रांची:- भाद्रपद माह के कृष्ण (KRISHNA) पक्ष की अष्टमी तिथि पर हर वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस बार 12 अगस्त को जन्माष्टमी है। इसमें भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण विष्णु जी के आठवें अवतार हैं। अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र के योग में इनका जन्म हुआ था। जन्माष्टमी पर लोग कान्हा जी के बाल स्वरूप की पूजा करते हैं। कई लोग अपने घरों में बाल गोपाल को रखते हैं। बाल गोपाल की पूजा और सेवा एक छोटे बच्चे की भांति की जाती है। मान्यता है कि लड्डू गोपाल की सेवा से घर की सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं। लड्डू गोपाल के प्रसन्न होने से व्यक्ति का मन बहुत प्रसन्न रहता है। लड्डू गोपाल भाव के भूखे होते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर आइए जानते हैं बाल गोपाल की पूजा कैसे और क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर घर पर रखे बाल गोपाल को स्नान, दिन के हिसाब से कपड़े का चयन कर उन्हें भोग लगाएं और आरती उतारें। बाल गोपाल की पूजा में प्रयोग की जाने वाली सभी सामग्रियों का शुद्ध होना जरूरी है। इसलिए पूजा के बर्तन को जरूर साफ करें।
बाल गोपाल को साफ जल और गंगाजल से प्रतिदिन स्नान जरूर करवाना चाहिए। स्नान करवाने के बाद चंदन का टीका लगाएं। बाल गोपाल के कपड़ों को रोजाना बदलें। इसके अलावा दिन के अनुसार अलग-अलग रंग वाले कपड़े ही पहनाएं जैसे सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को नारंगी, शनिवार को नीला और रविवार को लाल कपड़ा।
लड्डू गोपाल को भोग में मक्खन, मिश्री और तुलसी के पत्ते प्रिय होते हैं। इसलिए भोग में रोजाना इसे जरूर शामिल करें। रोजाना लड्डू गोपाल के श्रृंगार में उनके कान की बाली, कलाई में कड़ा, हाथों में बांसुरी और मोरपंख जरूर होना चाहिए।
श्रृंगार के बाद सबसे पहले भगवान गणेश की आरती उतारें फिर लड्डू गोपाल की। आरती के बाद अपने हाथों से उन्हें भोग लगाएं, झूला झूलाएं और फिर झूले में लगे परदे को बंद करना ना भूले। सुबह और शाम के दोनों वक्त लड्डू गोपाल की आरती और भोग लगाना जरूरी होता है।
विशेष शुभ अवसर और त्योहार पर उन्हें नए कपड़े और पकवान का भोग जरूर लगाएं। बाल गोपाल की पूजा और भोग लगाएं बिना खाना नहीं खाना चाहिए। उन्हें भोग लगाने के बाद भोजन प्रसाद बन जाएगा।
Report By :- Minakshi Singh (NATION EXPRESS DESK)