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गरीबों के खून चूसने से बाज नहीं आ रहे दलाल, शर्मनाक तरीके से कफन का भी हो रहा है सौदा

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NEWS DESK, NATION EXPRESS, RANCHI

कोरोना महामारी से मानवता कराह रही है. हर तरफ चीत्कार और दर्द है. वहीं इस विकट-वीभत्स दौर में कुछ लोग कफन का भी सौदा कर रहे हैं. शर्मनाक तरीके से कुछ लोग कालाबाजारी में लगे हैं. ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए भटकते लोगों से मनमाना पैसा वसूला जा रहा है. जीवनरक्षक दवाओं की बोली लगाते भी इनकी मानवता नहीं मर रही. श्मशान घाट में सामान्य बीमारी से मर रहे लोगों के अंतिम संस्कार के लिए 20 से 50 हजार रुपये मांगे जा रहे हैं.

झारखंड में कालाबाजारी हो रही खुलेआम
एंबुलेंस सेवा देने के लिए गरीबों के खून चूसने से बाज नहीं आ रहे हैं. चंद निर्लज-अमानवीय चेहरे बाजार को गरीबों से दूर करने में लगे हैं. खाद्य सामग्री ऊंची कीमत पर बेच रहे हैं. कफन के इन सौदागरों से समय हिसाब मांगेगा. वहीं दूसरी ओर समाज का एक बड़ा वर्ग मुफ्त में सेवाएं भी दे रहा है. गरीब, जरूरतमंद और पीड़ित लोगों के आंसू पोछ रहा है.

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तीन गुना महंगी बेच रहे दवा, 1500s के ऑक्सीमीटर का ले रहे ~3500

कोरोना के इलाज में कारगर मानी जानेवाली कुछ दवाएं बाजार से धीरे-धीरे गायब हो रही हैं. इनकी कालाबाजारी शुरू हो गयी है. साथ कई गुना ज्यादा कीमत वसूली जा रही है. रेमडेसिविर इंजेक्शन व फेबिफ्लू जैसी दवाएं बाजार से गायब हैं. वहीं 1000 से 1500 रुपये में मिलने वाला ऑक्सीमीटर आज 2000 से 3500 रुपये में मिल रहा है.

मनमानी कर रहे दवा दुकानदार :

फेबिफ्लू 200 से 400 एमजी (प्रति 10 टेबलेट) का एमआरपी 1250 से 1400 रुपये है, जिसे कुछ लोगों ने तीन से चार हजार रुपये में खरीदा. कुछ दवा विक्रेताओं ने दावा किया था कि अगले सप्ताह तक पर्याप्त मात्रा में फेबिफ्लू की दवा मिलने लगेगी, पर स्थिति नहीं सुधरी.

दुकानों पर नहीं मिल रहीं दवाइयां :

कोरोना मरीजों को चिकित्सकों द्वारा लिखी गयी दवाइयां मेडिकल स्टोर में नहीं मिल रही हैं. सेफ्टम 500 एमजी, फेबिफ्लू, फ्लूगार्ड, फेवीवाेक, डेक्सामेथसोन फोर एमजी और कोविहोप टेबलेट 400 और 200, पैन-डी, ए टू जेड, डोलो 650 एमजी, ग्लिंक्टस प्लेन जैसी खांसी की आम दवाएं भी बाजार से गायब हो गयी हैं.

जरूरी दवाओं के नाम पर ठगी, कंपनियों का अलर्ट

कुछ मामलों में देखा गया है कि भारी मांग का फायदा उठाने के लिए कुछ दुकानदार जहां एमआरपी से ज्यादा कीमत ले रहे हैं, वहीं कुछ लोग बिना दवा की डिलिवरी किये पैसे लेकर चंपत भी हो जा रहे हैं. कोकर के विनय प्रसाद इसी तरह ठगी के शिकार हुए. सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गये नंबर पर दवा के लिए फोन करने पर उन्हें एडवांस में पैसा ट्रांसफर करने को कहा गया. लेकिन, पैसा ट्रांसफर करने के बाद अगले आदमी ने फोन उठाना ही बंद कर दिया. दवा कंपनियां भी अब ऐसे फर्जीवाड़ा करनेवालों से बचने के लिए आगाह कर रही हैं. सिप्ला ने इसके बारे में एक पब्लिक अपील भी जारी की है. जिसमें सावधान रहने की अपील की गयी है. ग्लव्स, ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर व वेपोराइजर की कीमतों में 30 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गयी है. बीच में कोरोना की रफ्तार थमने के कारण कंपनियों ने इन उत्पादों को बनाना बंद कर दिया था. बाद में इन चीजों की मांग अचानक से बढ़ जाने के कारण इसकी कालाबाजारी होने लगी.

संजीव कुमार, साईं सर्जिकल, श्री राम मार्केट

जानें अंत्येष्टि संस्कार की संपूर्ण विधि और वैदिक महत्वअंत्येष्टि के नाम पर मांगे गये 50 हजार रुपये

घाघरा में कोरोना संक्रमित मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए कफन का सौदा हो रहा है. यहां अंतिम संस्कार के लिए 50 हजार रुपये तक की मांग मृतकों के परिजनों से की जा रही है. पैसा नहीं देने पर दाह संस्कार कराने वाले कर्मी शव को नहीं छू रहे हैं. इसकी शिकायत मेयर से कुछ लोगों ने की है. मेयर ने कहा है कि ऐसे लोगों पर नगर निगम कार्रवाई करेगा. आपदा में इस प्रकार के अवसर तलाशने वालों पर कार्रवाई की जायेगी.

सरकार की कार्रवाई

राजधानी रांची की तीन दवा दुकानों को प्रशासन ने कराया बंद

कई दवा दुकानों के स्टॉक की हुई जांच

अनाजों की कालाबाजारी हो रही है, तो 1967 पर करें शिकायत

जमाखोरी पर होगी कानूनी कार्रवाई

Report By :- SHADAB KHAN / PALAK SINGH, NEWS DESK, NATION EXPRESS, RANCHI

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