खाकी का दर्द ! हम पुलिस वाले हैं साहब, हमारा कौन सा पर्व त्योहार : दुर्गा पूजा में अपनों से दूर रहकर आंखों से छलक पड़ते हैं आंसू
CITY DESK, NATION EXPRESS, RANCHI
पुलिस वालों पर जिम्मेदारी का सवाल होता है,
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दुर्गा पूजा के मौके पर दो हजार से अधिक जवान करेंगे राजधानी के विभिन्न इलाकों की सुरक्षा
1000 से अधिक सीसीटीवी भी लगाये जा रहे हैं
पुलिसकर्मी कभी त्यौहार पर नहीं जाते अपने घर
लोग जब त्यौहार मनाते हैं तब पुलिस सड़कों और बाजारों में सुरक्षा के लिए तैनात रहती है
राजधानी रांची में शांतिपूर्ण तरीके से दुर्गा पूजा संपन्न कराने के लिए पुलिस-प्रशासन कमर कस चुका है. राजधानी रांची के आस-पास के थाना क्षेत्रों में दुर्गा पूजा के दौरान दो हजार से अधिक पुलिस के जवानों को प्रतिनियुक्त करायी जायेगी. इसको लेकर पूरे शहर में 1000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाये गये है. पुलिस की नजर हर गतिविधियों पर रहेगी. पुलिस की ओर से लगाये गये कैमरों की डीवीआर और लाइव फीड की व्यवस्था कंट्रोल रूम में की गई है. वहीं पंडाल समितियों की ओर से लगाए गए कैमरों की डीवीआर व लाइव फीड पंडालों में ही होगी.
शहर के प्रमुख पूजा पंडालों में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जायेगी. महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए शक्ति कमांडों और महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जा रही है. दुर्गा पूजा को लेकर जिले के सांप्रदायिक तत्वों को चिन्हित किया जा रहा है. उन लोगों की सूची बनाई जा रही है जो सांप्रदायिक कांडों में संलिप्त रहे हैं. ऐसे कांडों में शामिल लोगों पर पुलिस ने थाना स्तर पर क्या कार्रवाई की है, इसके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है.
पूजा के दौरान उत्पात में शामिल तत्वों के बारे में भी सभी थानों से जानकारी ली जा रही है. ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनपर कार्रवाई की जा रही है. घटना की वजह और उसकी पृष्टभूमि में शामिल लोगों के बारे में भी जानकारी इकट्ठा की जा रही है. दुर्गा पूजा को देखते हुए शहर के 12 सौ से अधिक दागियों को आईपीसी धारा 107 के तहत नोटिस भी भेजा जा चुका है. जिनका पुराना आपराधिक इतिहास रहा है.
सेवा ही लक्ष्य है झारखंड पुलिस आपके साथ रांची पुलिस आपके सुख दुख का साथी जैसे कई मुहावरे आज रांची पुलिस के लिए सही साबित हो रहे हैं वजह साफ है कि पर्व त्यौहार के इस मौसम में भी झारखंड पुलिस के जवान पूरी इमानदारी और चौकसी के साथ आम जनता की सेवा में तत्पर लगी हुई है, हर कोई चाहता है है कि पर्व और त्योहार में अपनों के साथ बिताए लेकिन पुलिस की किस्मत में अपनों का साथ शायद नहीं है, इसलिए तो दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्यौहार और दशहरा में भी पुलिस को अपने परिवार से दूर रहकर आम पब्लिक के बीच में अपना त्यौहार और पर्व मनाना पड़ता है सुरक्षा में तैनात कई सिपाहियों की आंखों से आंसू बहने लगते हैं
पर्व त्योहारों में अपनों को याद करके छलक पड़ते हैं आंखों से आंसू :-
जब वे इस पर्व और त्योहार के मौसम में भी अपनों से दूर रहकर आम जनता की सेवा में लगे रहते हैं लेकिन पुलिस की भी यह मजबूरी है कि वह अपने परिवार से अलग रह कर पर्व त्यौहार अपने ही वर्दी वाले साथियों के साथ मनाना पड़ता है क्योंकि पुलिस ने शपथ भी यही दिया था कि जनता की सेवा सबसे पहले, कांटा टोली में तैनात एक ट्रैफिक सिपाही ने बताया कि अब तो पर्व त्यौहार में भी हमारे घर वाले हमारा इंतजार भी नहीं करते क्योंकि उन्हें पता है कि कि वे इस पर्व त्यौहार में ड्यूटी छोड़कर वह अपनों के बीच नहीं पहुंच पाएंगे कई ऐसे पुलिस के जवान है जिन्हें इस बात का गर्व है कि वह देश और समाज की रक्षा का एक अहम हिस्सा है और उनका कहना भी यही है कि पहले ड्यूटी फर्स्ट उसके बाद परिवार !
लोग शांति से परिवार के साथ त्योहार मना सकें सिर्फ इसलिए पुलिस छुट्टी पर नहीं जाती :-
परिवार से दूर रहकर जनता की सेवा में पूरे समय तैनात रहती है आज तक जनता ने कभी इनके बारे में नहीं सोचा सरकार बदली तो जरूर कुछ हद तक राहत मिली लेकिन पर्व और त्यौहार के दौरान आज भी पुलिस सुरक्षा में मुस्तैद नजर आती है ऐसे कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी है जिन्होंने सालों से अपने परिवार के साथ दुर्गा पूजा नहीं मनाया साल के 365 दिन और दिन के 24 घंटे खुले रहने वाले पुलिस थाना की कार्यप्रणाली पर कोई भी छुट्टी अपना असर नहीं डाल पाते, मैदान में तैनात पुलिसकर्मियों को हर समय निरंतर सेवा के मंत्र पर काम करना पड़ता है किसी भी अवकाश या फिर त्यौहार का कोई मतलब पुलिस के सामने नहीं होता दुर्गा पूजा हो दशहरा हो या होली हो या दीपावली या ईद या फिर बकरीद जैसे पर्व त्यौहार भी उन्हें सामान्य से ज्यादा मुस्तैद और चुस्त-दुरुस्त रहना पड़ता है कई पुलिस अधिकारी तो अपनी जरूरत के हिसाब से छुट्टी ले लेते हैं लेकिन पर्व और त्योहारों पर भी अपनी ड्यूटी करनी पड़ती है ऐसा किसी एक त्योहार पर नहीं बल्कि सभी त्योहार पर होता है वह कोई भी पर्व और त्योहार अपने और अपनों के बीच नहीं मना पाते हैं
शहर में ज्यादा काम :-
जिला मुख्यालय पर तैनात पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है अन्य दिनों की तुलना में त्यौहार पर अधिक मुस्तैद रहना पड़ता है लगातार गश्ती के साथ की सड़कों पर लगने वाले जाम से भी आम लोगों को निजात दिलानी पड़ती है सभी लोग जब त्यौहार मनाते हैं तब पुलिस सड़कों और बाजारों में सुरक्षा के लिए तैनात रहती है यह सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है !
Report By :- KHUSHBOO SHARMA / SHIVANI SINGH, NEWS DESK, NATION EXPRESS, रांची