आखिर कौन समझेगा ट्रैफिक पुलिस कर्मियों का दर्द ? जुगाड़ सिस्टम से बने ट्रैफिक पोस्ट के सहारे ट्रैफिक के जवान, ड्यूटी के दौरान नहीं होता थोड़ा भी आराम
CITY DESK, NATION EXPRESS, रांची
झारखंड के नए डीजीपी अनुराग गुप्ता ने रांची के क्राइम रिपोर्टर शादाब खान से फोन पर बातचीत में कहा कि हम पता करवाते हैं कि ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है
कड़ी धूप और तेज़ बारिश में दिनभर सड़क पर धूल फांक ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक पुलिस के जवान जुगाड़ सिस्टम से बने ट्रैफिक पोस्ट के सहारे ड्यूटी करने पर हैं मजबूर
राजधानी रांची में जुगाड़ सिस्टम से बने ट्रैफिक पोस्ट के सहारे ट्रैफिक के जवान अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. कड़ी धूप में ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक पुलिस के जवान दो पल के आराम को लेकर भी तरस रहे हैं. ट्रैफिक पुलिस के जवान कड़ी धूप और बरसात में भी अपनी ड्यूटी निभाते हैं, लेकिन दिनभर सड़क पर धूल फांक ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक के जवानों को थोड़े देर के लिए आराम भी नसीब नहीं है, क्योंकि शहर के अधिकांश ट्रैफिक पोस्ट जुगाड़ सिस्टम पर चल रहे हैं.
जान जोखिम में डाल कर करनी पड़ती है ड्यूटी
राजधानी में लगभग 102 स्थानों पर बने ट्रैफिक पोस्ट पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की तैनाती होती है. कई स्थानों पर पुलिसकर्मियों के विश्राम करने के लिए ट्रैफिक बूथ तो बने हैं, लेकिन अधिकतर जगहों पर तपती गरमी और मूसलाधार बारिश में जान जोखिम में डाल कर छाता और रेनकोट के सहारे ट्रैफिक पुलिस डयूटी करते हैं. ट्रैफिक के जवान के अनुसार 12 घंटे ड्यूटी के दौरान कई बार ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करनेवाले प्रतिदिन उनसे उलझते हैं. प्रतिदिन कोई न कोई उन्हें वर्दी उतरवाने की धमकी देता है. हालांकि वे इस दौरान अनुशासन के साथ ड्यूटी निभाते हैं. कभी-कभी तो इन सभी बातों से काफी तनाव रहता है
बरसात के दिनों में होती है ज़्यादा परेशानी
तेज बारिश के दौरान जिस जुगाड़ सिस्टम से बने ट्रैफिक पोस्ट में सिर छुपाने के लिए जाते हैं वो ट्रैफिक पोस्ट ऊपर से चुने लगता है जिसकी वजह से उन लोगों को बैठाने में काफी तकलीफ होती है, ऊपर से छत पूरी तरह टूट गया है कब वो ट्रैफिक सिपाहियों के सर पर गिर जाए कहना मुश्किल है खुद आम लोगों को ट्रैफिक समस्याओं से निजात दिलाने वाले ट्रैफिक पुलिसकर्मी आज खुद कई समस्याओं से घिरे हुए नजर आ रहे हैं, सुबह से लेकर रात 10:00 बजे तक पूरी ईमानदारी और निष्ठा से अपनी ड्यूटी निभाने वाले ट्रैफिक पुलिस के जवानों का दर्द उनकी आंखों से छलक आता है लेकिन उनकी जुबान कुछ बोलने के लिए तरस जाती है
हमारी भी कोई फ़रियाद सुन ले !
नए यातायात पुलिस अधीक्षक कैलाश करमाली से ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को है बड़ी उम्मीद
तपती धूप और तेज बारिश से बचने के लिए रेनकोट के सहारे ड्यूटी करते हैं ट्रैफिक पुलिसकर्मी
ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को दो शिफ्ट में कराया जाए काम
जवानों की कमी है ट्रैफिक में
यातायात व्यवस्था संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को
पूरी लगन मेहनत और ईमानदारी से अपनी ड्यूटी करते हैं ट्रैफिक पुलिसकर्मी
बूथ नहीं होने की वजह से 12 -12 घंटे खड़े रहना पड़ता है सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को
शहर के कई चौक चौराहे पर टेंट के सहारे रहते हैं ट्रैफिक पुलिसकर्मी
टूटा टेंट और टूटी कुर्सी के सहारे 12 घंटे ड्यूटी करते हैं ट्रैफिक पुलिस का जवान
सड़कों पर 12 घंटे ड्यूटी करने की वजह से पैर फूल जाते हैं यातायात पुलिस के जवानों के
साफ और स्वच्छ जल भी मयस्सर नहीं हो पाता ट्रैफिक पुलिस के जवानों को
कहीं तंबू तो कहीं होर्डिंग का बना है ट्रैफिक पोस्ट
कहीं तंबू तो कहीं होर्डिंग का बना है ट्रैफिक पोस्ट
दावे के विपरीत राजधानी के अधिकांश चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पोस्ट नहीं बन पाया है. आलम यह है कि फटे-पुराने बैनर, पोस्टर और त्रिपाल से अस्थाई ट्रैफिक पोस्ट में ट्रैफिक पुलिस ड्यूटी करने को मजबूर है. कई स्थानों पर जुगाड़ सिस्टम लगाकर खुद ट्रैफिक के जवान ही पोस्ट बनाकर उसमें समय मिलने पर आराम करते हैं. वहीं कई स्थानों पर जुगाड़ वाले पोस्ट की भी व्यवस्था नहीं है. शहर में कई ऐसे अस्थाई ट्रैफिक पोस्ट हैं, जिसे लोग रात के समय शौचालय की तरह भी इस्तेमाल करते हैं. ऐसे हालत में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का दिन में ड्यूटी करना भी मुहाल हो जाता है.
