जम्मू-कश्मीर:- जम्मू-कश्मीर (JAMMU KASHMIR) में मजबूत होती जम्हूरियत से आतंकियों (TERRORIST) में बौखलाहट है। इसी के चलते विभिन्न आतंकी तंजीमें जन्नत (JANNAT) को जहन्नुम (JAHANNUM) बनाने की साजिशें रच रही हैं। लोगों में खौफ उत्पन्न करने के लिए आतंकी संगठन नेताओं को निशाना बना रहे हैं। वहीं मुस्तैद सुरक्षाबल आतंकियों की इन साजिशों को लगातार नाकाम करने में जुटे हुए हैं। हाल के दिनों में नेताओं पर हुए हमलों के चलते भाजपा (BJP) के आठ पदाधिकारी अपना इस्तीफा दे चुके हैं। कई पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया (SOCIAL MEDIA) के जरिए इस्तीफा दिया है। इनमें भाजपा से जुड़े चरार-ए-शरीफ (CHARARE E SHARIF) इलाके के प्रभारी वली मोहम्मद भट, बडगाम महासचिव इमरान अहमद पारे और गुलाम मोहिउद्दीन शाह का नाम शामिल है।
उधर, भाजपा नेताओं पर लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बीच रविवार को सोशल मीडिया पर एक धमकी भरा ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें भाजपा से जुड़े पंचों-सरपंचों और अन्य लोगों को पार्टी से नाता तोड़ने की धमकी दी गई है। ऑडियो में खुद को आतंकी बताने वाला कह रहा है कि ये आखिरी चेतावनी है। बता दें कि इस ऑडियो की अभी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है। वहीं भाजपा नेता अशोक कौल और विभोद ने रविवार को भाजपा नेता अब्दुल हमीद पर हुए हमले की निंदा करते हुए दोहराया है कि पार्टी इस प्रकार के कायराना हमलों से डरने वाली नहीं है। पार्टी कार्यकर्ता लगातार मैदान में डटे रहेंगे।
प्रदेश के राजनीतिक व वर्तमान हालात को देखते हुए रविवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना की अगुवाई में वरिष्ठ नेताओं ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से श्रीनगर राजभवन में मुलाकात भी की। सांसद जुगल किशोर शर्मा, पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह और कवींद्र गुप्ता के अलावा महासचिव अशोक कौल पर आधारित भाजपा शिष्टमंडल ने उपराज्यपाल को पदभार संभालने की बधाई दी। इसके साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं पर हो रहे हमलों के मद्देनजर सुरक्षा को और कड़ा करने पर जोर दिया।
ज्ञात हो कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्ढा से महासचिव संगठन अशोक कौल कश्मीर में भाजपा नेताओं पर आतंकी हमलों के मद्देनजर भाजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं की सुरक्षा को और कड़ा करवाने की अपील पहले ही कर चुके हैं।
आठ जून से नौ अगस्त तक घाटी के इन नेताओं को आतंकियों ने बनाया निशाना
नौ अगस्त को बडगाम भाजपा जिलाध्यक्ष(ओबीसी मोर्चा) पर हमला
आतंकियों ने रविवार को बडगाम में भाजपा जिलाध्यक्ष पर हमला किया। जिनकी उपचार के दौरान सोमवार को मौत हो गई। आतंकियों ने वारदात को उस वक्त अंजाम दिया जब भाजपा जिलाध्यक्ष अब्दुल हामिद नजार सुबह सैर पर निकले थे।
छह अगस्त को सरपंच की कर दी थी हत्या
कुलगाम जिले में छह अगस्त को भाजपा से जुड़े सरपंच सज्जाद खांडे की हत्या कर दी थी। इससे पहले चार अगस्त को कुलगाम में पंच पीर आरिफ अहमद शाह को गोली मार दी गई थी। वहीं जुलाई महीने में भाजपा के बांदीपोरा जिलाध्यक्ष वसीम बारी और उनके दो परिजनों की हत्या कर दी गई थी। 15 जुलाई को सोपोर में भाजपा नेता मेहराजुद्दीन मल्ला को अगवा किया गया था, हालांकि इन्हें दस घंटे में ही मुक्त करा लिया गया था। इस घटना के करीब एक माह पूर्व आठ जून को अनंतनाग में कांग्रेस नेता और सरपंच अजय पंडिता की हत्या कर दी गई थी। इतना ही नहीं घाटी में भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर भी आतंकियों के निशाने पर हैं। इसका खुलासा पूर्व में अमर उजाला के हाथ लगे एक दस्तावेज से हुआ था। इस मामले में एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी थी कि जम्मू-कश्मीर पुलिस को मिले इनपुट के आधार पर अल बदर संगठन के पाकिस्तानी आतंकी इस साजिश को अंजाम दे सकते हैं। वह पुलिस वर्दी में भी हमला कर सकते हैं। इसी के मद्देनजर पुलिस ने अल्ताफ ठाकुर की सुरक्षा बढ़ा दी है। उनके घर के बाहर भी सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। उन्हें एहतियात बरतने को कहा है।
वर्ष 1990 से 2009 तक 587 सियासी लोगों को मौत के घाट उतारा गया
अल्ताफ ठाकुर ने वर्ष 2002 से भाजपा की पकड़ घाटी में मजबूत बनाई हुई है। अल्ताफ आतंकियों के गढ़ त्राल से संबंध रखते हैं लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना तिरंगे की शान को बरकरार रखा है। यही कारण है कि आतंकी उन्हें निशाना बना सकते हैं।
गौरतलब है कि घाटी में जम्हूरियत की मजबूती में जुटे नेताओं, कार्यकर्ताओं से लेकर पंचायती नुमाइंदों पर पहले भी आतंकी हमले होते रहे हैं। वर्ष 1990 से 2009 तक 587 सियासी लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। सर्वाधिक राजनीतिक हत्याएं चुनावी वर्ष 2002 में हुई थीं। इसके अलावा चुनावी वर्ष 1996 में 75, 1998 में 45, 1999 में 53 और 2004 में 60 राजनीतिक हत्याएं हुईं।
Report By :- Zara Fatima (Jammu)