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वन विभाग के कर्मियों ने सोमवार से काम ठप कर हड़ताल शुरू कर दिया । ये झारखंड राज्य सरकारी मोटरयान चालक संघ और झारखंड वन विभागीय कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के तत्वावधान में प्रदर्शन कर रहे हैं। डोरंडा स्थित वन भवन के मुख्य गेट के आगे ही हड़ताल पर बैठ गए हैं और वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
हड़ताल में दैनिक वेतन भोगी चालक, डेटा एंट्री ऑपरेटर और कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं। इस हड़ताल में राज्य भर में वन विभाग में कार्यरत 689 से ज्यादा कर्मी शामिल हैं। हाथों में तख्तियां लिए ये गेट पर नारेबाजी कर रहे हैं। इनकी नाराजगी इस बात से है कि दो दशक तक काम करने के बाद भी सरकार इन्हें बिचौलिए के अधीन करना चाह रही है। यहां आउटसोर्सिंग पर कर्मचारियों की नियुक्ति की तैयारी की जा रही है। आंदोलनरत कर्मी इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
क्यों कर रहे हैं आंदोलन
मोटर चालक संघ के उपाध्यक्ष राजन राज ने बताया कि हम पिछले 15-20 वर्षों से विभाग में काम कर रहे हैं। हमें नियमित करने की बजाय सरकार निकालने की तैयारी कर रही है। आउटसोर्सिंग पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि हमारी मांग है कि आउटसोर्सिंग की प्रक्रिया को तुरंत रद्द किया जाए। साथ ही जिनकी सृजित पद है उनका जिला स्तर पर समायोजन किया जाए और जिनका पद नहीं है उनके लिए पद सृजित किया जाए। जब तक ये हो नहीं जाता, आंदोलन जारी रहेगा।
आउटसोर्सिंग से हमारा पैसा बिचौलियों को जाएगा
कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के दीपक कुमार पाठक ने बताया कि 15-20 साल से कार्यरत इन कर्मियों के कार्यों को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है। सरकार हमें कंपनी के अधीन काम कराना चाहती है। ताकि हमारे हिस्से की राशि का बंदरबांट किया जाए। आधा पैसा सरकार अपने पास रखे और आधा उस एजेंसी के पास जाए जिनके मार्फत से यहां नियुक्ति कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि इसीलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं।
Report By :- SHADAB KHAN, NEWS DESK, NATION EXPRESS, RANCHI