NEWS DESK, NATION EXPRESS, RANCHI
- पवित्र माह रमजान का पहला रोजा आज
- सीख- मुहम्मद साहब ने संक्रमित से हाथ नहीं मिलाया, ताकि बीमारी न फैले
माह-ए-रमजान का आगाज हो चुका है। ये वक्त महामारी का है, मुश्किलों का है। ऐसे में हमें रमजान की इबादत और रोजों के बीच अपने और अपने परिवार की सुरक्षा का भी ध्यान रखना है। और इसका सबसे अच्छा तरीका हमें खुद पैगंबर मोहम्मद साहब ने बताया है। उन्होंने ऐसे समय पर घरों में नमाज पढ़ने को कहा है। बाजारों में बेवजह भीड़ लगाने से मना किया है। रमजान माह की खासियत राेजा और अल्लाह की इबादत करना है।
काेराेना खुदा की इबादत में किसी भी तरह की अड़चन पैदा नहीं कर सकता, लेकिन वबा फैली हुई है और इंसानियत काे जिंदा रखने के लिए इससे जीतना भी जरूरी है। पैगंबर मोहम्मद साहब के जमाने में ताऊन नामक महामारी फैली थी, जिसका रूप कोरोना जैसा ही था। तब उन्होंने ने यह तदबीर फरमाई कि जहां बीमारी फैली हुई हो, वहां दूसरे लोग ना जाएं और वहां के लोग दूसरी जगह ना आएं। नाजुक हालात काे देखते हुए फिलहाल बेहद जरूरी है कि मस्जिदाें में ज्यादा भीड़ इकट्ठा ना हाे। बिना भीड़भाड़ के सोशल डिस्टेंस और मास्क की पाबंदी करते हुए नमाजें पढ़ी जाएं।
अल्लाह आपकी इबादत देखता है न कि जगह। लगातार दूसरे साल महामारी के बीच रमजान का महीना आया है। ऐसे में हमारा फर्ज है कि सभी सरकारी गाइडलाइन काे फाॅलाे करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग रखकर इबादत करें। इस महामारी में एहतियात रखते हुए खुदा से दुआ भी करनी जरूरी है कि दुनिया काे जल्द से जल्द से इस बीमारी से निजात दिलाए। क्याेंकि एहतियात में ही नजात है। इस्लाम में जीवन को सर्वोच्च माना गया है। कई बार पैगंबर मोहम्मद साहब ने कहा है कि आप ऐसा कोई काम न करें जिससे आपका जीवन खतरे में पड़े। इसी कारण इस्लाम में आत्महत्या सबसे बड़ा गुनाह है।
संक्रामक रोग से पीड़ित व्यक्ति दूसरे सेहतमंद लोगों से दूर रहे। अगर किसी शख्स को किसी तरह की संक्रामक बीमारी हो जाए तो बाकी लाेग उससे दूरी बनाकर रखें। (अल बुखारी 6771, अल मुस्लिम 2221)
मदीना- इस वाकये में पैगंबर ने दिया सुरक्षा का पैगाम
महामारी के इस मुश्किल वक्त में हमें एक दूसरे की सेहत का बहुत ध्यान रखना है। पैगंबर मुहम्मद साहब अपनी और दूसरों की सेहत की बहुत फिक्र करते थे। जब वो मदीना में थे तो एक बार एक समूह उनसे मिलने आया, उसमें एक शख्स को संक्रामक रोग था। मुहम्मद साहब ने उस शख्स से हाथ नहीं मिलाया ताकि वो खुद सुरक्षित रहें और उनसे रोजाना मिलने वाले सैकड़ों दूसरे लोगों को भी यह रोग न लग जाए। हमें भी इस समय अपना व्यवहार ऐसा ही रखना है। हम सरकार की हर गाइडलाइन का पालन करें। डॉ. जीनत शौकत अली, डायरेक्टर जनरल, विजडम फाउंडेशन के अनुसार मुहम्मद साहब ने कई बार कहा है कि कोई ऐसा काम न करें जिससे खुद को या दूसरों को तकलीफ पहुंचे।
3 महत्वपूर्ण बातें- घर में नमाज, वुजू-मास्क और भीड़ से दूरी ही है सुरक्षित रमजान
1. मस्जिद जैसा सवाब घर पर नमाज पढ़ने में भी है
ऐसी महामारी के वक्त आपका घर ही आपकी मस्जिद है। जो सवाब (पुण्य) मस्जिद में नमाज का है। वबा या ऐसी महामारी के दाैरान वही सवाब घर में पढ़ी हुई नमाज का है। -अल तिरमजी (अल-सलाह, 291)
तो क्या करें- घरों में नमाज पढें। आपके शहर में कोरोना के कारण मस्जिदों में नमाज पढ़ने पर पांबंदी है तो मस्जिद न जाएं। सरकारी पाबंदी नहीं है तो भी मस्जिद में भीड़ न लगाएं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
2. हाथ बार-बार धोते रहें, मास्क का इस्तेमाल करेंजब पैगंबर मुहम्मद साहब को छींक या खांसी आती थी, तो वह खुद के कपड़े से अपना मुंह ढंक लिया करते थे। हुजूर ने फरमाया कि अपने घर आते ही अपने हाथ धो लें।(अबू दाऊद, अल तिरमजी, बुक 43, हदीश 2969)
तो क्या करें- रमजान में इबादत भी करनी है और कई बार जरूरी सामानों की खरीदारी भी। लेकिन ये ध्यान रखिए कि कहीं भी बाहर निकलें तो मास्क लगाकर जाएं और वापस आते ही हमेशा हाथ धुलें।
3. जहां संक्रमण है वहां से दूर रहें, यही समझदारीहजरत उमर के जमाने में एक बार युद्ध के लिए उनकी सेना ऐसी जगह पहुंची जहां संक्रामक बीमारी फैली थी। हजरत उमर ने सेना को वापस लौटने का आदेश दिया। कई लोगों ने विरोध किया लेकिन संक्रमण से बचाने के लिए उन्होंने वहां अपनी सेना भेजने से इंकार कर दिया।– इस्लामिक इतिहास से
तो क्या करें- आपको जहां लग रहा है कि संक्रमण हो सकता है, खुद को और अपने परिवार को वहां से दूर कर लें। संक्रमण की खतरनाक चेन को तोड़िए।
रमजान में सेफ्टी गाइड
ये करें
- अगर संक्रमित हैं या कोई दूसरी गंभीर बीमारी है तो रोजा रखने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
- किसी से हाथ न मिलाएं। बल्कि दिल पर हाथ रख उसे दुआएं दें।
- गरीबों को खाना-इफ्तारी देते रहें। संक्रमण से बचते हुए गरीबों की हर जरूरी मदद करने की कोशिश करें।
- घर पर इबादत पर जोर दें। कुरान पढ़ें। बच्चों को भी सेल्फ डिसिप्लिन सिखाएं।
ये ना करें
- न किसी इफ्तार पार्टी का आयोजन करें न किसी दूसरी की दी हुई इफ्तार पार्टी में जाएं। घर पर रहें।
- नमाज में जरूरी दूरी बनाएं रखें, मस्जिदों में बेवजह भीड़ न बढ़ाएं।
- रमजान की शॉपिंग के लिए बार-बार ग्रॉसरी स्टोर न जाएं, एक बार में जरूरी शॉपिंग कर लें
Report By :- SHADAB KHAN, NEWS DESK, NATION EXPRESS, RANCHI