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‘SIR’ की तैयारी ! इस डॉक्यूमेंट के बिना नहीं साबित कर पाएंगे नागरिकता, झारखंड में SIR शुरू होने से पहले जान लें काम की बात

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CITY DESK, NATION EXPRESS, रांची

झारखंड में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR कार्यक्रम की तैयारी शुरू हो चुकी है. सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारी, कंप्यूटर ऑपरेटर और हेल्प डेस्क मैनेजर के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. गहन पुनरीक्षण के क्रम में 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाताओं की ‘पैतृक मैपिंग’ का कार्य किया जाना है. इस दौरान मतदाताओं को कई सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारी है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि ने तैयारियों की समीक्षा के दौरान कई निर्देश और सुझाव दिए हैं.

झारखंड में 'SIR' की तैयारी शुरू, 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान वोटर्स की  होगी 'पैतृक मैपिंग', बीएलओ की बढ़ी जिम्मेदारीवर्तमान मतदाताओं की होगी पैतृक मैपिंग

सीईओ ने इस बात पर जोर दिया है कि गहन पुनरीक्षण के दौरान मतदाताओं को कम से कम दस्तावेज समर्पित करने पड़े, इसके लिए 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाताओं की ‘पैतृक मैपिंग’ का कार्य तेजी से करना है. इसको लेकर सीईओ के. रवि कुमार ने निर्वाचन सदन से सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारी, कंप्यूटर ऑपरेटर और हेल्प डेस्क मैनेजर के साAथ समीक्षा बैठक की.

Jharkhand SIR: झारखंड में SIR से पहले होगी पैरेंटल मैपिंग, क्यों कराई जा  रही ये प्रक्रिया? - jharkhand voter list revision parental mapping for easy  documentationपंचायत और वार्ड स्तर पर लगाए जाएंगे कैंप

​मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने मैपिंग के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने को कहा है. निर्देश दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सभी पंचायत स्तर पर और शहरी क्षेत्रों में सभी वार्ड स्तर पर विशेष कैंप आयोजित किए जाएं. इन कैंपों में संबंधित मतदान केंद्रों के सभी बूथ लेवल ऑफिसर यानी बीएलओ अनिवार्य रूप से शामिल हो. बीएलओ द्वारा 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाता सूची के मतदाताओं को श्रेणीवार अधिकतम भौतिक रूप से मैप किया जाना है.उन्होंने आगे कहा कि भौतिक रूप से सत्यापित किए गए सभी श्रेणी के मतदाताओं का विवरण बीएलओ ऐप पर शत प्रतिशत दर्ज किया जाए और डिजिटल मैपिंग सुनिश्चित की जाए ताकि गहन पुनरीक्षण के कार्य के लिए त्रुटिरहित डेटा उपलब्ध हो सके.

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‘बुक ए कॉल विथ बीएलओ’ की सुविधा मिलेगी

कैंप बनाते समय हाईस्पीड इंटरनेट की सुविधा का ध्यान रखना है. कैंप में जरूरत के हिसाब से कंप्यूटर ऑपरेटर्स को रखना है. क्योंकि गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम की सफलता के लिए यह बेहद जरुरी है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने ECINET पर उपलब्ध ‘बुक ए कॉल विथ बीएलओ’ सुविधा की भी समीक्षा की. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं को बीएलओ से संपर्क कर अपने मतदाता पहचान पत्र और मतदाता सूची से संबंधित जानकारी के लिए ऑनलाइन माध्यम से सुविधा उपलब्ध कराई गई है: के. रवि कुमार, सीईओ

दरअसल, झारखंड में बीएलओ द्वारा इस सुविधा पर कम रिस्पोंस किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ‘बुक ए कॉल विथ बीएलओ’ की सुविधा का बेहतर प्रचार प्रसार करना है. इसके साथ ही जितने भी मतदाताओं के कॉल आए हैं उस पर रिस्पॉन्ड करते हुए संबंधित मामलों का निष्पादन करना है. समीक्षा बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुबोध कुमार, उप निर्वाचन पदाधिकारी धीरज ठाकुर, अवर निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुमार के अलावा ऑनलाइन माध्यम से सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारी, कंप्यूटर ऑपरेटर और हेल्पडेस्क मैनेजर जुड़े हुए थे.

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मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण में कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें हर मतदाता को अपनी प्रमाणिकता साबित करने के समय ध्यान में रखना होगा. सबसे पहले 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे मतदाता को अपनी जन्म तिथि और/या स्थान की सत्यता स्थापित करने के लिए केवल अपना एक वैध दस्तावेज देना होगा. यदि 2003 के मतदाता सूची में उनका नाम है तो बीएलओ द्वारा इसका विवरण इन्यूम्यूरेशन फॉर्म के साथ उपलब्ध करा दिया जाएगा.

इसके अलावे 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे मतदाता को अपने दस्तावेज के साथ-साथ अपने माता-पिता में से किसी एक का वैध दस्तावेज भी प्रस्तुत करना होगा. यदि 2003 के मतदाता सूची में उनका अथवा उनके माता-पिता का नाम है तो बीएलओ द्वारा इसका विवरण इन्यूम्यूरेशन फॉर्म के साथ उपलब्ध करा दिया जाएगा. 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे युवा मतदाता को अपना और अपने दोनों माता-पिता का वैध दस्तावेज फॉर्म के साथ देना होगा. यदि 2003 के मतदाता सूची में उनके माता-पिता का नाम है तो बीएलओ द्वारा इसका विवरण इन्यूम्यूरेशन फॉर्म के साथ उपलब्ध करा दिया जाएगा.

