Nation express
ख़बरों की नयी पहचान

वक्फ विधेयक पर JPC की बैठक भाजपा और TMC के बीच बवाल ! गुस्से में बोतल तोड़कर घायल हुए तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी, हाथ में लगे 4 टांके

0 189

NATIONAL DESK, NATION EXPRESS, नई दिल्ली

वक्फ बोर्ड की बैठक में भाजपा और टीएमसी के सांसदों के बीच झड़प हो गई। बताया जा रहा कि इस झड़प में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी चोटिल हो गए हैं।  

अंगूठे और अंगुली में चोट
दरअसल, वक्फ विधेयक पर संयुक्त समिति की एक बैठक हो रही थी। तभी टीएमसी सदस्य कल्याण बनर्जी की भाजपा के अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ तीखी बहस हो गई। इस दौरान बनर्जी ने एक कांच की बोतल तोड़कर फेंक दी, जिससे उनके अंगूठे और तर्जनी में चोट लग गई। 

- Advertisement -

TMC leader Kalyan Banerjee broke a bottle injured himself Heated debate on  Waqf bill वक्फ बिल पर बवाल, मीटिंग में TMC नेता कल्याण बनर्जी ने तोड़ी बोतल;  खुद को ही कर लिया

बनर्जी का तुरंत किया गया इलाज
टीएमसी सांसद को तुरंत प्राथमिक उपचार देना पड़ा। बाद में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और आप नेता संजय सिंह उन्हें बैठक कक्ष में वापस ले जाते हुए नजर आए। इतना ही नहीं अधिकारियों ने बनर्जी को सूप भी दिया।

इसलिए हुई बहस…
भाजपा के जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और वकीलों के एक समूह के विचार सुन रही थी। तभी विपक्षी सदस्यों ने सवाल किया कि विधेयक में उनका क्या हित है। इसके बाद बहस बढ़ गई। 

पहले जानते हैं कि वक्फ क्या होता है?
वक्फ कोई भी चल या अचल संपत्ति हो सकती है, जिसे इस्लाम को मानने वाला कोई भी व्यक्ति धार्मिक कार्यों के लिए दान कर सकता है। इस दान की हुई संपत्ति की कोई भी मालिक नहीं होता है। दान की हुई इस संपत्ति का मालिक अल्लाह को माना जाता है। लेकिन, उसे संचालित करने के लिए कुछ संस्थान बनाए गए है। वक्फ बिल को लेकर JPC की बैठक में हंगामा, विपक्षी सांसदों ने खरगे पर लगाए  आरोप का किया विरोध | Waqf Bill Opposition MP Lok Sabha Speaker Om Birla  letter Joint Parliamentary
वक्फ कैसे किया जा सकता है? 
वक्फ करने के अलग-अलग तरीके हो सकते हैं। जैसे- अगर किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक मकान हैं और वह उनमें से एक को वक्फ करना चाहता है तो वह अपनी वसीयत में एक मकान को वक्फ के लिए दान करने के बारे में लिख सकता है। ऐसे में उस मकान को संबंधित व्यक्ति की मौत के बाद उसका परिवार इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। उसे वक्फ की संपत्ति का संचालन करने वाली संस्था आगे सामाजिक कार्य में इस्तेमाल करेगी। इसी तरह शेयर से लेकर घर, मकान, किताब से लेकर कैश तक वक्फ किया जा सकता है।

कोई भी मुस्लिम व्यक्ति जो 18 साल से अधिक उम्र का है वह अपने नाम की किसी भी संपत्ति को वक्फ कर सकता है। वक्फ की गई संपत्ति पर उसका परिवार या कोई दूसरा शख्स दावा नहीं कर सकता है।

वक्फ की संपत्ति का संचालन करने वाले को क्या कहते हैं?
वक्फ की संपत्ति का संचालन करने के लिए वक्फ बोर्ड होते हैं। ये स्थानीय और राज्य स्तर पर बने होते हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में अलग-अलग शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड भी हैं। राज्य स्तर पर बने वक्फ बोर्ड इन वक्फ की संपत्ति का ध्यान रखते हैं। संपत्तियों के रखरखाव, उनसे आने वाली आय आदि का ध्यान रखा जाता है। केंद्रीय स्तर पर सेंट्रल वक्फ काउंसिल राज्यों के वक्फ बोर्ड को दिशानिर्देश देने का काम करती है। देशभर में बने कब्रिस्तान वक्फ भूमि का हिस्सा होते हैं। देश के सभी कब्रिस्तान का रखरखाव वक्फ ही करते हैं। 
वक्फ बोर्ड बिल: जेपीसी की बैठक में कटा गदर, विपक्षी सांसदों ने किया मीटिंग  से वॉक-आउट- Navbharat Live (नवभारत) - Hindi News | waqf board bill ruckus  in the jpc meeting opposition
देश भर में करीब 30 स्थापित संगठन हैं जो उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करते हैं। इन्हीं संगठनों को वक्फ बोर्ड के नाम से जाना जाता है। भारत में 30 वक्फ बोर्ड हैं, जिनमें से अधिकांश के मुख्यालय राज्यों की राजधानियों में हैं।

सभी वक्फ बोर्ड वक्फ अधिनियम 1995 के तहत काम करते हैं। भारतीय वक्फ परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली के अनुसार, वक्फ बोर्ड मुसलमानों के धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन से जुड़े हुए हैं। वे न केवल मस्जिदों, दरगाहों, कब्रिस्तानों आदि की मदद कर रहे हैं, बल्कि उनमें से कई स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, डिस्पेंसरी और मुसाफिरखानों का भी सहायता करते हैं, जो सामाजिक कल्याण के लिए बने हैं।

