मेड के नाम पर ना बनें मैड: जालसाजों ने बुना ऑनलाइन ठगी का नया जाल, आपकी एक चूक लगा सकती है आपको चूना
NEWS DESK, NATION EXPRESS, ग्रेटर नोएडा
ग्रेनो वेस्ट की एक सोसाइटी निवासी रीना ने आठ दिसंबर को घरेलू सहायिका के लिए गूगल पर एजेंसी सर्च किया था। दो से तीन एजेंसी की वेबसाइट तलाशने के बाद उनके नंबर पर एक एजेंसी से कॉल आ गई। आधी मांगी राशि 5000 एडवांस में देने के बाद एजेंसी ने कॉल उठाना बंद कर दिया।

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इधर दिसंबर माह में फिर से इस तरह के मामले आने शुरू हो गए हैं। ग्रेटर नोएडा के जीटा-1 स्थित एक सोसाइटी निवासी प्रियांशी दत्ता ने भी इंटरनेट से घरेलू सहायिका रखवाने वाली एजेंसी को सर्च किया था। कुछ देर बाद उन्हें एक कॉल आई और घर के लिए फुल टाइम घरेलू सहायिका रखवाने की बात की। उन्होंने पूछा कि मोबाइल नंबर कहां से मिला तो एजेंसी से कहा गया कि जस्ट डायल कंपनी से नंबर मिला है। बताया गया कि यह एजेंसी भोपाल की है, लेकिन देशभर में घरेलू सहायिकाएं उपलब्ध कराती है।
इसके बाद उन्होंने अपनी साइट पर घरेलू सहायिकाओं की प्रोफाइल दी और चयन करने के बाद उन्हें नीना नाम की एक सहायिका से बात कराई गई। काम करने के लिए 7000 रुपये प्रतिमाह और 1000 रुपये एजेंसी चार्ज बताया गया। दो माह का 14000 रुपये एडवांस ले लिया गया। प्रियांशी ने ऑनलाइन पेमेंट कर दिया। इसके बाद कॉल करने पर जल्द सहायिका उपलब्ध कराने की बात कही गई। एक सप्ताह बाद नंबर भी बंद आने लगा। अब प्रियांशी पछता रहीं हैं।
साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि झारखंड के जामताड़ा, हरियाणा के नूंह-मेवात, बिहार के सीवान और राजस्थान के भरतपुर के पास कुछ क्षेत्रों में धोखाधड़ी करने वाले कॉल कर पैसा ठग रहे हैं। अब स्थानीय स्तर पर भी नकली पेज बनाकर फर्जी एजेंसियां लोगों को ठग रही हैं।
ऑफिस ढूंढकर ही करें ऑनलाइन पेमेंट