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अगर पीएम ने हमारी बातें नहीं सुनी और कानून रद्द न हुए तो अब धरने रेलवे ट्रैक पर होंगेः किसान नेता

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POLITICAL DESK, NATION EXPRESS, NEW DELHI

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से आंदोलन खत्‍म करने की गुजारिश की। उन्‍होंने कहा कि हम लोगों ने सरकार की ओर से किसानों को एक प्रस्‍ताव बनाकर भेजा था। इसमें किसानों के सभी सवालों का जवाब दिया गया था। इसके बावजूद यदि वे किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं इसका मेरे मन में बहुत कष्ट है। मैं किसान भाइयों को भरोसा देता हूं कि एमएसपी जारी रहेगी।

किसान नेता बोले, अब रोकेंगे ट्रेनें

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इधर किसान नेताओं ने कहा कि हमने 10 तारीख का अल्टीमेटम दिया हुआ था कि यदि प्रधानमंत्री ने हमारी बातों को नहीं सुना और कानूनों को रद्द नहीं किया तो सारे धरने रेलवे ट्रैक पर आ जाएंगे। आज की बैठक में ये फैसला हुआ कि अब रेलवे ट्रैक पर पूरे भारत के लोग जाएंगे। संयुक्त किसान मंच इसकी तारीख की जल्द घोषणा करेगा। सिंघु बॉर्डर से किसान नेता बूटा सिंह ने कहा है कि 14 तारीख को पंजाब के सभी DC ऑफिसों के बाहर धरने दिए जाएंगे।

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किसानों के पक्ष में फैसला ले सरकार

किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी कहते है कि बातचीत जारी रहनी चाहिए और हमारा भी यही मानना है। वहीं कृषि मंत्री कहते हैं कि यदि किसान उनके संशोधनों को मानेंगे तो ही बातचीत जारी रहेगी, नहीं तो नहीं होगी। फिर से हमारे ऊपर शर्त लगा दी जाती है… हम इसकी निंदा करते हैं। प्रधानमंत्री कुछ और, गृहमंत्री कुछ और कृषि मंत्री कुछ और बोल रहे हैं। विनती है कि हम एकजुट हैं और हमारी चुनी हुई सरकार को भी एकजुट होकर किसानों के पक्ष में फैसला लेना चाहिए…
सरकार बातचीत करने को तैयार : तोमर

इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की पहली मांग कानून निरस्त करने की है। सरकार का पक्ष है कि कानून के वो प्रावधान जिनपर किसानों को आपत्ति है उन पर सरकार खुले मन से बातचीत करने के लिए तैयार है। सरकार की कोई इगो नहीं है और सरकार को उनके साथ बैठकर चर्चा करने में कोई दिक्कत नहीं है। कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि किसानों की जमीन पर बड़े उद्योगपति कब्जा कर लेंगे ऐसी आशंकाएं गलत हैं।
जमीन पर नहीं होगा करार

उन्‍होंने कहा‍ कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पहले से ही देश के कई राज्यों में होती रही है। इस कानून के अंतर्गत एग्रीमेंट प्रोसेसर और किसान की फसल बीच ही होगा। किसान की जमीन से संबंधित कोई करार इसमें नहीं हो सकता है। रही बात एमएसपी की तो मैंने सबको भरोसा दिया है कि MSP चलती रहेगी। इस पर कोई खतरा नहीं है। MSP पर रबी और खरीफ फसल की खरीद इस साल बहुत अच्छे से हुई। मोदी जी के नेतृत्व में MSP को डेढ़ गुना कर दिया गया है…

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बिजली एक्ट पर शंकाएं दूर की

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि उनको ऐसा लगता है कि बिजली का कोई एक्ट आ रहा है जो किसानों के लिए थोड़ी तकलीफ पैदा करेगा। सरकार इस आशंका को भी दूर कर चुकी है। राज्य सरकारें बिजली वितरण कंपनियों को वर्तमान व्यवस्था के अनुसार ही, सब्सिडी की राशि हस्तांतरित करने की व्यवस्था संशोधन विधेयक में भी रहेगी। जैसा चल रहा है वैसा ही चलेगा। किसान भाईयों से आग्रह करता हूं कि सरकार के प्रस्‍ताव पर विचार करें। वे जब कहेंगे हम चर्चा को तैयार हैं…
कमजोर नहीं होने देंगे आंदोलन

वहीं सिंघु बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के नेता मनजीत सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा किसानों के आंदोलन को कमजोर करने की है, लेकिन ऐसा नहीं होगा। कई और किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहे हैं।

Report By:- MADHURI SINGH, POLITICAL DESK, NATION EXPRESS, NEW DELHI

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