खुद की समस्या बता नहीं पाते जवान
मामले को लेकर जब पोस्ट ट्रैफिक जवानों से बात की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. ट्रैफिक पुलिस कर्मियों कहना है कि अगर वे आवाज उठाएंगे तो उनपर कार्रवाई हो सकती है. इसी वजह से दोयम दर्जे के ट्रैफिक पोस्ट में भी वह ड्यूटी करने के लिए तैयार रहते हैं.
सिर्फ 29 जगहों पर बना है ट्रैफिक बूथ:
वर्तमान में राजधानी में सिर्फ 29 जगहों पर ट्रैफिक बूथ बना हुआ है, जिसमें ट्रैफिक पुलिस कुछ देर विश्राम करने के लिए जाते हैं. लोअर बाजार थाना के कर्बला चौक और मिशन चौक काफी व्यस्त चौक है. वहां पर ट्रैफिक बूथ नहीं होने के कारण ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने तंबू से घेर कर विश्राम के लिए झोपड़ी बना रखा है. वहां चार-एक बल की हमेशा तैनाती रहती है. कई जगहों पर पेड़ के नीचे दो कुर्सी लगा कर पुलिसकर्मी विश्राम करते हैं. रांची में जब नये ट्रैफिक एसपी ने ज्वाइन किया, तो रांची जिला पुलिस एसोसिएशन के महामंत्री धर्मेंद्र कुमार सिंह ने बधाई देने के साथ ट्रैफिक बूथ बनवाने की मांग रखी थी.
राजधानी के मुख्य चौक, जहां नहीं ट्रैफिक बूथ
राजधानी में प्लाजा चौक, पुरुलिया रोड में मिशन चौक, कर्बला चौक, बहू बाजार चौक, खादगढ़ा बस स्टैंड के पास, कोकर चौक, तिरिल रोड चौक, हरमू रोड शनि मंदिर चौक, गाड़ीखाना, मुक्तिधाम, रातू रोड में दुर्गा मंदिर चौक, कांके रोड में चांदनी चौक, हटिया का सिंह मोड़ चौक, बरियातू रोड में रिम्स चौक सहित कई स्थानों पर ट्रैफिक बूथ नहीं है, जिससे पुलिसकर्मियों को परेशानी होती है.
पूरे शहर में 27 ट्रैफिक पोस्ट बनाने का प्रस्ताव दिया गया है : कैलाश करमाली, ट्रैफिक एसपी
राजधानी रांची में ट्रैफिक जवानों के लिए पोस्ट बनाने के लिए कई बार कागजों पर प्लान बना है लेकिन अब तक कोई भी प्लान धरती पर नहीं उतर पाया. प्लान तो यह भी था कि निजी कंपनियों के सहयोग से ट्रैफिक जवानों के लिए एसी युक्त ट्रैफिक पोस्ट बनेंगे लेकिन वह सभी योजनाएं कार्यों पर ही धरी की धरी रह गई.
ट्रैफिक जवानों को हो रही मुश्किलें और ट्रैफिक पोस्ट को लेकर जब रांची के ट्रैफिक एसपी कैलाश करमाली से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि जल्द से जल्द जहां-जहां ट्रैफिक पोस्ट नहीं है वहां बनवा दिया जाए. पूरे शहर में 27 ट्रैफिक पोस्ट बनाने का प्रस्ताव दिया गया है. उम्मीद है कि उसपर जल्द निर्णय ले लिया जाएगा.
मंगलवार को हाईकोर्ट ने कहा था – ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए पोस्ट पर समुचित व्यवस्था का इंतज़ाम करें
रांची में ऑटो चालकों के लिए नियम बनाने और ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान रांची के ट्रैफिक एसपी कैलाश करमाली अदालत के समक्ष उपस्थित हुए. अदालत ने उन्हें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि शहर के अवैध ऑटो और ई-रिक्शा का परिचालन न हो. साथ ही अदालत ने ट्रैफिक एसपी को मौखिक रूप से कहा कि यातायात व्यवस्था संभालने में लगे जवान भी इंसान हैं, इसलिए उन्हें ट्रैफिक पोस्ट पर समुचित व्यवस्था दें. धूप और बरसात में ट्रैफिक कर्मी यातायात व्यवस्था संभालते हैं, लेकिन उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं रहती.
Report By :- SHADAB KHAN, CITY DESK, NATION EXPRESS, रांची