नई दिल्ली:- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस )PRESS CONFERENCE) की। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक आज समाप्त हो गई। दास ने छह सदस्यों वाली समिति द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा की। मालूम हो कि यह एमपीसी की 24वीं बैठक थी। इस बार ग्राहकों को ब्याज दर में कटौती का लाभ नहीं दिया गया। साथ ही लोन मोरेटोरियम पर भी कोई एलान नहीं हुआ।
प्रमुख बातें
आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह चार फीसदी पर बरकरार है। एमपीसी ने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया है। यानी ग्राहकों को ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिली है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।
साथ ही एमएसएफ, बैंक रेट 4.25 फीसदी पर ही बरकरार है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी कमजोर है। लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त का सिलसिला जारी है।
उन्होंने कहा कि भारत में आर्थिक सुधार शुरू हो गया है। खुदरा महंगाई दर नियंत्रण में है।
कोरोना वायरस की वजह से इस साल की पहली छमाही में महंगाई दर में वृद्धि की उम्मीद है। हालांकि, दूसरी छमाही में इसमें कमी आने की संभावना है।
मौद्रिक नीति समिति ने अर्थव्यवस्था को लेकर अपने रुख को ‘एकोमोडेटिव’ रखा है।
जीडीपी को लेकर उन्होंने कहा कि एक बार फिर वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी की वृद्धि दर निगेटिव रहेगी।
उन्होंने कहा कि इस साल जून में वार्षिक महंगाई दर मार्च के 5.84 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 6.09 फीसदी रह गई, जो केंद्रीय बैंक के मीडियम टर्म टारगेट से अधिक है। आरबीआई का टारगेट दो से छह फीसदी है।
आरबीआई प्रमुख ने भारत के कृषि क्षेत्र पर उम्मीद व्यक्त करते हुये कहा कि खरीफ की फसल अच्छी रहने से ग्रामीण क्षेत्र में मांग सुधरेगी।
दास ने सिस्टम में अलावा 10,000 करोड़ रुपये डालने की घोषणा की। ये लिक्विडिटी नाबार्ड (NABARD) और नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) को उपलब्ध कराई जाएगी। इससे एनबीएफसी और रियल एस्टेट क्षेत्र को मौजूदा संकट से निकलने में मदद मिलेगी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने समाधान योजना के लिए दिग्गज बैंकर केवी कामत की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञता समिति का गठन किया है।
केंद्रीय बैंक ने लोन मोरेटोरियम को लेकर कोई एलान नहीं किया। लोन मोरेटोरियम की अवधि 31 अगस्त को खत्म हो रही है। ग्राहकों को उम्मीद थी कि गवर्नर इस मुद्दे को लेकर कोई बड़ा एलान करेंगे।
प्राथमकिता वाले क्षेत्रों की लेंडिंग से जुड़े दिशानिर्देशों की समीक्षा की गई है। बैंकों के लिए जल्द ही एक प्रोत्साहन योजना लाई जाएगी।
केंद्रीय बैंक ने कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए बैंकों को कॉरपोरेट और व्यक्तिगत लेनदारों के कर्ज के पुनर्गठन का मौका देने की अनुमति दे दी है।
आने वाले समय में एक इनोवेशन हब की स्थापना होगी। साथ ही डिजिटल भुगतान को लेकर एक ऑनलाइन डिस्प्यूट मैकेनिज्म भी लाया जाएगा।
कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक दुनिया का एकमात्र केंद्रीय बैंक है जिसने महत्वपूर्ण परिचालन की निरंतरता के लिए एक विशेष सुविधा स्थापित की है।
जिन एमएसएमई का खाता क्लासिफाइड मानकों के हिसाब से होगा, वे कर्ज के रीस्ट्रक्चरिंग के पात्र होंगे। एमएसएमई के कर्ज रीस्ट्रक्चरिंग की मोहलत बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दी गई है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई का रुख उदार बना रहेगा। बैंक गोल्ड ज्वैलरी पर 90 फीसदी तक लोन दे सकेंगे। मौजूदा समय में सोने के कुल मूल्यू का 75 फीसदी तक ही लोन मिलता है। यह सुविधा 31 मार्च 2021 तक है।
Report By:- Madhuri SIngh (Business Desk) Nation Express, New Delhi