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हाईकोर्ट ने कहा- 15 वर्षीय नाबालिग मुस्लिम लड़की अपने माता-पिता के मर्जी के बिना भी शादी कर के अपने पति के साथ रह सकती है

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NEWS DESK, NATION EXPRESS, NEW DELHI

 

Delhi हाईकोर्ट ने कहा- जिस लड़की का मासिक धर्म शुरू हो चुका, शरिया कानून में नाबालिग होते हुए भी शादी योग्य

 

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि नाबालिग मुस्लिम लड़की न केवल अपने माता-पिता की सहमति के बिना शादी कर सकती है बल्कि पति के साथ रह सकती है। अदालत ने मार्च 2022 में इस्लामिक रीति-रिवाजों के अनुसार शादी करने वाले एक मुस्लिम जोड़े को सुरक्षा प्रदान करते हुए यह टिप्पणी की।

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दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस्लामी शरिया कानून के तहत 15 वर्षीय लड़की विवाह योग्य है। अदातल ने 15 वर्षीय नाबालिग लड़की की शादी की वैधता को बरकरार रखते हुए बाल विवाह को उचित ठहराया है। अदालत ने कहा कि 18 साल से कम की मुस्लिम लड़की का मासिक धर्म शुरू हो चुका है तो वह मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार किसी से भी शादी करने के लिए स्वतंत्र है।9,833 Muslim Marriage Photos and Premium High Res Pictures - Getty Images

 

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि नाबालिग मुस्लिम लड़की न केवल अपने माता-पिता की सहमति के बिना शादी कर सकती है बल्कि 18 साल से कम उम्र में भी अपने पति के साथ रह सकती है। अदालत ने मार्च 2022 में इस्लामिक रीति-रिवाजों के अनुसार शादी करने वाले एक मुस्लिम जोड़े को सुरक्षा प्रदान करते हुए यह टिप्पणी की। दंपति ने यह सुनिश्चित करने के लिए याचिका दायर की थी कि  कोई उन्हें अलग न करे।

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नाबालिग लड़की के माता-पिता द्वारा शादी का विरोध करने और पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के बाद दंपति ने अदालत में याचिका दायर की थी। इसके बाद मामले में धारा 376 और धारा 6 पॉक्सो लगा दी गई। लड़की ने अदालत को बताया कि उसके माता-पिता द्वारा उसे नियमित रूप से पीटा गया और उसने अपनी मर्जी से भागकर शादी की है।

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15 वर्षीय लड़की ने किया था निकाह, अब है गर्भवती

पुलिस ने पेश स्थिति रिपोर्ट में कहा लड़की का जन्म दो अगस्त 2006 को हुआ था, जिससे वह शादी के समय केवल 15 वर्ष की थी। पुलिस ने कहा कि लड़की को उसके पति के घर से वापस लाया गया और अप्रैल के महीने में उसके माता-पिता को सौंप दिया गया। दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल (डीडीयू) में उनका मेडिकल परीक्षण किया गया। मेडिकल टेस्ट से पता चला कि 15 वर्षीय लड़की गर्भवती है।
Pin on Beautiful Muslimahsअदालत ने जोड़े को सुरक्षा प्रदान करते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि मुस्लिम कानून के अनुसार यौवन की उम्र प्राप्त करने वाली लड़की अपने माता-पिता की सहमति के बिना शादी कर सकती है और कम उम्र में भी अपने पति के साथ रहने का अधिकार रखती है। अदालत ने यह भी फैसला सुनाया कि उपरोक्त मामले में पॉक्सो अधिनियम लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि यह यौन शोषण का मामला नहीं है, बल्कि एक ऐसा मामला है जिसमें जोड़े को प्यार हो गया। उसने मुस्लिम कानूनों के अनुसार शादी कर ली और फिर शारीरिक संबंध बनाए।
Report By :- ANUJA AWASTHI / HEENA KHAN, NEWS DESK, NATION EXPRESS, NEW DELHI

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