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पांच युवा लापता, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पर अपहरण करने का आरोप

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न्यूज डेस्क, NATION EXPRESS, नई दिल्ली

भारत-चीन सीमा पर स्थित अपर सुबनसिरी जिले के पांच युवकों का कोई पता नहीं चल पाया है। इन युवकों को कथित तौर पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अगवा किया है। जिले के नाचो इलाके के पांच युवक जंगल में शिकार करने गए थे, उन्हें कथित तौर पर पीएलए ने अगवा कर लिया। अरुणाचल प्रदेश की पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी

ये युवक सेना के लिए कुली और गाइड का काम करते थे। बीते शुक्रवार को उनके परिजनों ने सोशल मीडिया पर उनके लापता होने की जानकारी दी। समूह के दो सदस्य घर लौटे और उन्होंने बाकी के पांच युवकों के परिवारों को बताया कि सेरा-7 से चीन के सैनिक उन्हें ले गए। सेरा-7 सेना का गश्ती क्षेत्र है जो नाचो के उत्तर में 12 किमी की दूरी पर स्थित है।
नाचो मैकमोहन लाइन पर अंतिम प्रशासनिक क्षेत्र है और यह जिला मुख्यालय दापोरजियो से 120 किमी की दूरी पर स्थित है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के संभवत: अपहृत किए गए पांच युवकों के बारे में भेजे गए ‘हॉटलाइन मैसेज’ का चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की ओर से जवाब आने का इंतजार किया जा रहा है।

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India accuses China of fresh ′military provocation′ on Himalayan border |  News | DW | 31.08.2020

तेजपुर में रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडे ने कहा, ‘हमने अपने दलों को अलर्ट कर दिया है और वे असैन्य प्रशासन के संपर्क में लगातार बने हुए हैं। अपर सुबनसिरी के एसपी ने बताया कि उनके पास अभी तक लापता होने की शिकायत नहीं आई है।’

इससे पहले, इस घटना के बारे में अपर सुबनसिरी के पुलिस अधीक्षक तारू गुस्सार ने कहा, ‘हमें स्थानीय सूत्रों से पता चला कि तागिन समुदाय के पांच लोगों को नाचो के निकट जंगल से पीएलए ने अगवा कर लिया। युवक वहां शिकार पर गए थे। अभी तक किसी ने पुलिस के पास लापता की औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं करवाई है।’

उन्होंने कहा कि सैन्य बलों के पास भी शिकायत नहीं आई है जो एलएसी पर रणनीतिक महत्व के इलाकों की रक्षा करते हैं। गुस्सार ने कहा, ‘हम तथ्य का सत्यापन करने की कोशिश कर रहे हैं और सेना के संपर्क में निरंतर बने हुए हैं। स्थानीय लोगों को एलएसी से पीएलए द्वारा अगवा करने और बाद में छोड़े जाने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।’

ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टुडेंट्स यूनियन ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों से युवकों की जल्द एवं सुरक्षित रिहाई की मांग की। उसने कहा, ‘यह इस तरह की इकलौती घटना नहीं है, पहले भी पीएलए लगातार इस तरह की घटनाओं को अंजाम देता रहा है।’

जो युवक कथित तौर पर अगवा किए गए हैं उनकी पहचान टोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगटू एबिया, तनु बाकेर और गारू डिरी के रूप में हुई है। इससे पहले मार्च में भी पीएलए ने मैकमोहन लाइन से एक युवक को पकड़ लिया था। उसे 19 दिन कैद में रखने के बाद छोड़ा गया था।

भारत-चीन ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत फिर बेनतीजा
भारतीय और चीनी सेनाओं ने तनाव को कम करने के प्रयासों में पूर्वी लद्दाख में रविवार को एक और दौर की वार्ता की। हालांकि, सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दोनों पक्षों द्वारा पिछले हफ्ते बनी टकराव की स्थिति के बाद अतिरिक्त सैनिकों तथा हथियारों को पहुंचाने के कारण स्थिति नाजुक बनी हुई है।

Tensions Between China and India Could Lead to War

सूत्रों ने कहा कि चुशूल के पास करीब चार घंटे तक चली ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत में कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना अत्यधिक उच्च स्तर की सतर्कता बरत रही है और इलाके में किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है।

सूत्रों के मुताबिक क्षेत्र में कुल मिलाकर हालात नाजुक बने हुए हैं। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख स्थित पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित भारतीय इलाके पर कब्जे के लिए चीन द्वारा 29 अगस्त और 30 अगस्त को की गई असफल कोशिश के बाद एक बार फिर तनाव बढ़ गया है।

भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिण में रणनीतिक रूप से अहम कई ऊंचाई वाले स्थानों पर मुस्तैदी बढ़ा दी है। चीन की घुसपैठ की कोशिश के मद्देनजर भारत ने अतिरिक्त जवानों को भेजा है और संवेदनशील इलाकों में हथियारों की तैनाती की है।

 

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