ईडी ने पूछा… किसके कहने पर जमीन की मापी करने गए: भानु बोला- CO मनोज ने मांगी थी रिपोर्ट, कहा था-जमीन बॉस की है, BOSS मतलब CM
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बड़गाई अंचल के बरियातू स्थित 8.46 एकड़ जमीन मामले में पूछताछ के लिए ईडी की टीम तत्कालीन राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप को जेल से अपने कार्यालय ले गई। टीम उसे लेकर 11:30 बजे कार्यालय पहुंची और पूछताछ शुरू कर दी। भानु प्रताप अभी ईडी की रिमांड पर है।
जांच एजेंसी ने भानु से पूछा-उस जमीन की मापी के लिए किसने कहा था। किसे-किसे अपने साथ ले गए थे। जवाब में भानु ने बताया कि डीएवी बरियातू के पीछे पत्थर की बाउंड्री के अंदर की जमीन को अंचल अमीन के साथ नापी करने और विस्तृत विवरण देने का आदेश तत्कालीन अंचल अधिकारी मनोज कुमार ने दिया था।
मनोज कुमार ने यह भी कहा था कि जमीन बॉस की है। भानु ने ईडी को एक बार फिर पूछताछ में बताया है कि वह अमीन शशिंद्र महतो को साथ लेकर उक्त जमीन की मापी करने के लिए गया था। वहां एक-एक प्लॉट का अवलोकन किया। फिर उस जमीन का खतियान और पंजी टू की स्थिति पेज संख्या के साथ एवं जमीन की भौतिक स्थिति के साथ विस्तृत विवरण तैयार किया और अंचल अधिकारी को दे दिया।
ईडी ने पूछा कि बॉस शब्द का प्रयोग किसके लिए किया जाता है तो उसने बताया कि अंचल अधिकारी मनोज कुमार के ग्रुप में बॉस शब्द का प्रयोग मुख्यमंत्री जी के लिए किया जाता है। ईडी ने इस सवाल-जवाब को क्रॉस करने के लिए मंगलवार को उक्त अमीन शशिंद्र महतो को भी बुलाया था जिसे लेकर भानु प्रताप प्रसाद जमीन की मापी करने गया था।
शशिंद्र महतो का बयान भी ईडी ने रिकॉर्ड किया है कि उसने किसके कहने पर उक्त भूमि की नापी की। उसने भी स्वीकार किया है कि वह भानु प्रताप के कहने पर उक्त जमीन की मापी करने के लिए गया था।
धनबाद के जगन की कंपनी ने 250 करोड़ का अवैध बालू बेचा
जगन सिंह व सतीश सिंह समेत उनकी कंपनी आदित्य मल्टीकॉम के खिलाफ बिहार के औरंगाबाद व रोहतास जिलों में बालू के अवैध खनन व बिक्री से जुड़े 24 केस को ईडी ने कार्रवाई का आधार बनाया है। जांच एजेंसी का दावा है कि पिता-पुत्र की कंपनी ने बालू के अवैध धंधे से बिहार सरकार को 249.63 करोड़ की चपत लगाई है। अवैध, कमाई को अचल संपत्ति में निवेश किया।
जिस दिन हेमंत के दिल्ली आवास पर पड़े थे ईडी के छापे, उसी दिन एसएआर कोर्ट ने जमीन असली रैयत को लौटाने का आदेश दिया था
बरियातू की जिस 8.46 एकड़ जमीन को लेकर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी हुई, एसएआर कोर्ट ने 29 जनवरी को ही उसे असली रैयत को वापस करने का आदेश दिया था। अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में इसकी जानकारी देते हुए हेमंत ने खुद को निर्दोष बताया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली और याचिका खारिज हो गई। जिस दिन एसएआर कोर्ट का फैसला आया था, उसी दिन ईडी ने हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की थी।
हेमंत सोरेन ने याचिका के साथ एसएआर केस नंबर 81/23-24 में रांची की स्पेशल रेगुलेशन अधिकारी मनीषा तिर्की की अदालत से 29 जनवरी को जारी आदेश की कॉपी भी संलग्न की थी। यह केस राजकुमार पाहन बनाम बुधन राम व अन्य से संबंधित था, जिसमें एसएआर कोर्ट ने अंचल अधिकारी की रिपोर्ट की समीक्षा के बाद यह आदेश दिया था। कहा था कि यह जमीन सीएनटी एक्ट के अधीन है, जिसकी गलत तरीके से खरीद-बिक्री व जमाबंदी की गई है। उस जमीन पर गलत तरीके से की गई जमाबंदी को रद्द कर उसपर बने ढांचे को नष्ट कर जमीन मूल रैयत को वापस करें।
गौरतलब है कि जमीन की जांच रिपोर्ट में बड़गाई अंचल के अधिकारियों ने बताया था कि आवेदक राजकुमार पाहन के नाम पर बाकास्त भुइहरी पहनई जमीन और बुधु पाहन व अन्य के नाम पर कुछ जमीन है। इस जमीन की कई गैर आदिवासियों ने अवैध तरीके से खरीद-बिक्री की और उनके नाम पर जमाबंदी है। कोर्ट से उन्हें नोटिस दिया गया, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। जिसके बाद आदेश जारी हुआ।
आर्किटेक्ट बिनोद से भी जांच एजेंसी की पूछताछ
ईडी ने तीन जनवरी को आर्किटेक्ट बिनोद सिंह के आवास और रोस्पा टावर स्थित कार्यालय में भी छापेमारी की थी। उनके कार्यालय से ईडी को जमीन से संबंधित कई दस्तावेज हाथ लगे थे। इसी संबंध में ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए मंगलवार को ईडी ऑफिस बुलाया था। ईडी ने बिनोद सिंह से भी लंबी पूछताछ की। ईडी सूत्रों के अनुसार बिनोद सिंह से भी उन्हें जमीन घोटाला मामले में कई अहम जानकारी हाथ लगी है। बिनोद सिंह हेमंत सोरेन के करीबी बताए जाते है। हेमंत सोरेन भी ईडी की पांच दिनों की रिमांड पर हैं। सूत्रों के अनुसार रिमांड अवधि खत्म होने के बाद जांच एजेंसी फिर कोर्ट से रिमांड बढ़ाने का आग्रह करेगी।
Report By :- ANKITA PANDEY, NEWS DESK, NATION EXPRRESS, RANCHI