CITY DESK, NATION EXPRESS, RANCHI
अलग राज्य के मूल्यों की रक्षा नहीं होने देने के विषयों को लेकर 10 सितंबर को मशाल जुलूस व 11 सितम्बर 2024 को झारखंड बंद का निर्णय लिया गया।
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की समीक्षा बैठक डोरंडा झंडा चौक स्थित केंद्रीय कार्यालय में हुई थी । बैठक में 2019 से लेकर आज 2024 तक राज्य सरकार द्वारा झारखंड आंदोलनकारियों लगातार हुई अपेक्षा, झारखंड आंदोलनकारियों के पुत्र पुत्रियों को रोजी- रोजगार व नियोजन की गारंटी नहीं होना, जेल जाने के बाध्यता समाप्त करते हुए सभी को सम्मान पेंशन राशि 50-50 हजार रुपए नहीं दिया जाना की, अलग राज्य के मूल्यों की रक्षा नहीं होने देने के विषयों को लेकर आज शाम मशाल जुलूस व कल झारखंड बंद रहेगा। झारखंड व आंदोलनकारियों को संवैधानिक अधिकार दो वरना झारखंड बंद का नारा दिया गया । राज्य में शहीद नीलांबर पीतांबर, शहीद भगत सिंह, मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा, कार्तिक उरांव उर्फ कार्तिक बाबा की प्रतिमा को राज्य के प्रशासनिक पदाधिकारी गण नहीं लगने दिया और वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश का आवमानना करके पूर्व राज्यपाल कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा लगाए जाने का मुखर विरोध किया गया।
मौके पर 24 अगस्त को निधन हुए झारखंड आंदोलनकारी प्रफुल्ल तत्व के निधन पर शोक सभा एवं श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
केंद्रीय अध्यक्ष विदेशी महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान एवं अपने बेटा -बेटियों के रोजी- रोजगार व नियोजन का अधिकार किसी को छिनने नहीं देंगे, हक मारी नहीं होने देंगे। झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक के प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों अस्तित्व एवं अस्मिता की रक्षा के लिए 10 सितंबर को मसाल जुलूस एवं 11 सितंबर को ऐतिहासिक बंद किया जाएगा झारखंड आंदोलनकारी अपने बाल बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरेंगे जो बूढ़े हो चले हैं वह खटिया पटिया चटाई लेकर रोड पर सोने का भी काम करेंगे। प्रत्येक आंदोलनकारी अपने साथ परंपरागत अस्त्र – शस्त्र भी लिए रहेंगे। दिकू एवं दमनकारी प्रशासनिक पदाधिकारियों के चेहरों को भी बेनकाब करना हैं। दक्षिणी छोटा नागपुर प्रजामंडल की अध्यक्ष श्रीमती रोजलीन तिर्की ने कहा कि देश के अंदर में सबकी अपनी अपनी पहचान हो गई है लेकिन आज झारखंडियों की अलग पहचान नहीं होना उनकी भाषा संस्कृति के मूल्य की रक्षा नहीं होना दुर्भाग्य की बात है। हम अपनी पहचान को मिटाने नहीं देंगे। हमारी भाषा संस्कृति कुरुख मुंडा हो संथाल खड़िया नागपुरी खोरठा पंचपरनिया कुरमाली का महत्व दिनों दिन घटता जा रहा है। हमारी भाषा संस्कृति के रक्षा नहीं हुई तो 11 सितंबर को झारखंड बंद ।
एक और उलगुलान का आगाज होगा
केंद्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने आय व्यय का विवरणी प्रस्तुत करते हुए कहा कि राज्य सरकार झारखंड अलग राज्य के संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करें आज हमारे लोग हास्य में जीवन जीने को व्यतीत है पलायन और विस्थापन करने के लिए मजबूर है चारों तरफ आंदोलनकारी में झारखंडियों में आक्रोश व्याप्त है 11 सितंबर को सड़क पर उतरने के लिए दिवस और लाचार है। केंद्रीय संयोजिका सरोजिनी कच्छप ने कहा कि आंदोलनकारी आज पुन: संघर्ष का एक इतिहास लिखने की दिशा में तैयार हैं। इस मौके पर के सरना समिति की अध्यक्ष निरंजन हेरेंज ने कहा कि झारखंड के लोगों को बाय माटी की रक्षा के लिए संघर्ष करते हुए शहादत देनी पड़ी तो घर-घर से निकले। गुमला जिला अध्यक्ष सीता राम उराव ने कहा कि हम लोगों ने अपने अधिकारों के लिए लड़े थे और आगे भी लड़ेंगे लेकिन अपने मूल्यों की रक्षा करके रहेंगे अपने जल जंगल जमीन खनिज संपदा की रक्षा हर हाल में करेंगे।
इस कार्यक्रम में ज्ञानमती कुजूर, जिदन कोल, बुधन हंसदा, दर्शन गन्झु, दीपक सिंह टाइगर, संजू तोप्पो, रामचंद्र राणा, मोती लाल महतो, उमेश महतो, समसिंगार महतो, प्रकाश उरांव, इंद्रदेव उराव, मदन मोहन महतो, पूर्णिमा देवी, इस्वरी देवी, मीना देवी, कमल प्रसाद साहू, सोमरा उराव, प्रदीप पाहन, बिरसा उरांव, सुधीर कुमार मेहता, राम सुंदर उरांव, विजय उरांव माइकल तिर्की प्रकाश खरखो मोहम्मद मुस्लिम अंसारी, जटाधारी साहू ,राम नंदन साहू, सीता देवी, टहल साहू, प्रयाग महतो, मो महबूब अंसारी सहित अन्य प्रमुख थे।
11 सितंबर को झारखंड बंद का आह्वान
10 सितंबर को मशाल जुलूस निकालेगा झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा
विष्णुगढ़:झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा और झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय बैठक विष्णुगढ़ इंटर कॉलेज मैदान में हुई, इस बैठक में प्रखंड अध्यक्ष दुलारचंद साव ने अध्यक्षता की और घनश्याम पाठक ने कार्यक्रम का संचालन किया। झारखंड आंदोलनकारी सह मोर्चा के प्रदेश संयोजक एंव राष्ट्रीय जनक्रांति मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव महमूद आलम मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
बैठक में महमूद आलम ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों ने जिन उम्मीदों के साथ अलग राज्य का सपना देखा था, वह पूरा नहीं हुआ है। राज्य में आज चारो तरफ भ्रष्टाचार, शोषण-दमन, अन्याय और अत्याचार का बोलबाला है। आंदोलनकारी उपेक्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को उठाने के लिए मोर्चा 11 सितंबर को झारखंड बंद का आह्वान करता है। इसके पूर्व 10 सितंबर की शाम मशाल जुलूस निकाला जाएगा और मोर्चा के सदस्य विष्णुगढ़ के सातमील मोड़ में चक्का जाम करेंगे।
इस बैठक में रवि सिंह, मेघलाल साव, गांगो महतो, दशरथ राय, इबरार अंसारी, रामकिशोर महतो, इशाक अंसारी, हेमलाल साव, करीमउद्दीन, गणेश प्रसाद, नुनू गोपाल, कामेश्वर पांडे, प्रेमचंद गुप्ता सहित दर्जनों लोग शामिल हुए।
Report By :- PLAK TIWARI, CITY DESK, NATION EXPRESS, RANCHI