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कई मंत्री और विधायक नाराज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में अमित शाह ने बुलाई आपात बैठक

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POLITICAL DESK, NATION EXPRESS, उत्तराखंड

जाएगी त्रिवेंद्र रावत की कुर्सी?  नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री दिल्ली तलब

उत्तराखंड के कई मंत्रियों और विधायकों की नाराजगी के कारण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। पार्टी के इन विधायकों का आरोप है कि अगर CM फेस नहीं बदला गया तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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चर्चा है कि पार्टी राज्य में किसी नए चेहरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप सकती है। राजनीतिक सरगर्मी के बीच CM रावत को भी पार्टी ने सोमवार को दिल्ली तलब कर लिया। रावत सोमवार को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण जाने वाले थे, लेकिन वे अपना दौरा रद्द कर दिल्ली पहुंच गए।

उत्तराखंड: CM बदलने की तैयारी, त्रिवेंद्र सिंह की जगह इन नामों की चर्चा -  uttarakhand political unrest cm trivendra singh rawat change satpal mahraj  - AajTakउन्होंने दोपहर में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से मुलाकात की। इस बीच, नड्‌डा और गृह मंत्री अमित शाह के बीच महत्वपूर्ण बैठक चल रही है। इसमें संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी शामिल हुए। वहीं, दिनभर के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद मंगलवार को देहरादून में भाजपा विधायक दल की अहम बैठक बुलाई गई है। यह बैठक सीएम हाउस में होगी।

Uttarakhand Political Crisis Latest News Update | CM Trivendra Singh Rawat,  Raman Singh, Dhan Singh Rawat, Satpal Maharaj, Uttarakhand New CM | CM त्रिवेंद्र  सिंह रावत से मिलने के बाद नड्‌डा-शाह नेइस बीच, CM की रेस में राज्य के दो मंत्री धनसिंह रावत और सतपाल महाराज का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। वहीं, चर्चा ये भी है कि अगर दोनों में से किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनी तो नैनीताल से सांसद अजय भट्ट और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी में से किसी एक को राज्य की बागडोर सौंपी जा सकती है।

पार्टी ने दो दिन पहले भेजे थे ऑब्जर्वर
भाजपा ने शनिवार को दिल्ली से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह, महासचिव और ​​​​​​राज्य के प्रभारी दुष्यंत गौतम को ऑब्जर्वर के तौर पर उत्तराखंड भेजा था। रविवार को दोनों ने राज्य के चार सांसदों और 45 विधायकों के साथ बैठक की थी। सिंह और गौतम रविवार को दिल्ली लौट आए थे। राज्य के ताजा राजनीतिक हालात को लेकर सोमवार को उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्‌डा को रिपोर्ट भी सौंप दी।

सरकार में ब्यूरोक्रेसी के हावी होने का आरोप लगाया
सूत्रों का कहना है कि देहरादून में भाजपा नेतृत्व की तरफ से बीते शनिवार को भेजे गए दोनों आब्जर्वर ने कई विधायकों के साथ अलग से बैठक की थी। इस दौरान विधायकों ने बताया कि वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर नुकसान हो सकता है। सरकार में ब्यूरोक्रेसी के हावी होने के कारण जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनी जा रही है। जिससे जनता में भी नाराजगी है।

उत्तराखंड के 4 मंत्री और दर्जन भर विधायक दिल्ली में मौजूद
खास बात है कि राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और कई विधायक पिछले दो दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। भाजपा के संसदीय बोर्ड की नौ मार्च को दिल्ली में होने वाली बैठक में भी उत्तराखंड के मसले पर विचार होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, उत्तराखंड के 4 मंत्री और दर्जन भर विधायक दिल्ली में मौजूद हैं। मंत्री अरविंद पांडेय, सतपाल महाराज सुबोध उनियाल, पूर्व सांसद बलराज पासी, विधायक खजान दास, हरबंस कपूर, हरबजन सिंह चीमा जैसे नेता भी दिल्ली में मौजूद बताए जा रहे हैं।

डैमेज कंट्रोल की कोशिशें शुरू
उत्तराखंड में भाजपा से जुड़े एक नेता ने न्यूज एजेंसी से कहा कि अगले साल 2022 में चुनाव है। कई विधायकों की नाराजगी के कारण वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चुनाव लड़ना खतरे से खाली नहीं माना जा रहा है। हालांकि पार्टी नेतृत्व विधायकों को मनाकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश में जरूर लगा है। ऑब्जर्वर की रिपोर्ट पर भाजपा नेतृत्व को आगे का फैसला करना है। चेहरा नहीं बदला, तो मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल होना तय माना जा रहा। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि ये भाजपा का चाल चरित्र है।

Report By :- SHRUTI SIINGH RAWAT, POLITICAL DESK, NATION EXPRESS, उत्तराखंड

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