झारखंड की राजधानी रांची में आज मोहम्मद शकील, हाजी महमूद, मोहम्मद निजाम, और मोहम्मद हैदर के द्वारा नेचुरोपैथी फ्री मेडिकल कैंप का आयोजन मिल्लत कॉलोनी पत्थलकुदुवा में किया गया जिसमें जापानी मशीन के द्वारा एमआरआई टेस्ट सहित पूरे शरीर का जांच किया गया, फ्री मेडिकल कैंप में डॉक्टर राज जिन्होंने USA से नेचुरोपैथी की डिग्री हासिल की है इनके द्वारा मरीजों का इलाज और जांच किया गया, जिसमें ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, कोलेस्ट्रॉल, त्वचा और चर्म रोग, स्वाइन फ्लू, थायराइड, माइग्रेन, थकान, गठिया, जोड़ों का दर्द, बालों का झड़ना, यौन समस्या, मोटापा, शुगर, मधुमेह, बवासी, एसिडिटी, सांस लेने में परेशानी, पथरी, तलवे में जलन आंखों से संबंधित रोग, और कई बीमारियों का इलाज किया गया, इस फ्री मेडिकल कैंप में रांची समेत झारखंड के हजारों महिलाओं और पुरुष ने इसका फायदा उठाया,
नेचुरोपैथी डॉक्टर राज ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा या नेचुरोपैथी का मूल मंत्र है, ‘संपूर्णता का संतुलन।’ इसका मतलब है कि प्राकृतिक चिकित्सा व्यक्ति के शरीर के संचालन को सुधारने, रोगों का निदान करने और उनका इलाज करने के लिए प्राकृतिक प्रदार्थों का उपयोग करती है। इस चिकित्सा में जड़ी-बूटियों, पौधे, फल, पत्तियों, बीज और तेल आदि का प्रयोग किया जाता है। कैंप का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है. हम कई बार देखते हैं कि लोगों को पता नहीं होता कि उन्हें शुगर है या नहीं, जांच करवाने से शुगर की पहली अवस्था में ही मरीज को सावधान किया जा सकता है. अपनी जीवन शैली में परिवर्तन करें. सुबह की सैर के अलावा शुगर बढ़ाने वाली चीजों का परहेज करें, इन सावधानियों का पालन करके एक व्यक्ति स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकता है. लोगों को सेहत के प्रति अधिक से अधिक जागरूक करना ही इस कैंप को लगाने का मुख्य उद्देश्य है. हर कैंप में 100 से 150 लोगों का चेकअप किया जाता है, जिसमें अधिकतर बीपी और शुगर के मरीज पाए जाते हैं.
रांची के प्रतिष्ठित समाजसेवी मोहम्मद शकील ने बताया कि लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जागरूक करने के उद्देश्य से यह कैंप लगाया जाता है. इस कैंप में अनुभवी चिकित्सक डॉक्टर राज की टीम द्वारा लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जाती है. जांच शिविर में आने वाले लोगों को काफी कम दाम में दवाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं. जो लोग स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल नहीं जा सकते वे यहां आकर अपने स्वास्थ्य की जांच करवा लेते हैं.!
नेचुरोपैथी का मूल मंत्र है, ‘संपूर्णता का संतुलन
भारतीय संस्कृति और परंपरा में आयुर्वेद, योग, नेचुरोपैथी, सिद्ध, और होम्योपैथी जैसी प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को विशेष महत्व दिया गया है। भारत सरकार ने इस परंपरा के प्रति विशेष ध्यान देते हुए ‘आयुष मंत्रालय’ की स्थापना की है। यह भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग है। आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित की जाने वाली नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से, भारतीय प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को संरक्षित रखने का प्रयास करती है। यही नहीं, आयुष मंत्रालय लोगों में भी इन पद्धतियों की जागरूकता बढ़ाने का कार्य करता है। इसके अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम और योजनाएं चलाई जाती हैं, जो सेहत को मतबूत बनाने, बीमारियों को रोकने और उनका उपचार करने के लिए विभिन्न तकनीकों और चिकित्सा पद्धतियों का प्रयोग करती हैं। यह मंत्रालय भारत की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली ‘प्राकृतिक चिकित्सा’ या ‘नेचुरोपैथी’ के विकास और प्रबंधन के लिए भी जिम्मेदार है।
Report By :- PALAK TIWARI, HEALTH DESK, NATION EXPRESS, RANCHI