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SUNDAY SPECIAL दबंग होती महिलाएं !! जेवर, कपड़े और मेकअप के साथ महिलाओं को हथियारों का भी हो रहा है शौक

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NEWS DESK, NATION EXPRESS, शामली (उत्तर प्रदेश)

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में महिलाएं अपने कंधों पर दुपट्टा ही नहीं सजाती हैं बल्कि रायफल भी टांगती हैं। हाथों में चूड़ियां ही नहीं पहनती हे बल्कि पिस्टल भी सजाती हैं। वेस्ट यूपी की महिलाएं जेवर कपड़े और मेकअप के साथ हथियारों का भी शौक रखती हैं। पढ़ें क्या कहती है ये रिपोर्ट।

महिलाओं के हाथ अब सिर्फ चूडियां पहनने और कंधा दुपट्टा संभालने के लिए ही नहीं है। बल्कि इन पर वह हथियारों को भी सजाने का शौक रखती हैं। शहर से लेकर गांव तक महिलाओं के पास शस्त्र लाइसेंस हैं। शामली जिले में इस समय 80 महिलाएं शस्त्र रखती हैं और 140 के आवेदन लंबित हैं। शस्त्र लाइसेंस उन्हीं को जारी किया जाता है, जिनकी जान को खतरा हो या फिर वह अपराध प्रभावित क्षेत्र में रहते हों। पुलिस और राजस्व विभाग के साथ एलआईयू आदि विभागों की रिपोर्ट के बाद जिलाधिकारी की स्वीकृति पर शस्त्र लाइसेंस जारी किया जाता है। पहले पुरुष ही शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करते थे, लेकिन पिछले करीब एक दशक में काफी बदलाव आया है, अब महिलाओं के आवेदन भी लगातार आ रहे हैं। 

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वर्तमान में 10 आवेदन में चार आवेदन महिलाओं के होते हैं। अहम बात ये है कि महिलाओं की पसंद सिर्फ रिवाल्वर या पिस्टल नहीं, बल्कि बंदूक और रायफल भी भा रही है। हालांकि शहरी क्षेत्र में महिलाओं की पसंद छोटे वेपन रिवाल्वर या फिर पिस्टल है। 
rajputi pic with gun
रंजिश वाले परिवारों में महिलाएं मांगती हैं हथियार
शस्त्र लाइसेंस लेने वाली महिलाओं में अधिकांश  ऐसी है, जिनकी पारिवारिक रंजिश चल रही है। ऐसी महिलाओं को पति लाइसेंस दिलाते हैं, ताकि आपात स्थिति में इसका उपयोग आत्मरक्षा के लिए किया जा सके। यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता पवन कुमार तिवारी को प्रशासन ने उपलब्ध कराई है। हालांकि अधिकांश मामलों में बाद में इसका प्रयोग पति ही करते पाए जाते हैं।

rajputi pic with gunदागी पति को पत्नी के नाम का सहारा

महिलाओं के लाइसेंस लेने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी सामने आया है कि  जिन लोगों पर किसी भी मामले में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, उन लोगों का नियमानुसार शस्त्र लाइसेंस नहीं बन सकता है। ऐसे में ये लोग अपनी पत्नी के नाम से शस्त्र लाइसेंस जारी कराते हैं। इसके अलावा मृतक आश्रित में भी जिनके बच्चे नाबालिग हैं, उनकी पत्नी के नाम विरासत में शस्त्र लाइसेंस जारी हो जाता है। हालांकि काफी आवेदन ऐसे भी हैं, जहां महिलाएं इन सब कारणों से अलग भी शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन कर रही हैं। 
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रविंद्र सिंह, डीएम शामली ने कहा 
जिले में 80 महिलाओं के नाम शस्त्र लाइसेंस है। पिछले कुछ समय में महिलाओं में शस्त्र लाइसेंस के प्रति रूचि बढ़ी है। अभी 140 लंबित चल रहे हैं। जांच पड़ताल के बाद ही पात्र को ही लाइसेंस जारी किए जाते हैं।  
लोगों की समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता :डीएम - Solving People's Problems  Priority: Dm - Shamli News
Repport By :- PRIYANKA SINGH, NEWS DESK, NATION EXPRESS, शामली (उत्तर प्रदेश)

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