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नहीं होगा अब निकाह में आतिशबाजी, नाचगाना, रस्म-ओ-रिवाज, दहेज की मांग और हल्दी की रस्म 

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NEWS DESK, NATION EXPRESS, NEW DELHI

निकाह को आसान बनाने, दहेज का बहिष्कार करने और शादियों में फिजूलखर्ची रोकने के लिए आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड  का इकरारनामा

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अब निकाह को आसान बनाने, दहेज का बहिष्कार करने और शादियों में फिजूलखर्ची रोकने के लिए इकरारनामा जारी किया है। 11 बिंदुओं वाले इकरारनामे से फिजूलखर्ची रुकेगी, जबकि निगाह सादगी के साथ हो सकेगा। इसमें मैरिज हाल के बजाय मस्जिदों में सादगी से निकाह करने, सिर्फ बाहर से आने वाले मेहमानों व घर वालों के लिए ही दावत का इंतजाम किए जाने की भी अपील की गई है।

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निकाह में गलत रस्मों को खत्म करने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 10 दिवसीय अभियान शुरू किया है। छह अप्रैल तक चलने वाले अभियान के तहत बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सय्यद राबे हसनी नदवी व महासचिव मौलाना वली रहमानी ने इकरारनामा जारी किया है। इकरारनामे का जमीयत उलमा ङ्क्षहद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, किछोछा शरीफ के सज्जादानशीन मौलाना फखरुद्दीन जीलानी, जमीयत अहले हदीस ङ्क्षहद के मौलाना असगर अली इमाम मेहदी सलफी, जमात ए इस्लामी हिंद के अमीर सआदतउल्लाह हुसैनी, मजलिस उलमा ए ङ्क्षहद के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद ने समर्थन किया है।

ट्विटर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की एंट्री, फॉलोवर्स बोले- हैलो नहीं, सलाम  करो - all india muslim personal law board social media twitter facebook  whatsapp tpt - AajTak

इन बिंदुओं पर मुस्लिमों से इकरार की गुजारिश

निकाह में बेकार रस्म-ओ-रिवाज, दहेज की मांग, मांझा (हल्दी की रस्म), रतजगा से परहेज। बरात की रस्म को खत्म करने के लिए मस्जिदों में सादगी से निकाह। निकाह की दावत सिर्फ शहर के बाहर के मेहमानों और घर वालों के लिए। निकाह में शिरकत करेंगे, लेकिन निकाह के बाद खाने की दावत से बचेंगे। वलीमा की दावत सादगी के साथ करेंगे, गरीबों का ख्याल भी रखेंगे। शरीयत के मुताबिक निकाह व दावत-ए-वलीमा का समर्थन करेंगे। निकाह व वलीमा में आतिशबाजी, नाचगाना आदि नहीं होगा। नौजवान अपने निकाह को सादगी के साथ कम खर्च में करेंगे। निकाह के तय वक्त का सख्ती से पालन करेंगे। निकाह के बाद सुन्नत के मुताबिक बीवी से बेहतर सुलूक करेंगे।

Nikah in Gauhati Will Now Need More Than Imamsदहेज लेने पर मौलवियों ने शादियों का किया बहिष्कार

देवबंद के जाने-माने मौलवी कारी इशाक गोरा ने बताया कि हर जगह के उलेमाओं (मौलवियों) से यह कहा जा रहा है कि वे ऐसी शादियों में ‘निकाह’ न पढ़ाएं. जहां हम दहेज के भी खिलाफ हैं और मौलवी ऐसी शादियां नहीं कराएंगे जहां दहेज की मांग की जाती हो. मुजफ्फरनगर में हुई मौलवियों की बैठक में ऐसी शादियों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया. मौलवियों ने लोगों से अपील की है कि तेज आवाज में गाना और पटाखों के इस्तेमाल से बचे. मुजफ्फरनगर के मौलवी मौलाना मुफ्ती असरारुल हक ने बैठक कर बताया कि, हमारे इस फैसले का  हर मौलवी ने  स्वागत किया है. इस इलाके के कुछ प्रमुख लोग भी हमारी इस बात से पूरी तरह से सहमत हैं. हम दहेज लोभियों और इस्लाम के उसूलों को न मानने वालों का बहिष्कार करेंगे.

देवबंद (Deoband) में इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम में मौलवियों ने शादी समारोहों के दौरान तेज संगीत बजाने और पटाखों के इस्तेमाल के खिलाफ देशभर में अभियान छेड़ दिया है. उन्होंने कहा है कि वे ऐसे समारोहों में ‘निकाह’ सम्पन्न नहीं कराएंगे. जहां पर लड़कियों के परिवार  से दहेज की मांग की जाएगी.

गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों पहले शामली जिले में एक शादी समारोह में डीजे की धुन पर दूल्हा कार पर चढ़कर नाच रहा था. इस बात को लेकर मौलवी साहब नाराज हो गए और उन्होंने ‘निकाह’ पढ़ाने से साफ इंकार कर दिया. इसके बाद दूल्हा और दुल्हन दोनों पक्ष के लोग बहुत घबरा गए. निकाह पढ़ाने के लिए तुरंत एक दूसरे मौलवी को बुलाया गया और आनन-फानन में निकाह की सारी रस्म पूरी की गई.

Report By :- SARA KHAN, NEWS DESK, NATION EXPRESS, NEW DELHI

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