कोलकाता :- गर्मी के महीनों के दौरान खासकर रूप से एक पूर्णिमा की रात को, कई हॉर्शू क्रैब (एक प्रकार का केकड़ा) समुद्र के मध्य से तट पर अंडे देने के लिए आते हैं. दवा कंपनियों के लिए, हॉर्शू क्रैब (Horseshie Crab) काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. ये केकड़े दवाओं को सुरक्षित बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में काम करते हैं. प्रयोगशाला कर्मचारी हॉर्शू क्रैब को पकड़कर प्रयोगशाला में ले जाती हैं और उनके सेरूलियन रक्त प्रयोग में लाते हैं. वर्षों से हॉर्शू क्रैब कई वैक्सीन कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक है. यह जीव एक बार फिर इस साल सुर्खियों में आया क्योंकि देशों और कंपनियों ने कोविड-19 (COVID-19) के लिए एक प्रभावी टीका खोजने के लिए लगे हुए हैं. खबर है वैज्ञानिक अब इस खास केकड़े से ही कोरोना वायरस का टीका (Vaccine) तैयार कर रहे हैं.
हालांकि, चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए वास्तविक हॉर्शू क्रैब की रक्त को उपयोग करने के बजाय, कई दवा कंपनियां इनसे पुनः संयोजक फैक्टर सी (आरएफसी) का उपयोग करती हैं. कोरोनोवायरस रोगियों के मामले में आरएफसी के जीवाणु संदूषण को निर्धारित करने के लिए, दुनिया घोड़े की नाल केकड़े परिवार की दो लुप्तप्राय प्रजातियों के रक्त का परीक्षण करने के लिए तत्पर है. सबसे मजेदार बात ये है कि हॉर्शू क्रैब (Horeseshoe Crab) धरती पर लगभग 30 करोड़ साल से मौजूद हैं. इन केकड़े के 10 आंखें होते है. इस केकड़े का हल्का नीले रंग का खून काफी उपयोगी साबित हो रहा है.
ब्लूमबर्ग के अनुसार, इन केकड़ों को पकड़ना और उनके खून को प्रयोग में लाने में करीब $ 60,000 प्रति गैलन (लगभग 16,000 डॉलर प्रति लीटर) खर्च होता है, इसे ‘ब्लू गोल्ड’ का नाम दिया गया है.
हालांकि वन्यजीव संरक्षणकर्ता परीक्षण के लिए सिंथेटिक विकल्पों का उपयोग करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं, जिनमें परीक्षण वाले भी शामिल हैं, दवा कंपनियां इसके संभावित पेशेवरों और विपक्षों को समझने की कोशिश कर रही हैं. इस समय वन्यजीव संरक्षणवादियों के सामने सबसे बड़ा डर यह है कि आरएफसी या अन्य विकल्पों का उपयोग किए बिना, एक कोविड-19 (COVID-19) वैक्सीन बनाने का बोझ पूरी तरह से हॉर्शू क्रैब के रक्त पर पड़ेगा, जो समुद्री पारिस्थितिक तंत्र पर निर्भर करता है. मादा हॉर्शू क्रैब लगभग 1,00,000 अंडे देते हैं.
Report By :- Garima Singh (Kolkatta)