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पुलिस विभाग को छोड़ त्योहारों में हर विभाग को मिलती है छुट्टी, दूसरों को देख होते हैं खुश
जब लोग रांची में दुर्गा पूजा का जश्न मना रहे हैं तब रांची पुलिस के जवान हमारी सुरक्षा के लिए सड़कों पर हैं ताकि कोई हादसा न हो और खुशियों के साथ र्गा पूजा और विजयदशमी मनाई जा सके. लेकिन कर्तव्य और रिश्तों के बीच कश्मकश में ये नौजवान कर्तव्य को अहमियत देते हैं.
राजधानी के लोग दुर्गा पूजा सुरक्षित तरीके से मना सकें, इसलिए खुद परिवार से दूर रहकर ड्यूटी पर तैनात हैं रांची पुलिस , भले ही हम सब दुर्गा पूजा और विजयदशमी अपनों के बीच मनाते हैं, लेकिन शहर में ऐसा भी तबका है जो आपकी खुशियों को खास बनाता है। हम फेस्टिवल सेलिब्रेट कर रहे होते हैं, लेकिन यह लोग अपनी जिम्मेदारी पूरी करने में लगे होते हैं, विभिन्न पर्व त्योहारों के खुशनुमा मौके पर जहां सभी सरकारी कार्यालयों व स्कूल, काॅलेज कर्मियों को कई-कई दिनों की छुट्टी दे दी जाती है। ताकि सरकारी कर्मी पर्व त्योहार मे अपने परिजनों बाल-बच्चों व सगे-संबंधियों के साथ रह कर पर्व त्योहारों का आनन्द ले सकें। लेकिन एक मात्र पुलिस विभाग ही है जिन्हें सामान्य दिनों के बाद विशेष कर पर्व त्योहारों के अवसर पर उनकी सभी छुट्टियां रद्द कर उनसे अन्य दिनों की तुलना में और कड़ी ड्यूटी ली जाती है। उनके परिजनों और बच्चों का अपने अभिभावक के साथ पर्व का आनन्द लेने का सपना आखिरकार सपना ही रह जाता है। विडंबना देखिए कि जिन पुलिस कर्मियों को अपने परिजनों के साथ पर्व त्योहार मनाना तक नसीब नहीं हो पाता। वहीं पुलिसकर्मी अपने घर परिवार से दूर त्योहार के मौके पर चौक चौराहों मे मुस्तैदी के साथ अपने ड्यूटी निभाता हुआ दूसरे के परिजनों और उनके बच्चों के के मुस्कुराते चेहरे की झलक देख अपने आप को भी खुश नसीब समझते हुए दिल मसोस कर रह जाते हैं।
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता कहते हैं कि दुर्गा पूजा, विजयदशमी और दिवाली ही क्या लगभग सभी त्योहारों पर पुलिस के जवान के ड्यूटी पर रहते हैं, जिसकी वजह से उनको परिवार से दूर रहना पड़ता है. त्योहारों पर बच्चे ज़रूर परेशान रहते हैं क्योंकि उनकी उमीदें रहती है कि परिवार का मुखिया उनके साथ खुशियों में शरीक रहे. लेकिन ज़िम्मेदारियों ने हम लोगों को बांध रखा है. परिवार वालों से मिलने का बहुत मुश्किल से मौक़ा मिल पता है.
अनुराग गुप्ता कहते हैं भीड़ भाड़ वाले इलाके में कोई हादसा न हो इसलिए पुलिस के जवान लोगों की सुरक्षा और उनकी ख़ुशी के लिए मुस्तैद रहते हैं. हां, ये ज़रूर है कि इस दौरान पुलिस के जवानो को घर की याद बहुत आती है. परिवार वालों की ख्वाहिशें ज़हन के सामने रह-रह कर आती हैं लेकिन दिल को तसल्ली देनी पड़ती है. क्योंकि कर्तव्य को पारिवारिक खुशियों पर हावी नहीं होने देते.
पीसीआर में तैनात एक जवान कहते हैं कि दुर्गा पूजा के दिन सुरक्षा में रहते हैं लेकिन अगले दिन भी परिवार के साथ त्योहार मनाने का मौका किस्मत वालों को ही मिलता है. वर्ना आमतौर पर सुरक्षा में सुरक्षाकर्मी सुरक्षा में ही तैनात रहते हैं. दर्द तो परिवार के साथ त्योहार न मनाने का रहता है लेकिन हम लोग कर्तव्य को अपना परिवार मानते हैं. इसलिए परिवार भी हमारे दर्द को समझता है.
