2 दिनों में दो थाना प्रभारी सस्पेंड, थानेदारों के साथ-साथ कई ASI और SI डीजीपी के रडार पर….
CITY DESK, NATION EXPRESS, RANCHI
झारखण्ड की राजधानी रांची में 2 थाना प्रभारी सहित कई पुलिस ऑफिसरों को ससपेंड कर दिया है, डीजीपी अनुराग गुप्ता ने नामकुम थानेदार को और आईजी मनोज कौशिक ने अरगोड़ा थाना प्रभारी ब्रह्मदेव प्रसाद को अलग अलग मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में ससपेंड किया है
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CASE 1 :- खुशी तिवारी केस : DGP ने नामकुम थानेदार को हटाया, आईओ सस्पेंड
रांची की गलियों में रहने वाली खुशी तिवारी का नाम आज हर जगह चर्चा में है। पति का साथ पहले ही छूट चुका, आर्थिक तंगी ने उन्हें मजबूर किया और अब पुलिस व दबंगई के खेल ने उनकी जिंदगी को और मुश्किल बना दिया। यह कहानी सिर्फ एक महिला की परेशानी नहीं, बल्कि उस सिस्टम पर भी सवाल है जो कभी-कभी कमजोरों के लिए न्याय की राह को और कठिन बना देता है।
कर्ज से शुरू हुआ मुसीबत का सिलसिला
खुशी तिवारी का जीवन संघर्षों से भरा है। आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने कुछ रकम ब्याज पर उठाई। मदद के नाम पर सामने आए प्रियंका नायक और उसका भाई काशीनाथ नायक। लेकिन यह आर्थिक मदद जल्द ही ब्लैकमेल और दबाव का खेल बन गई। खुशी बताती हैं कि काशीनाथ ने न सिर्फ शादी का दबाव बनाया, बल्कि फर्जी शादीनामा तैयार करवा दिया। इसके साथ ही उनकी अश्लील तस्वीरें बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।
खुशी ने डरते-घबराते आखिरकार हिम्मत दिखाई और गोंदा थाना में शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत पर कार्रवाई हुई और काशीनाथ गिरफ्तार हुआ। उस समय खुशी को उम्मीद जगी थी कि अब उनकी परेशानियां खत्म हो जाएंगी। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। जेल से छूटने के बाद काशीनाथ ने नया षड्यंत्र रचा। इस बार उसकी पत्नी भी इसमें शामिल हो गई। आरोप है कि दोनों ने मिलकर नामकुम थाना में खुशी और उनके पिता के खिलाफ झूठा केस दर्ज करा दिया। और यही वह मोड़ था, जब पूरा मामला पलट गया।
पुलिस कार्रवाई पर सवाल
DGP अनुराग गुप्ता ने पहले ही आदेश दिया था कि जब तक जांच पूरी न हो, तब तक गोंदा और नामकुम थाना की पुलिस कोई कार्रवाई न करे। बावजूद इसके नामकुम थाना पुलिस ने खुशी और उनके पिता को जेल भेज दिया। जब मामला DGP के संज्ञान में आया, तो उन्होंने कड़ा कदम उठाया। नामकुम थानेदार मनोज कुमार का तबादला सिमडेगा कर दिया गया और केस के आईओ मिथुन कुमार को निलंबित कर चाईबासा भेजा गया। डीजीपी ने साफ संदेश दिया कि आदेश की अनदेखी बर्दाश्त नहीं होगी।
पुलिस मिलीभगत के आरोप
खुशी तिवारी का आरोप और भी गंभीर है। उनका कहना है कि काशीनाथ जमीन दलाली करता है और पुलिस अधिकारियों से उसकी गहरी मिलीभगत है। यहां तक कि एक पुलिस अधिकारी भी उन्हें और उनके परिवार को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देते रहे। डीजीपी की सख्ती ने उन्हें थोड़ी राहत दी है।
CASE 1 :- अरगोड़ा थानेदार ब्रह्मदेव प्रसाद सस्पेंड… जानें क्यों
अरगोड़ा थाना में हिरासत में लिए गए एक युवक के साथ मारपीट के मामले में जोनल आईजी मनोज कौशिक ने सख्त कार्रवाई की है। उन्होंने थाना प्रभारी ब्रह्मदेव प्रसाद और ओडी पदाधिकारी दिवाकर सिंह को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिन पहले एक युवक को थाने की हाजत में बंद कर पीटा गया था। मामले की जानकारी मिलते ही एसएसपी ने पहले ही एक सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया था। इसके बाद थाना प्रभारी के खिलाफ रिपोर्ट जोनल आईजी को भेजी गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर जोनल आईजी ने यह कदम उठाया। फिलहाल पूरे मामले की जांच जारी है और आगे और भी कार्रवाई हो सकती है।
झारखण्ड पुलिस के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने 2 थाना प्रभारियों को ससपेंड कर ये साफ़ सन्देश दे दिया है की लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी, खुशी तिवारी CASE में नामकुम थाना के एक और अफसर के डी सिंह पर गाज गिरना तय माना जा रहा है,
Report By :- NIDHI GUPTA, CITY DESK, NATION EXPRESS, RANCHI