POLITICAL DESK, NATION EXPRESS, उत्तराखंड
उत्तराखंड में पिछले 3-4 दिन से चल सियासी ड्रामा बुधवार को खत्म हो गया। पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद और RSS के प्रांत प्रचारक रहे तीरथ सिंह रावत को राज्य का नया मुख्यमंत्री चुना गया। देहरादून में हुई पार्टी विधायक दल की बैठक में उनके नाम मुहर लगी। एक दिन पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ही मीटिंग में तीरथ सिंह के नाम का प्रस्ताव रखा। बाद में उन्होंने ही तीरथ के नाम का भी ऐलान किया। NATION EXPRESS के मुताबिक, तीरथ शाम 4 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
मैंने कभी भी यहां पहुंचने की कल्पना नहीं की
उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मुझ पर भरोसा करने के लिए लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी चीफ का धन्यवाद करता हूं। मैं पार्टी का ऐसा कार्यकर्ता हूं जो एक छोटे गांव से आता है। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं यहां पहुंचूंगा। मैं जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश करुंगा।
जनता के विश्वास पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा : तीरथ
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मैं केंद्रीय नेतृत्व का धन्यवाद करना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी है। मैं गांव से आया हुआ एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। मैंने इसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी। जनता के विश्वास पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। अब तक मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के लिए जो काम किए हैं, उसे हम आगे बढ़ाएंगे।
अटल जी से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ा : रावत
उन्होंने कहा कि वह संघ के लिए काम करते थे। कभी भी राजनीति में आने का नहीं सोचा था। बाद में अटल बिहारी वाजपेयी से प्रेरणा लेकर वे आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि वे त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ लंबे वक्त तक काम करते रहे हैं, पहले संघ में बतौर प्रचारक भी काम किया और उसके बाद पार्टी और सरकार के स्तर पर साथ में काम किया है। अभी भी वे उनके मार्गदर्शन में आगे काम करते रहेंगे।
कौन हैं तीरथ सिंह?
तीरथ सिंह रावत 9 फरवरी 2013 से 31 दिसंबर 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के चीफ रहे हैं। इससे पहले चौबटखल विधानसभा से 2012 से 2017 तक विधायक रहे। वर्तमान में वह भाजपा के नेशनल सेक्रेटरी हैं। उनका जन्म 9 अप्रैल 1964 को पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था। इससे पहले वे उत्तरप्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। 1997 में यूपी से विधायक भी रह चुके है। वे उत्तराखंड के पहले शिक्षामंत्री रहे हैं। वर्तमान में वे पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद हैं।
तीरथ 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक भी रहे हैं। इसके अलावा वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री भी रहे। उन्होंने समाजशास्त्र में MA और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वे हेमवती नंदन गढ़वाल यूनिवर्सिटी में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे थे।
रावत बोले- मैं 4 साल CM रहा, अब किसी और को मौका मिले
इस्तीफा देने के बाद रावत प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने कहा था कि भाजपा ने छोटे से गांव के कार्यकर्ता को इतना बड़ा सम्मान दिया। 4 साल मुझे सेवा करने का मौका दिया। पार्टी ने सामूहिक रूप से फैसला लिया है कि मुझे अब किसी और को यह मौका देना चाहिए।
कांग्रेस बोली- सरकार काम नहीं कर रही थी
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भी मान लिया है कि मौजूदा सरकार कुछ कर नहीं सकी है। अब मैं राज्य की सत्ता में बदलाव देख रहा हूं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे अब किसे लाएंगे। 2022 में भाजपा सत्ता में नहीं लौटने वाली।
पार्टी के विधायकों ने किया था रावत का विरोध
पार्टी के नाराज गुट का कहना था कि अगर त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री रहे तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। यहां तक कि पार्टी सत्ता से बाहर भी हो सकती है। पार्टी पर्यवेक्षकों ने 6 फरवरी को देहरादून जाकर पार्टी विधायकों से बात की थी। 7 फरवरी को दोनों दिल्ली लौट आए थे और अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष को दी थी।
Report By :- SHWETA SINGH RAWAT, POLITICAL DESK, NATION EXPRESS, उत्तराखंड