देश की आजादी के बाद 1954 वक्फ की संपत्ति और उसके रखरखाव के लिए वक्फ एक्ट -1954 बना था। 1995 में इसमें कुछ बदलाव किए गए। इसके बाद 2013 में इस एक्ट में कुछ और संशोधन किए गए। इसके मुताबिक, राज्य वक्फ बोर्ड एक सर्वे कमिश्नर की नियुक्ति करेगा। सर्वे कमिश्नर राज्य में वक्फ की सभी संपत्तियों का लेखा-जोखा रखेगा। उसे दर्ज करेगा। गवाहों को बुलाना, किसी विवाद की स्थिति में उसका निपटारा करना सर्वे कमिश्नर ही करता है। इसके लिए सर्वे कमिश्नर का एक ऑफिस होता है, जिसमें कई सर्वेयर होते हैं जो इस काम को करते हैं। स्थानीय स्तर पर वक्फ की संपत्ति की देखभाल करने वाले को मुतवल्ली कहते हैं। इसकी नियुक्ति राज्य वक्फ बोर्ड करता है। 
सोमवार को भी विपक्षी सांसद असदुद्दीन ओवैसी, संजय सिंह, ए राजा मीटिंग रूम से बाहर आ गए थे।
सरकार ने जो वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया है वो क्या है? 
पिछले कई दिनों से चर्चा थी कि सरकार संसद में वक्फ बोर्ड में संशोधन से जुड़ा विधेयक पेश कर सकती है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 पेश किया। 40 से अधिक संशोधनों के साथ, वक्फ (संशोधन) विधेयक में मौजूदा वक्फ अधिनियम में कई भागों को खत्म करने का प्रस्ताव है। 

इसके अलावा, विधेयक में वर्तमान अधिनियम में दूरगामी परिवर्तन की बात कही गई है। इसमें केंद्रीय और राज्य वक्फ बोर्ड में मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना भी शामिल है। इसके साथ ही किसी भी  धर्म के लोग इसकी कमेटियों के सदस्य हो सकते हैं। अधिनियम में आखिरी बार 2013 में संशोधन किया गया था।
Waqf Bill Parliamentary Panel Meeting Update; Opposition | BJP Congress | वक्फ  बिल पर JPC मीटिंग से विपक्ष का फिर वॉकआउट: स्पीकर को पत्र लिखा, कहा-  अध्यक्ष जगदंबिका पाल नियमों ...
इस विधेयक से क्या बदलेगा? 
वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 40 को हटाने का प्रस्ताव है। इसी धारा के तहत बोर्ड को शक्तियां थीं कि वह किसी संपत्ति के वक्फ संपत्ति होने का निर्णय ले सके। विधेयक में एक केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के जरिए वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण का प्रस्ताव है। नए अधिनियम के लागू होने के छह महीने के भीतर केंद्रीय पोर्टल पर संपत्तियों का विवरण दर्ज करना होगा।

इस विधेयक में नई धाराएं 3ए, 3बी और 3सी शामिल करने का प्रावधान है। ये धाराएं वक्फ की कुछ शर्तों, पोर्टल और डेटाबेस पर वक्फ का विवरण दाखिल करने और वक्फ की गलत घोषणा से जुड़ी हैं। विधेयक में वक्फ की गलत घोषणा को रोकने का प्रावधान है। अब किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने से पहले सभी संबंधितों को उचित सूचना देना होगा।

JPC में लोकसभा से 21 सदस्य- भाजपा के 7, कांग्रेस के 3 सांसद

  • जगदंबिका पाल, कमेटी के चेयरपर्सन (भाजपा)
  • निशिकांत दुबे (भाजपा)
  • तेजस्वी सूर्या (भाजपा)
  • अपराजिता सारंगी (भाजपा)
  • संजय जायसवाल (भाजपा)
  • दिलीप सैकिया (भाजपा)
  • अभिजीत गंगोपाध्याय (भाजपा)
  • डीके अरुणा (YSRCP)
  • गौरव गोगोई (कांग्रेस)
  • इमरान मसूद (कांग्रेस)
  • मोहम्मद जावेद (कांग्रेस)
  • मौलाना मोहिबुल्ला (सपा)
  • कल्याण बनर्जी (TMC)
  • ए राजा (DMK)
  • एलएस देवरायलु (TDP)
  • दिनेश्वर कामत (JDU)
  • अरविंत सावंत (शिवसेना, उद्धव गुट)
  • सुरेश गोपीनाथ (NCP, शरद पवार)
  • नरेश गणपत म्हास्के (शिवसेना, शिंदे गुट)
  • अरुण भारती (LJP-R)
  • असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM)

JPC में राज्यसभा से 10 सदस्य- भाजपा के 4, कांग्रेस का एक सांसद

  • बृज लाल (भाजपा)
  • डॉ. मेधा विश्राम कुलकर्णी (भाजपा)
  • गुलाम अली (भाजपा)
  • डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल (भाजपा)
  • सैयद नसीर हुसैन (कांग्रेस)
  • मोहम्मद नदीम उल हक (TMC)
  • वी विजयसाई रेड्डी (YSRCP)
  • एम मोहम्मद अब्दुल्ला (DMK)
  • संजय सिंह (AAP)
  • डॉ. धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े (राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत)
Report By :- ANUJA AWASTHI, NATIONAL DESK, NATION EXPRESS, नई दिल्ली

Leave A Reply

Your email address will not be published.

GA4|256711309