हेमंत की ताजपोशी आज शाम 4 बजे ! ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान दुल्हन की तरह सजधज कर तैयार, गवाह बनेंगे कई राजनीतिक धुरंधर
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झारखंड: हेमंत सोरेन CM पद की चौथी बार शपथ लेंगे, विपक्षी एकता का दिखेगा दम; लाखों की भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन
झारखंड राज्य का ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान सजधज कर तैयार है। यहां आज देशभर से आमंत्रित राजनीतिक धुरंधर जुटेंगे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ताजपोशी के साक्षी बनेंगे। प्रशासन ने इस अवसर को सफल बनाने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर ली है। पिछले तीन दिनों से कार्य में आशा के विपरीत तेजी लाई गई है और मोरहाबादी मैदान को आम एवं खास के लिए सजाकर तैयार कर लिया गया है। मैदान के आस-पास लगने वाले दुकानों, ठेलों एवं खोमचों वालों को इस विशेष अवसर के लिए अपनी दुकानें बंद रखने के आदेश दिये गये हैं। मैदान परिसर को सुरक्षा के दृष्टिकोण से चहुंओर से बैरिकेडिंग कर दिया गया है। शहर को भी विभिन्न वाहनों के लिए कई रूट में बांट दिया गया है। हालांकि यह तैयारी केवल प्रशासनिक स्तर पर नहीं है बल्कि राजनीतिक स्तर पर इस अवसर की भव्य तैयारी की गई है। इससे पूर्व राज्य में राजनीतिक शपथ ग्रहण कार्यक्रम की न तो इस तरह की तैयारी और उत्साह कभी देखा गया और ना ही कभी महसुस किया गया। गठबंधन कार्यकर्ताओं का उत्साह तो चरमसीमा पर है। यह उत्साह होनी भी चाहिए। जिस अकेले शख्स ने भारतीय जनता पार्टी के चक्रव्यूह को देखते ही देखते तोड़ दिया। उसके सहयोगी दलों को जमीन पर जोरदार पटखनी दी। सारे एक्जिट पोल का तिलिस्म चकनाचूर कर दिया और इसके साथ ही साथ भाजपा के स्थानीय एवं बाहरी सुरमाओं को मुंह दिखाने और खोलने के लायक नहीं छोड़ा, ऐसे में तो उत्साह बनता ही है। यही कारण है कि इस बार का मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह प्रत्येक दृष्टिकोण से खास है। देशभर के राजनीतिक विद्वान इस कार्यक्रम पर अपनी नजरें बनाये हुए हैं लेकिन ये और बात है कि राष्ट्रीय स्तर के न्यूज चैनल को ये सब नहीं दिखता। उन्हें बस उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की राजनीति दिखती है या फिर बकवास क्राईम विश्लेषण करना है। चुनाव पूर्व हेमंत और उनकी पत्नी कल्पना के खिलाफ जिस तरह से परिस्थितियां विपरीत कर दी गई थीं, उसको जनता ने हाथों-हाथ लिया और अपने नायक को भारी मतों से विजयी बनाया और सरकार में फिर से स्थापित कराने का रास्ता तैयार किया। ये जनता जनार्धन का ही आशीर्वाद है कि आज का ये सुनहरा पल हेमंत दम्पति को मिला है, जिसके गवाह स्थानीय जनता के साथ-साथ देशभर से आये शुभचिंतक भी होंगे।
आसान नहीं होगी राह, कांटे बोये जायेंगे
सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की राह आसान नहीं होगी। उनकी राहों में फिर से एक बार कांटे बोये जायेंगे। इसकी तैयारी शुरू भी हो गई होगी। लेकिन इस पर चिंता की बात नहीं क्योंकि हेमंत के पास कल्पना रूपी दुखहरणी है, जिन्होंने हेमंत की विपरीत परिस्थितियों में सारे दुख हर लिए और उनको सत्ता में मजबूती के साथ स्थापित कराया। हेमंत के जेल जाने के बाद इस नेत्री ने जो संघर्ष किया और चुनाव के दौरान जो मेहनत की, ये उसी का नतीजा है कि आज हेमंत शपथ ग्रहण के नायक होंगे। इसमें कोई संदेह नहीं कि कल्पना कई मायनों में हेमंत से बेहतर वक्ता हैं। जनता के साथ बात-चीत के दौरान वह काफी सहज दिखती हैं और स्थानीय भाषा के साथ स्वयं को शीघ्र ही समायोजित कर लेती हैं। संभवत: यही कारण है कि कल्पना मुर्मू सोरेन को लोगों ने बेटी और बहु दोनों का मान दिया और उन्हें सत्ता तक पहुंचाया।
14 वें मुख्यमंत्री के रूप में लेंगे शपथ
हेमंत सोरेन 28 नवंबर 2024 को 14 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। इससे पूर्व वे तीन बार मुख्यमंत्री पद का दायित्व निभा चुके हैं। पहली बार 13 जुलाई 2013 को वे मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए थे। इस समय उन्होंने राज्य को कुल एक वर्ष 168 दिन संभाला था। दूसरी बार 29 दिसंबर 2019 को उन्होंने सत्ता संभाली। कुल 4 वर्ष 35 दिन सत्ता संभालने के बाद ये भाजपा के चक्रव्यूह में फंस गये और जेल जाना पड़ा। जेल से ये बेदाग और परिपक्व होकर निकले और फिर से एक बार सत्ता की बागडोर अपने हाथों में 4 जुलाई 2024 से लिया। इसके बाद राज्य में विधानसभा चुनाव हुए और परिणाम सबके सामने है। इस चुनाव के बाद हेमंत सोरेन राज्य के एकलौते ऐसे मुख्यमंत्री होंगे, जिन्हें लगातार दूसरी बार राज्य की सत्ता संभालने का अवसर मिला हो।
56 सीट पर बन रही सरकार, एनडीए को 24 सीट
हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन को कुल 56 सीटें मिली हैं। इनमें झामुमो को अकेले 34, आईएनसी को 16, राजद को 4 एवं सीपीआई (एमएलएल) को 2 सीटें मिली हैं। वहीं, इसके विपरीत एनडीए गठबंधन को कुल 24 सीटें प्राप्त हुई हैं। इनमें भाजपा को 21, आजसू, जदयू एवं लोजपा (राम विलास) को 1-1 सीट मिली है।
चुनौतियां कम नहीं, सबको भेदना होगा
हेमंत के नेतृत्व में बनने वाली सरकार के समक्ष चुनौतियां कम नहीं हैं। एक ओर राजनीतिक शत्रुओं की ओर से घेराबंदी होगी तो दूसरी ओर राज्य एवं राज्यवासियों की समस्यायें होंगी। उच्च शिक्षा में जिस तरह प्रोफेसर सेवानिवृत्त हो रहे हैं और चोर दरवाजे से अतिथि शिक्षक के भरोसे उच्च शिक्षा को गढ़ा जा रहा है, वह राज्य एवं सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। इसे अतिशीघ्र साधना होगा। जेपीएससी के माध्यम से अविलंब निष्पक्ष नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करनी होगी ताकि राज्य के उच्च शिक्षा को धरातल पर लाया जा सके। जेएसएससी के माध्यम से भी सभी नियुक्तियां निष्पक्ष पूरी करनी होगी, जिसमें स्थानियता को केंद्र में रखना होगा। पुलिस विभाग में भी थाना से लेकर डीजीपी कार्यालय तक बाहरियों का कब्जा है, इसे ठीक करना होगा और प्रत्येक थाना में स्थानीय को तवज्जो देनी होगी। थाना प्रभारियों की सही मोनेटरिंग भी जरूरी है ताकि स्थानीय आदिवासी-मूलवासी को उनके उत्पीड़न से बचाया जा सके। ग्रामीण पंचायत को मजबूत करना होगा। उनकी समस्यायें स्थानीय स्तर पर ही सुलझाये जायें। किसानों की आय बढ़ानी होगी। आसमान छुती महंगाई को जमीन पर लाना होगा। आम लोगों की आय बढ़ाने के लिए ठोस पहल करनी होगी।
Report By :- MANISHA TIWARI / ADITI TIWARI, SPECIAL DESK, NATION EXPRESS, RANCHI