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Bihar Elections 2020 : एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कई मौकों पर साफ किया है कि पार्टी बीजेपी के साथ पूरी तरह से खड़ी है। उनकी नाराजगी बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के रवैये से है। यही वजह है कि पार्टी केंद्र में एनडीए के साथ है, लेकिन बिहार में ‘एकला चलो’ की रणनीति पर विचार कर रही है।
पटना
बिहार में सत्ताधारी एनडीए गठबंधन में टूट लगभग तय मानी जा रही है। जेडीयू से लगातार नाराज चल रही लोक जनशक्ति पार्टी शनिवार शाम गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर सकती है। यही नहीं माना जा रहा कि पार्टी बिहार चुनाव में अकेले उम्मीदवारी का दांव खेलेगी। खुद पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान इस पर आखिरी फैसला लेंगे। वहीं इस बदले सियासी घटनाक्रम में जो बात तो साफ तौर से उभर कर सामने आ रही, वो यही है कि एलजेपी का पूरा गुस्सा जेडीयू से है, बीजेपी से उसकी नाराजगी नहीं है। ऐसे में माना जा रहा कि पार्टी ‘मोदी से कोई बैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं…’ इसी नारे के साथ बिहार चुनाव में उतरेगी।
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केंद्र में जारी रहेगा एलजेपी-बीजेपी का साथ!
सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान अगर बिहार में एनडीए से अलग होने का ऐलान करते हैं तो भी एलजेपी खुद को बीजेपी के साथ गठबंधन के तौर पर ही खुद को पेश करेगी। केंद्र में एलजेपी का गठबंधन एनडीए के साथ रहेगा और रामविलास पासवान केंद्र सरकार में मंत्री बने रहेंगे। पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एलजेपी के वरिष्ठ नेता रामविलास पासवान और चिराग पासवान के नाम पर वोट मांगेगी करेगी। बीजेपी के खिलाफ एलजेपी उम्मीदवार नहीं उतारेगी लेकिन जेडीयू के खिलाफ हर सीट पर वह उम्मीदवार उतारेगी।
इसलिए नीतीश कुमार से नाराज हैं चिराग पासवान
एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान ने कई मौकों पर साफ किया है कि पार्टी बीजेपी के साथ पूरी तरह से खड़ी है। उनकी नाराजगी बिहार के सीएम नीतीश कुमार के रवैये से है। यही वजह है कि कई मौकों पर चिराग ने नीतीश सरकार के ‘सात निश्चय’ प्रोग्राम पर सवाल खड़े किए, इसे भ्रष्टाचार का पिटारा तक बता दिया। इससे पहले कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान कोटा से छात्रों को बिहार लाने का मामला हो या फिर प्रवासी मजदूरों की वापसी का मुद्दा, कई मौके पर चिराग पासवान ने नीतीश सरकार को घेरने की कोशिश की।
कहां फंसा पेंच, जो एलजेपी ले सकती है ‘एकला चलो’ का फैसला
यही नहीं बिहार चुनाव में एलजेपी की मांग है कि उनके ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ विजन डॉक्यूमेंट को सरकार लागू करे। इसके अलावा पार्टी ने 2015 विधानसभा चुनाव की तर्ज पर ही करीब 42 सीटों की मांग भी इस चुनाव में की, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, पार्टी को करीब 20 सीटें ही ऑफर की गई। जिसको लेकर एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीजेपी के दिग्गज नेता और गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की। हालांकि, ये माना जा रहा कि उनकी बातों को खास तवज्जो नहीं मिल सकी, जिसके बाद वो ‘एकला चलो’ की रणनीति अपनाने का फैसला ले सकते हैं।
143 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे चिराग पासवान
फिलहाल चिराग पासवान पार्टी संसदीय समिति की बैठक के बाद क्या फैसला लेंगे, इस पर सभी की निगाहें जरूर टिकी हैं। लेकिन ये तय माना जा रहा जेडीयू के खिलाफ एलजेपी उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर सकती है। ऐसा होने की मुख्य वजह ये भी है कि जेडीयू की ओर से भी कहा गया है कि उनका गठबंधन सिर्फ बीजेपी से ही है, एलजेपी से नहीं। ऐसे में चिराग पासवान बिहार चुनाव में 143 सीट पर उम्मीदवार उतारने का फैसला ले सकते हैं।
Report By :- DIVYA SAGAR, POLITICAL DESK, NATION EXPRESS, BIHAR