहा है।

पिछले साल 240 लोगों ने दम तोड़ा था
इससे पहले पिछले साल हज पर गए 240 हज यात्रियों की मौत हुई थी। इनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे। सऊदी ने सभी यात्रियों को छाते इस्तेमाल करने की सलाह दी है। इसके अलावा उन्हें लगातार पानी पीने और धूप से बचने के लिए कहा जा रहा है।

हालांकि माउंट अराफात की इबादत के साथ हज के ज्यादातर रिवाज दिन में किए जाते हैं। इसके लिए हज यात्रियों को लंबे समय तक बाहर धूप में रहना पड़ता है। हज यात्रियों ने बताया कि हज के दौरान अक्सर उन्हें सड़क के किनारे बीमार यात्री नजर आते हैं। कई लोगों की मौत हो चुकी होती है। हज के रास्ते पर लगातार एंबुलेंस का जमावड़ा लगा रहता है

बिना वीजा भी हज करने पहुंचते हैं हज यात्री
इस साल करीब 18 लाख हज यात्री हज के लिए पहुंचे हैं। इनमें से 16 लाख लोग दूसरे देशों के हैं। हर साल हज पर जाने वाले हजारों यात्री ऐसे होते हैं, जिनके पास इसके लिए वीजा नहीं होता है। पैसों की कमी की वजह से इस तरह के यात्री गलत तरीकों से मक्का पहुंचते हैं। सऊदी डिप्लोमैट्स ने न्यूज एजेंसी AFP को बताया कि मरने वालों में मिस्र के यात्रियों की तादाद इसीलिए ज्यादा है, क्योंकि इनमें कई ऐसे हैं जिन्होंने हज के लिए रजिस्टर नहीं कराया था। इस महीने की शुरुआत में सऊदी ने बिना रजिस्ट्रेशन वाले हजारों हज यात्रियों को मक्का से हटाया था। हज को होस्ट करना सऊदी अरब के शाही परिवार के लिए सम्मान की बात है। सऊदी किंग को 2 पवित्र मस्जिदों का संरक्षक भी कहा जाता है।

भीषण गर्मी के बीच यात्री छाता लेकर हज के लिए जाते दिखे।अमेरिका में 1 करोड से ज्यादा लोग हीटवेव का शिकार
सऊदी अरब के अलावा दुनिया के बाकी देशों में गर्मी की सितम जारी है। अमेरिका में 1 करोड से ज्यादा लोग हीटवेव का शिकार हो रहे है। अमेरिकी मौसम विभाग ने मिशिगन राज्य में 21 जून तक हीटवेव चलने का अलट जारी किया गया है। न्यूयॉर्क में फूड डिलीवरी सर्विस ने अपने कर्मचारियों की सेहत को ध्यान में रखते हुए डिलीवरी लेना बंद कर दिया है। न्यूयॉर्क के स्कूलों में फील्ड ट्रिप रद्द कर दी गई है। यहां चिड़ियाघर में जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए पूल में बर्फ के टुकड़े डाले जा रहे है।

भीषण गर्मी के बीच मक्का पहुंचा हज यात्री ठंडक के लिए खुद पर पानी डालते हुए।

हज क्या है…
इस्लाम धर्म में 5 फर्ज में से एक फर्ज हज है। मान्यताओं के मुताबिक, हर मुस्लिम व्यक्ति को जीवन में कम से कम एक बार इस फर्ज को पूरा करना होता है। BBC न्यूज के मुताबिक साल 628 में पैगंबर मोहम्मद ने अपने 1400 शिष्यों के साथ एक यात्रा शुरू की थी। ये इस्लाम की पहली तीर्थयात्रा बनी और इसी यात्रा में पैगंबर इब्राहिम की धार्मिक परंपरा को फिर से स्थापित किया गया। इसी को हज कहा जाता है।

हर साल दुनियाभर के मुस्लिम सऊदी अरब के मक्का में हज के लिए पहुंचते हैं। हज में पांच दिन लगते हैं और ये ईद उल अजहा या बकरीद के साथ पूरी होती है। सऊदी अरब हर देश के हिसाब से हज का कोटा तैयार करता है।

इनमें इंडोनेशिया का कोटा सबसे ज्यादा है। इसके बाद पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश, नाइजीरिया का नंबर आता है। इसके अलावा ईरान, तुर्किये, मिस्र, इथियोपिया समेत कई देशों से हज यात्री आते हैं। हज यात्री पहले सऊदी अरब के जेद्दाह शहर पहुंचते हैं। वहां से वो बस के जरिए मक्का शहर जाते हैं।

Hundreds died during this year's Hajj pilgrimage in Saudi Arabia amid  intense heat, officials say | Fox 59

हज के 5 चरण होते हैं…

1. अहराम: हज पर जाने वाले सभी यात्री यहां से एक खास तरह का कपड़ा पहनते हैं, जिसे अहराम कहा जाता है। इसे सिला नहीं जाता। यह एक सफेद रंग का कपड़ा होता है। हज पर जाने वाली महिलाओं को अहराम पहनने की जरूरत नहीं होती।

2. उमरा: मक्का पहुंचकर जायरीन सबसे पहले उमरा करते हैं। उमरा साल में कभी भी किया जा सकता है। हज के दौरान इसे करना अनिवार्य नहीं है।

3. मीना और अराफात का मैदान
हज की शुरुआत इस्लामिक महीने जिल-हिज की 8वीं तारीख से होती है। इस दिन हाजी मक्का से 12 किमी दूर मीना शहर जाते हैं। इसके अगले दिन वे अराफात के मैदान पहुंचते हैं। यहां खड़े होकर हाजी अल्लाह को याद करते हैं। शाम को वे मुजदलफा शहर जाते हैं। दस तारीख की सुबह जायरीन वापस मीना शहर लौटते हैं।

4. जमारात
मीना लौटने के बाद सभी यात्री एक खास जगह पर जाकर शैतान को पत्थर मारते हैं। यह एक सांकेतिक प्रक्रिया है। इसे जमारात कहा जाता है। इसके बाद बकरे या भेड़ की कुर्बानी दी जाती है।

5. ईद-उल-अजहा
V के अंत में यात्री मक्का वापस लौटते हैं और काबा के 7 चक्कर लगाते हैं। इसे तवाफ कहा जाता है। इसी दिन पूरी दुनिया में बकरीद मनाई जाती है। इस्लामिक महीने की 12 तारीख को आखिरी बार तवाफ और दुआ करने के बाद हज की यात्रा पूरी होती है।

Report By :- SANA KHAN, INTERNATIONAL DESK, NATION EXPRESS, सऊदी अरब

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