NEWS DESK, NATION EXPRERSS, मिर्जापुर (Bihar)
कोरोना की मजदूरी ने जिंदगी के मायने बदल दिए है। मजबूरी में परंपराएं दफन हो रही है। कोरोना की बंदिशों को बीच अक्सर अजीबोगरीब रंग देखने को मिल रहे है। मजबूरी का ऐसा ही अजीबोगरीब रंग दिखा जिले के मिर्जापुर धोबाही में। कोरोना की मजबूरी की वजह से जब दूल्हे के पिता ने कोरोना की वजह से बारात लेकर आने से इन्कार कर दिया तो दुल्हन खुद बारात लेकर लड़के के घर पहुंची गई। मिर्जापुर धोबाही स्थित बाबा दूधेश्वरनाथ महादेव मंदिर में वर-वधू ने एक-दूसरे के गले में वरमाला डाल एक-दूसरे को जीवन साथी स्वीकार किया, वहीं अग्नि के समक्ष सात फेरे लेकर सात जनम तक साथ निभाने की शपथ ली। साथ ही लड़की अपने ससुराल में रह गई और स्वजन वापस लौट गए। लड़की के बारात लेकर लड़के के घर पहुंचने और शादी रचाने तथा दहेजमुक्त शादी की यह खबर इलाके में चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
शिवहर जिले के मिर्जापुर धोबाही निवासी ललन साह के 24 वर्षीय पुत्र सुनील कुमार की शादी सीतामढ़ी जिले के रीगा प्रखंड के महेशिया गांव निवासी दीनबंधु साह की पुत्री ज्योति से तय हुई थी। लेकिन, कोरोना और लाकडाउन की वजह से दीनबंधु साह ने बारात लेकर आने में असमर्थता जताई।
इसके बाद लड़की पक्ष के लोग मायूस हो गए। आखिरकार, ज्योति ने खुद बारात लेकर आने की ठानी। ज्योति के कहने पर उसके पिता ने लड़के के पिता से बात की। सहमति मिलने के बाद सोमवार की रात लड़की अपने पिता व स्वजनों के साथ बारात लेकर मिर्जापुर धोबाही पहुंची। वर पक्ष की ओर से बारातियों के सेवा सत्कार की पूरी व्यवस्था रही। परंपरागत तरीके दरवाजा लगाया गया। वहीं हिन्दू रीति-रिवाज के साथ गांव स्थित बाबा दूधेश्वरनाथ मंदिर में वर-वधु ने एक दूसरे को माला पहनाकर जयमाला की रस्म अदा की। साथ ही विवाह की रस्म अदा की गई।उपमुखिया शिवनाथ गुप्ता ने बताया कि कोरोना की वजह से लड़की ही बारात लेकर गांव पहुंची और शादी संपन्न हुई। जबकि, लड़के की बहन रेखा कुमारी ने बताया कि यह आदर्श और दहेजमुक्त विवाह रहा।
Report By :- ANLISHA SINGH, NEWS DESK, NATION EXPRERSS, मिर्जापुर (Bihar)