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खबर का असर : झारखंड सरकार ने स्कूली बच्चों को दी बड़ी राहत, टाइमिंग में क्या बदलाव, सुबह 7 बजे से 11.30 तक चलेंगी कक्षा
रांची समेत पूरे राज्य में पर 40 के पार हो गया है जिसकी वजह से स्कूली बच्चों को गर्मी की तपिश में भी स्कूल जाना पड़ रहा था नेशन एक्सप्रेस ने झारखंड सरकार समेत रांची के DC का भी ध्यान आकृष्ट करवाया था खबर के माध्यम से के किस तरह से स्कूल से घर लौटने वाले बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इसके बाद नेशन एक्सप्रेस की खबर पर संज्ञान लेते हुए झारखंड सरकार में स्कूल के समय में बदलाव किया है
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रांची सहित पूरे राज्य में बढ़ेगी गर्मी:3 दिन में पारा 40 पार, मौसम केंद्र ने जारी की एडवाइजरी-दिन में 11 से 4 तक निकलने से बचें
गर्मी की तपिश से स्कूली बच्चों की बढ़ी परेशानी:गर्मी की बढ़ी तपिश! स्कूल से घर लौटने वाले बच्चों को लू लगने की बढ़ी आशंका
प्रचंड गर्मी से स्कूली बच्चे सबसे ज्यादा परेशान, बच्चों के गार्जियन स्कूल को बंद करने की कर रहे हैं मांग, गर्मी के कहर से परेशान हैं स्कूली बच्चे, सुबह 7 बजे से ही बढ़ जाती है तपिश
गर्मी के बढ़ते प्रकोप से आज हर वर्ग काफी दुखी है। दिन पर दिन मौसम में तापमान बढ़ता ही जा रहा है। लोग ही नहीं जीव जंतुओं का जीवन भी प्रभावित हो रहा है। सुबह के समय में लोगों को गर्मी लू के बीच अपने गण तत्व तक जाने के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसका सबसे बुरा प्रभाव स्कूली बच्चों पर पड़ रहा है। भीषण गर्मी के बीच स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर गहरा असर हो रहा है
बढ़ती गर्मी से स्कूल जाने वाले बच्चों को हो सकती है गंभीर बीमारियां : डॉ. रणदीप गुलेरिया मेदांता
झारखंड में चिलचिलाती गर्मी के कारण स्कूली बच्चों का हाल बेहाल
लू लगने के बाद के लक्षण :
हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट लैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना, मूर्छा आदि को पहचानें। यदि मूर्छा या बीमारी अनुभव करते है तो तुरन्त चिकत्सिीय सलाह लें। अपने घरों को ठण्डा रखें, पर्दे दरवाजे आदि का उपयोग करें। तथा शाम, रात के समय घर तथा कमरों को ठण्डा करने हेतु इसे खोल दें। पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें तथा बारम्बार स्नान करें। कार्य स्थल पर ठण्डे पीने का पानी रखें। कर्मियों को सीधी सूर्य की रोशनी से बचने के लिए सावधान करें।
बढ़ती गर्मी से स्कूल जाने वाले बच्चों को हो सकती है गंभीर बीमारियां, तप्ती धूप से ऐसे करें उनका बचाव
हर बढ़ते दिन के साथ गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। घर से बाहर निकलते ही लोगों का हाल बेहाल होने लग गया है, गर्मी अपने सबसे उच्च स्तर पर होगी तब स्कूल जाने वाले बच्चों को लू लगने जैसी बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
- गर्मी में डिहाइड्रेशन की समस्या बेहद आम हो जाती है। ऐसे में अगर आप अपने बच्चों को गर्मी से बचाना चाहते हैं तो उसे ज्यादा से ज्यादा पानी पीने के लिए कहें। ज्यादा पानी पीने से बच्चों को दिनभर के लिए अच्छी एनर्जी मिल जाएगी। पानी के अलावा आप अपने बच्चों को दिन में एक बार तो नींबू पानी, नारियल पानी और बेल या गन्ने का जूस पीने के लिए दे सकते हैं।
