काम की बात : झारखंड में खाने पीने के सामानों की हो सकती है भारी किल्लत : आज ही अपने घरों में कर ले स्टॉक नहीं तो हो सकती है परेशानी, कई गुना बढ़ सकती है सामानों की कीमत
BUSINESS DESK, NATION EXPRESS, RANCHI
आज से थोक और खुदरा व्यापारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर: बढ़ सकती है सामान की कीमत, आलू- प्याज और फल की कीमतों पर सीधा पड़ेगा असर
बढ़ेगी परेशानीः आज मध्य रात्रि से खाद्यान्न की दुकानें होंगी बंद, फल-सब्जी व्यापारी दे रहे समर्थन
झारखंड में अचानक खुदरा बाजार में सामान की कीमतें बढ़ सकती हैं। वजह है थोक मंडियां एवं खुदरा कारोबार की अनिश्चित कालीन हड़ताल। कारोबारी कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक-2022 का विरोध कर कर रहे हैं।
प्रशासन को कारोबारियों ने दी है लिखित सूचना
इस हड़ताल का सीधा असर आपके घर के बजट पर पड़ सकता है। , फल, आलू- प्याज का खुदरा और थोक कारोबार इस हड़ताल से सीधा प्रभावित होगा। इस हड़ताल की वजह से माल का उठाव, आयात और निर्यात पूरी तरह से बंद रहेगा। राइस मिल्स, फ्लॉवर मिल्स सहित अन्य खाद्य संबंधी मैन्युफैक्चरर भी अपने प्लांट से सेल बंद हैं। जिला खाद्यान्न व्यवसायी संघ ने बुधवार से बेमियादी बंदी की लिखित सूचना उपायुक्त और एसडीएम को दी है।
छोटे कारोबारियों ने देर रात तक की खरीदारी
इस हड़ताल के असर को छोटे कारोबारी अच्छी तरह समझते हैं। अचानक बढ़ी कीमतों का फायदा लेने के लिए कृषि बाजार थोक मंडी में काफी भीड़ देखी गयी। छोटे कारोबारियों ने सुबह से लेकर देर शाम तक खरीदारी की है ताकि वह इस हड़ताल का लाभ ले सकें। हड़ताल की वजह से खुदरा बाजार में सामान की कीमतें बढ़ सकती हैं।
एक दिन में होता है 10 करोड़ का कारोबार
अगर बाजार के कारोबार के असर को समझना है तो इसका इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक दिन में खाद्यान्न, फल व आलू-प्याज का लगभग 10 करोड़ का कारोबार होता है। जिला चेंबर के अध्यक्ष चेतन गोयनका ने कहा कि जिले के सभी 55 चेंबर, जो खाद्यान्न, आलू-प्याज, फल व अंडा का कारोबार करते हैं। इसके बंद होने से सीधा असर बाजार पर पड़ेगा।
क्यों है विरोध
झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक 2022 का कारोबारी विरोध कर रहे हैं। कारोबारियों का कहना है कि इसमें दो प्रतिशत कृषि टैक्स लगाया गया है। इससे महंगाई और बढ़ेगी। कृषकों को उनके उत्पाद पर मूल्य कम मिलेगा। किसानों की आय और घटेगी। उद्योग एवं व्यापार में कमी आएगी। राज्य में कृषि टैक्स प्रभावी होने पर कृषि उपज का व्यवसाय एवं उद्योग झारखंड से बाहर चले जाएंगे। राज्य के किसानों को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।
Report By :- ANSHU GUPTA, BUSINESS DESK, NATION EXPRESS, RANCHI