रांची :- महिला काव्य मंच’ की तमिलनाडु ईकाई के काव्य रसिक विगत वर्षों से ‘महिला काव्य मंच’ मासिक काव्य-गोष्ठी का नियमित रूप से आयोजन करते आ रहे हैं और इस गोष्ठी में स्थानीय कवि-कवयित्रियाँ बढ़ चढ़ कर अपनी सहभागिता दर्ज कराते आ रहे हैं। इसी क्रम को जारी रखते हुए आज मंच द्वारा काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया। आज की काव्य गोष्ठी के मुख्य विषय सावन, हरियाली, यादें और बारिश थे।
काव्य मंच की अध्यक्षा श्रीमती सरला विजय सिंह जी ने सभी कविगण का अभिनंदन और स्वागत किया। गोष्ठी का शुभारंभ श्रीमती रेखा चौहान जी द्वारा प्रस्तुत माँ शारदा की सरस्वती वंदना से हुआ।
राष्ट्रीय प्रभारी (दक्षिण प्रान्त) डॉ. मंजु रुस्तगी ने अपने उदबोधन में कहा कि यह मंच जिस त्वरित गति से विकास कर रहा है यह सबके सहयोग का ही परिणाम है। विषय परिस्थिति अनुरूप ही रखा गया है जो मन में आशा और आनन्द का संचार करता है। श्रीमती शोभा चोरड़िया ने उत्कृष्ट संचालन किया। इस काव्य गोष्ठी मे 23 कविगण ने शिरकत कर अपनी कविताओं का स्वाद चखाया—-
1- वासुदेवन शेष: बारिशों में भीगना भूल गए
2- मोहिनी चोरड़िया: आई सावन की बहार..
3- प्रह्लाद श्रीमाली: सावन और किसान
4- सुजाता गुप्ता: सावन हरे पत्तों वाला
5-शशिलेन्द्र कुमार गुप्ता: बदला हुआ सावन
6- शकुंतला करनानी: यादें कोरोना काल की
7- अनिल मोदी: सावन रिमझिम
8- पूजा पाराशर: मिलने को तरसते हैं
9- पमिता खिचा: सावन में साजन
10- मीत सिंह: ऐ दुनिया वालों मुझसे नफरत ना करो
11- रेखा सुमन: सावन की बूंदें
12- डॉली जी: बारिश और सावन
13- रविता भाटिया: हरियाली सावन में
14- सरिता सरगम: सावन का गीत
15- रोचिका अरुण शर्मा: जीवन पोथी
16- गुडिया चौधरी: सावन ॠतु रसराज
17- रेखा राय: राधा कृष्ण का झूला
18- रेखा चौहान: वीरा की थाली
19- सरोज सिंह: सावन के रंग
20- मंजु रूसतगी: देख सखी सावन आयो
21- शोभा चोरड़िया: बादल
22- सरला सिंह: आया सावन झूम के..
23- हर्षलता जी: कोरोना का सावन
श्रीमती सरला विजय सिंह जी ने सभी कविगण को इस काव्य गोष्ठी को सुरमयी एवं रसप्रिय बनाने के लिये हृदय से बधाई दी। सभी के सहयोग की प्रशंसा की और धन्यवाद किया…
Report By :- Sneha Singh (Ranchi)