- गर्मी के मौसम में आप अपने बच्चे को दोपहर के समय खेलने से रोकें। सुबह 10 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक धूप सबसे ज्यादा होती है इसलिए इस समय खेलने से आपके बच्चे को लू लगने की संभावना बढ़ जाती है। शाम को 5 बजे के बाद गर्मी कम हो जाती है यह समय बच्चों के खेलने के लिए सही समय होता है।
- अगर आप बच्चों को गर्मी से बचाना चाहते हैं तो उन्हें हल्के वजन और रंग वाले कॉटन के कपड़े पहनाएं। हल्के रंग के कपड़े पहनने से गर्मी कम लगती है और शरीर ठंडा रहता है। अन्य कपड़ों की तुलना में कॉटन के कपड़े गर्मी के मौसम में ज्यादा फायदेमंद होते हैं। कॉटन के कपड़े ज्यादा पसीना सोखते हैं और स्किन रैशेज, खुजली जैसी समस्याओं से भी बचाते हैं।
- गर्मी के मौसम में बच्चे क्या खाते हैं यह चीज काफी मायने रखती हैं। क्योंकि जितना अच्छा खाना वह खाएंगे उतने ही हेल्दी वह रहेंगे। गर्मियों के मौसम में अपने बच्चों को ताजा और हल्का खाना खिलाएं। इसके अलावा बच्चों की डाइट में मौसमी फलों और सब्जियों को शामिल करना न भूलें।
- बड़े लोगों की तुलना में बच्चों की स्किन बहुत नाजुक होती है। गर्मी के मौसम में सीधा धूप के संपर्क में आने से बच्चों को स्किन एलर्जी जैसे सनबर्न और मुँहासे हो सकते हैं। ऐसे में घर से बाहर निकलने से पहले बच्चो को सनस्क्रीन जरूर लगाएं। इससे उनकी स्किन गर्मी से होने वाली समस्याओं से बची रहेगी।
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क्या कहते हैं चिकित्सक…
1 माह लोगों को ज्यादा परेशान करेगा डिहाइड्रेशन
“उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। क्योंकि बदलते मौसम को हमारा शरीर सहन नहीं कर पा रहा है। अभी एक माह लोगों को डिहाइड्रेशन ज्यादा परेशान करेगा। बुजुर्ग व बच्चों के प्रति ज्यादा सावधानी बरतें।”
– डॉ. सुदीप्तो, क्रिटिकल केयर, रिम्स
उल्टी-दस्त से शरीर में पानी की कमी हो जाती है
“पहले बच्चों को उल्टी-बुखार होता है। फिर 12 से 24 घंटे बाद पतले दस्त होने लगते हैं। उल्टी, दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसे इफेक्टिव डायरिया और डिहाइड्रेशन कहते हैं।”
-डॉ. वरुण कुमार, क्रिटिकल केयर, रिम्स
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बच्चा सुस्त है तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं
“गर्मी में उल्टी-दस्त होने पर लोग सोचते हैं कि जूस लाभदायक होता है। लेकिन जूस कच्चा होता है, नुकसान करता है। बच्चा अगर सुस्त हो रहा है तो उसे डॉक्टर को जरूर दिखाएं। ओआरएम का घोल पिलाते रहें।”
-डॉ. राजेश कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ
मौसम केंद्र ने आम लोगों को दी सलाह
- सीधे धूप में न जाएं, सुबह 11 से शाम चार बजे तक बाहर निकलने से बचें
- पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें, ओआरएस घोल भी लेते रहें
- धूप में निकलने से पहले सिर को अच्छी तरह से ढंक लें
- हीट स्ट्रोक होने पर बर्फ व ठंडे पानी का उपयोग करें, जरूरी हो तो तुरंत अस्पताल जाएं
- बच्चों और बुजुर्ग पर ज्यादा हीट स्ट्रोक का असर होता है, उन्हें बचाकर रखें
Report By :- PRIYA AHUJA / HEENA KHAN, EDUCATION DESK, NATION EXPRESS, RANCHI