NATION EXPRESS BUREAU, बंगाल
बंगाल में चंद महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन तैयारियों का बिगुल काफी पहले ही बज गया, और उसके साथ शुरू हो गया बगावत का दौर… यानी तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी से बगावत…राज्य के राजनीतिक समीकरणों में इस कदर बदलाव आया कि महज डेढ़ साल में टीएमसी के कुल चार सांसद और 14 विधायक भाजपाई हो गए। बगावत की इस कड़ी में सबसे ताजा नाम जुड़ा है पश्चिम बंगाल के वन मंत्री राजीव बनर्जी का, लेकिन उससे पहले दीदी को कब-कब राजनीतिक झटके लगे और इनकी शुरुआत कब से हुई…जानते हैं इस खास रिपोर्ट में..
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2019 में तेज हुई आवाजाही
बंगाल में तृणमूल के दिग्गज नेताओं के भगवा रंग में रंगने की शुरुआत साल 2019 के लोकसभा चुनाव से चंद महीनों पहले शुरू हुई। सबसे पहले मुकुल रॉय ने भाजपा का दामन थामा और उसके बाद अनुपम हाजरा, सौमित्र खान आदि सांसद भाजपा में शामिल हो गए। इस बीच विधायक अर्जुन सिंह भी भाजपाई बने और उसका इनाम लोकसभा चुनाव में बतौर सांसद मिल गया।
विधानसभा चुनाव से पहले लगी झड़ी
अब बंगाल में विधानसभा चुनाव 2021 को लेकर दांव-पेच का दौर शुरू हो चुका है। शुरुआती आंकड़ों में भाजपा बाजी मारती नजर आती है, क्योंकि वह अब तक टीएमसी के एक सांसद और 13 विधायकों को अपने खेमे में शामिल कर चुकी है।
इन दिग्गजों ने छोड़ा दीदी का साथ
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह के पिछले दौरे से अब तक सुवेंदु अधिकारी और शीलभद्र दत्ता आदि दिग्गज नेता भाजपा में शामिल हो गए। इनमें सांसद सुनील मंडल के अलावा विधायक मिहिर गोस्वामी, अरिंदम भट्टाचार्या, राजीव बनर्जी, तापसी मंडल, सुदीप मुखर्जी, सैकत पांजा, अशोक डिंडा, दीपाली बिस्वास, शुक्र मुंडा, श्यांपदा मुखर्जी, बनश्री मैती और बिस्वजीत कुंडू भी शामिल हैं।
ऐसे मिली दीदी को राहत
पतझड़ की तरह दिग्गज नेताओं के भाजपा में शामिल होने के बीच ममता बनर्जी को कुछ राहत भी मिली है। दरअसल, विधायक जितेंद्र तिवारी इस्तीफा देने के 48 घंटे बाद टीएमसी में वापस लौट आए। वहीं, सांसद शताब्दी रॉय ने दलबदल की अटकलों पर विराम लगाते हुए टीएमसी में ही रुकने का एलान कर दिया। इसके अलावा सांसद सौमित्र खान की पत्नी सुजाता मंडल भाजपा को अलविदा कहकर टीएमसी में शामिल हो गईं।
क्या फिर मचेगी टीएमसी में भगदड़?
गौरतलब है कि अमित शाह के पिछले बंगाल दौरे के वक्त टीएमसी के कई नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया था। इसकी शुरुआत सुवेंदु अधिकारी के इस्तीफे से हुई थी और इस बार राजीव बनर्जी का इस्तीफा कुछ वैसे ही संकेत दे रहा है। दरअसल, 23 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल जा रहे हैं। वह यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत करेंगे। इसके अलावा 30 जनवरी को गृहमंत्री अमित शाह एक बार फिर बंगाल आएंगे। उधर, भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय 40 से ज्यादा तृणमूल विधायकों के अपने संपर्क में होने का दावा करके पहले ही खलबली मचा चुके हैं।
रिपोर्ट : NATION EXPRESS BUREAU, बंगाल