सेवा ही लक्ष्य है झारखंड पुलिस आपके साथ रांची पुलिस आपके सुख दुख का साथी जैसे कई मुहावरे आज रांची पुलिस के लिए सही साबित हो रहे हैं वजह साफ है कि पर्व त्यौहार के इस मौसम में भी झारखंड पुलिस के जवान पूरी इमानदारी और चौकसी के साथ आम जनता की सेवा में तत्पर लगी हुई है, हर कोई चाहता है है कि पर्व और त्योहार में अपनों के साथ बिताए लेकिन पुलिस की किस्मत में अपनों का साथ शायद नहीं है, इसलिए तो दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्यौहार और दशहरा में भी पुलिस को अपने परिवार से दूर रहकर आम पब्लिक के बीच में अपना त्यौहार और पर्व मनाना पड़ता है सुरक्षा में तैनात कई सिपाहियों की आंखों से आंसू बहने लगते हैं
पर्व त्योहारों में अपनों को याद करके छलक पड़ते हैं आंखों से आंसू :-
जब वे इस पर्व और त्योहार के मौसम में भी अपनों से दूर रहकर आम जनता की सेवा में लगे रहते हैं लेकिन पुलिस की भी यह मजबूरी है कि वह अपने परिवार से अलग रह कर पर्व त्यौहार अपने ही वर्दी वाले साथियों के साथ मनाना पड़ता है क्योंकि पुलिस ने शपथ भी यही दिया था कि जनता की सेवा सबसे पहले, कांटा टोली में तैनात एक ट्रैफिक सिपाही ने बताया कि अब तो पर्व त्यौहार में भी हमारे घर वाले हमारा इंतजार भी नहीं करते क्योंकि उन्हें पता है कि कि वे इस पर्व त्यौहार में ड्यूटी छोड़कर वह अपनों के बीच नहीं पहुंच पाएंगे कई ऐसे पुलिस के जवान है जिन्हें इस बात का गर्व है कि वह देश और समाज की रक्षा का एक अहम हिस्सा है और उनका कहना भी यही है कि पहले ड्यूटी फर्स्ट उसके बाद परिवार !
लोग शांति से परिवार के साथ त्योहार मना सकें सिर्फ इसलिए पुलिस छुट्टी पर नहीं जाती :-
परिवार से दूर रहकर जनता की सेवा में पूरे समय तैनात रहती है आज तक जनता ने कभी इनके बारे में नहीं सोचा सरकार बदली तो जरूर कुछ हद तक राहत मिली लेकिन पर्व और त्यौहार के दौरान आज भी पुलिस सुरक्षा में मुस्तैद नजर आती है ऐसे कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी है जिन्होंने सालों से अपने परिवार के साथ दुर्गा पूजा नहीं मनाया साल के 365 दिन और दिन के 24 घंटे खुले रहने वाले पुलिस थाना की कार्यप्रणाली पर कोई भी छुट्टी अपना असर नहीं डाल पाते, मैदान में तैनात पुलिसकर्मियों को हर समय निरंतर सेवा के मंत्र पर काम करना पड़ता है किसी भी अवकाश या फिर त्यौहार का कोई मतलब पुलिस के सामने नहीं होता दुर्गा पूजा हो दशहरा हो या होली हो या दीपावली या ईद या फिर बकरीद जैसे पर्व त्यौहार भी उन्हें सामान्य से ज्यादा मुस्तैद और चुस्त-दुरुस्त रहना पड़ता है कई पुलिस अधिकारी तो अपनी जरूरत के हिसाब से छुट्टी ले लेते हैं लेकिन पर्व और त्योहारों पर भी अपनी ड्यूटी करनी पड़ती है ऐसा किसी एक त्योहार पर नहीं बल्कि सभी त्योहार पर होता है वह कोई भी पर्व और त्योहार अपने और अपनों के बीच नहीं मना पाते हैं !
Report By :- SONALI SINHA / PRITI PANDEY, CITY DESK, NATION EXPRESS, RANCHI