SIR में कटे जिनके नाम, उनकी नहीं निकलेगी लिस्ट... चुनाव आयोग ने सुप्रीम  कोर्ट में क्या कहा? | Bihar Voter List Election Commission Supreme Court SIR  Case Draft Voter List Rejected ...SIR के दौरान रखना होगा इन बातों का खास ध्यान

मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम राज्य में जल्द ही शुरू होने वाला है. ऐसे में कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें हर मतदाता को अपनी प्रमाणिकता साबित करते समय ध्यान रखना होगा.

  • 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे मतदाता को अपनी जन्म तिथि या स्थान की सत्यता स्थापित करने के लिए केवल अपना एक वैध दस्तावेज देना होगा. यदि 2003 की मतदाता सूची में उनका नाम है तो बीएलओ द्वारा इसका विवरण इन्यूम्यूरेशन फॉर्म के साथ उपलब्ध करा दिया जाएगा.
  • 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे मतदाता को अपने दस्तावेज के साथ-साथ अपने माता-पिता में से किसी एक का वैध दस्तावेज जमा करना होगा. यदि 2003 की मतदाता सूची में उनका या उनके माता-पिता का नाम है तो बीएलओ द्वारा इसका विवरण इन्यूम्यूरेशन फॉर्म के साथ उपलब्ध करा दिया जाएगा.
  • 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे युवा मतदाता को अपना और अपने माता-पिता का वैध दस्तावेज फॉर्म के साथ देना होगा. यदि 2003 की मतदाता सूची में उनके माता-पिता का नाम है तो बीएलओ द्वारा इसका विवरण इन्यूम्यूरेशन फॉर्म के साथ उपलब्ध करा दिया जाएगा.

समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी जिलों के पदाधिकारियों को मतदाता सूची से संबंधित सभी फॉर्मों का ससमय रिव्यू करते हुए उसका निष्पादन करने हेतु निर्देश दिए. समीक्षा बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुबोध कुमार, सभी जिलों के ईआरओ एवं उप निर्वाचन पदाधिकारी सहित मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के पदाधिकारी उपस्थित थे.

SIR के लिए कौन से दस्तावेज होंगे जरूरी? यूपी समेत 12 राज्यों में कैसे पूरी  होगी प्रक्रिया, यहां जानिए डिटेल्स - special intensive revision sir of  voter list starts in 12 ...आपके पास आवश्यक रूप से ये दस्तावेज होने चाहिए:
मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए फॉर्म 6 के साथ निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
जन्म तिथि/आयु का प्रमाण- (इनमें से कोई एक)
जन्म प्रमाण पत्र
भारतीय पासपोर्ट
आधार कार्ड
पैन कार्ड
ड्राइविंग लाइसेंस
कक्षा 10वीं या 12वीं का अंकपत्र/प्रमाण पत्र (यदि उसमें जन्मतिथि दी गई हो)
निवास स्थान का प्रमाण: (इनमें से कोई एक, जो आपके पते को प्रमाणित करे)
बैंक/डाकघर की चालू पासबुक
राशन कार्ड
नवीनतम रेंट एग्रीमेंट
पानी/बिजली/गैस/टेलीफोन का नवीनतम बिल- (आवेदक या माता-पिता के नाम पर)
पहचान के लिए हालिया फोटो – हाल ही में खींची गई पासपोर्ट साइज की रंगीन फोटो
नागरिकता साबित करने के विशेष नियम
एसआईआर के दौरान नागरिकता साबित करने के लिए जन्म की तारीख के आधार पर नियम सख्त हो जाते हैं. ये नियम नागरिकता अधिनियम, 1955 के प्रावधानों पर आधारित हैं.
1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे लोग
इन्हें नागरिकता का प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं है.

इनके लिए मतदाता पंजीकरण हेतु केवल व्यक्तिगत रूप से जन्म स्थान और जन्म तिथि का प्रमाण (ऊपर दिए गए दस्तावेजों में से) पर्याप्त होगा.
1 जुलाई 1987 के बाद जन्मे लोग
इन्हें अपने जन्म स्थान और जन्म तिथि का प्रमाण देने के अलावा यह भी साबित करना होगा कि जन्म के समय उनके माता-पिता में से कोई एक भारतीय नागरिक था.
आवेदक का जन्म प्रमाण पत्र/अन्य आयु प्रमाण और माता या पिता में से किसी एक के वैध दस्तावेज (जैसे EPIC कार्ड, पासपोर्ट, 1987 से पहले का सरकारी पहचान पत्र आदि).
2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे लोग
ये नियम सबसे सख्त हैं. आवेदक का जन्म प्रमाण पत्र/अन्य आयु प्रमाण और यह साबित करने के लिए माता और पिता दोनों के मान्य दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे कि दोनों जन्म के समय भारतीय नागरिक थे.
SIR शुरू होने से पहले करें ये ज़रूरी काम
SIR के लागू होने से पहले नागरिकों को अपने दस्तावेज़ तैयार कर लेने चाहिए। सुनिश्चित करें कि आपके जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र सही और अद्यतन हों। अगर ये दस्तावेज़ आपके पास नहीं हैं, तो जल्द से जल्द स्थानीय सरकारी दफ्तर या अधिकृत ऑनलाइन पोर्टल से नए प्रमाणपत्र बनवाएं। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि आपके सभी दस्तावेज़ों में दी गई जानकारी – नाम, जन्मतिथि और पता — हर जगह एक समान हो। छोटी सी गलती भी नागरिकता प्रमाणन की प्रक्रिया में दिक्कत पैदा कर सकती है।
Report By :- SHWETA SINGH, CITY DESK, NATION EXPRESS, रांची

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