बलिदान पुलिसकर्मी और पदाधिकारी के परिजनों के लिया फरिश्ता बने DIG नौशाद आलम ! अनुकंपा में 250 लोगों की दी नौकरी
SPECIAL DESK, NATION EXPRESS, RANCHI
झारखंड पुलिस के सभी पुलिसकर्मी पदाधिकारी पूरी ईमानदारी और पूरे जोश के साथ काम करते हुवे नजर आते हैं, और जब बात नक्सलियों के खिलाफ चलने वाले ऑपरेशन की करें तो सभी पुलिस के जवान और अधिकारी भीअपनी जान निछावर करने से पीछे नहीं हटते, लेकिन जब वही पुलिस कर्मी और पदाधिकारी नक्सलियों के खिलाफ मैदान-ए-जंग में अपनी जान गवा कर शहीद हो जाते हैं तो उनके परिवार पर किया गुजरती है वह तो अनाथ बच्चा और बेबस पत्नी ही बता पाती है वहीं युद्ध के मैदान में कोई पुलिसकर्मी और पदाधिकारी जब नक्सलियों को गोली का शिकार होकर अस्पताल में भर्ती हो जाता है और वहां अपनी जान गवा बैठता है तो उसके परिवार पर किया गुजरती है यह शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, लेकिन नौकरी के लिए अपनी जान गंवाकर शहीद हुए पुलिसकर्मी और पदाधिकारी के परिवार वालों को उस समय और मुसीबत का सामना करना पड़ता है जब दो वक्त की रोटी भी उन्हें नसीब नहीं होती, शाहिद के परिवार वाले दर-र की ठोकर खाने के लिए मजबूर होते हैं,
यही हाल है झारखंड पुलिस का, पिछले 5 सालों से बलिदान देने वाले पुलिसकर्मी और पदाधिकारी के परिवार वाले नौकरी के लिए तरस रहे थे, गौर तलब है कि ऑन ड्यूटी बलिदान देने वाले पुलिसकर्मी और पदाधिकारी के परिवार वालों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का प्रावधान है लेकिन पिछले 5 सालों से झारखंड पुलिस मुख्यालय में अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने वालों की फाइल धूल फांक रही थी, झारखंड पुलिस मुख्यालय में शहीद हुए पुलिसकर्मी और पदाधिकारी के प्रयास होने वाला कोई नहीं था, उसके बाद हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड के तेज तर्रार और ईमानदार आईपीएस ऑफिसर नौशाद आलम को झारखंड के डीआईजी कार्मिक के पद पर तैनात कर दिया,
1 जनवरी 2024 को आईपीएस नौशाद आलम ने डीआईजी कार्मिक के पद पर योगदान दिया, योगदान देते ही पूरे एक्शन में नजर आए आईपीएस नौशाद आलम, आईपीएस नौशाद आलम ने वह कर दिखाया जो आज तक किसी ने नहीं किया था, शाहिद पुलिसकर्मी और पदाधिकारी के परी के परिवार वालों की अनुकंपा के आधार पर नौकरी वाली फाइल जो धूल फांक रही थी, उस फाइल को अपने गोपनीय शाखा के कर्मचारियों की मदद से उसे फाइल पर काम करना शुरू किया और अपने वरीय पदाधिकारी के दिशा निर्देश पर शहीद हुए पुलिसकर्मी और पदाधिकारी के परिवार वालों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की मूवी में जुड़ गए, पिछले 5 सालों से अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने वाले शाहिद के परिजनों की आंखों में खुशियों के आंसू छलक पड़े, आईपीएस नौशाद आलम ने दिन-रात कड़ी मेहनत कर जनवरी 2024 से 13 दिसंबर तक शाहिद पुलिसकर्मी और पदाधिकारी के 250 परिवार वालों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी,
इनमें 19 को बाल आरक्षी, नौ को महिला आरक्षी व शेष को पुरुष आरक्षी के पद पर नियुक्त किया गया है। उन्हें नियुक्ति के साथ ही विभिन्न जिला-इकाइयों में पदस्थापित किया गया है। बाल आरक्षी बालिग होने के बाद आरक्षी के रूप में अपना कार्यभार संभालेंगे। जब तो वो बालिग रहेंगे उन्हें आधी सैलरी ही दो जाती है,
Report By :- SHWETA JHA, SPECIAL DESK, NATION EXPRESS, RANCHI