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कोरोना को लेकर अपने घरों में ही नमाज अदा करने का आदेश, भीड़ लगने पर मस्जिद कमेटी पर होगी कार्रवाई
रमजान का मुबारक महीना चल रहा है और ऐसे में मुसलमान रमजान के मौके पर तरावी की नमाज मस्जिदों में अदा करते हैं लेकिन इस बार कोरोनावायरस के मद्देनजर सरकार ने 50% क्षमता के साथ मस्जिदों में नमाज अदा करने का फरमान जारी किया है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा के रमजान के मौके पर हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मस्जिदों में भीड़ ना लगाएं और 50% क्षमता के साथ ही लोग नमाज अदा करें और साथ ही मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करेंरमजान-उल-मुबारक के पहले जुमा की नमाज 16 अप्रैल को शहर की सभी मस्जिदों में अदा की गई। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मस्जिदों में नमाज अदा की गई। सभी मस्जिदों के खतीब ने जुमे की नमाज से पूर्व अपने तकरीर में लोगों से कहा कि जो बीमार हैं या बुजुर्ग हैं, वे अपने घरों में ही नमाज अदा करें।
साथ ही कहा- जब मस्जिदों में कोरोना को लेकर भीड़ कम लगाने की नसीहत दी जा रही है, तो बाजार में भीड़ लगाने की अनुमति कैसे दी जा सकती है। इस्लाम में भी वबा (बीमारी) के दौरान एहतियात बरतने का हुक्म है। इसलिए, बिना जरूरत के बाजार में न निकलें। मोहल्लों में भी भीड़भाड़ से बचते हुए अपने-अपने घरों में ही रहें।
इसलिए, हमारा फर्ज है कि सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए कोरोना की चेन को तोड़ें। क्योंकि, हजरत मोहम्मद (सल्ल.) ने बीमारी से बचने और परहेज करने की नसीहत दी है। उन्होंने इंसानी जान को बहुत अहमियत दी है। इस्लाम में सेहत को बड़ी नेअमत करार दी गई है। इसकी कद्र हम खुद नहीं करेंगे तो दूसरा नहीं करेगा।
सभी मस्जिदों में विशेष दुआ की गई
जुमा की नमाज के बाद इकरा मस्जिद, अहले हदीस मस्जिद व थड़पखना मस्जिद सहित शहर की सभी मस्जिदों में विशेष दुआ की गई। इसमें कोरोना बीमारी को शहर, राज्य, देश व पूरी दुनिया से खत्म करने की दुआ अल्लाह पाक से की गई।
जमात-फितरे की रकम से करें मरीजों की मदद : कासमी
इकरा मस्जिद के खतीब डॉ. ओबैदुल्लाह कासमी ने लोगों को बिना जरूरत बाजार नहीं जाने की नसीहत दी। अपील की कि जमात-फितरे की रकम से वैसे गरीब की मदद करें जो कोरोना की चपेट में आ गए हैं। जिनके पास दवा के पैसे नहीं हैं।
वबा में एहतियात बरतना लाजिम : मौलाना तौसिफ
अहले हदीस मस्जिद में हाफिज मौलाना तौसिफ मदनी ने बताया कि इस्लाम में किस प्रकार वबा (बीमारी) में एहतियात बरतने का हुक्म है। उन्होंने कहा कि मस्जिद और बाहर यानि बाजार में भी इसका ख्याल रखना होगा।
बेवजह घर से निकलना मौत को दावत देना है
जाफरिया मस्जिद के खतीब व इमाम मौलाना तहजीबुल हसन ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में इबादत करना है। दूसरों के भी सेहत का ख्याल रखना है। मस्जिदों में भीड़ की इजाजत नहीं तो बाजार में कैसे लगाई जा सकती है। बेवजह घर से निकलना मौत को दावत देना है।
Report By :- NEHA SINGH, NEWS DESK, NATION EXPRESS, RANCHI