Nation express
ख़बरों की नयी पहचान

सदर इबरार अहमद के नेतृत्व में अंजुमन इस्लामिया ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कामयाबी की नई इबारत लिखी,

0 569

NEWS DESK, NATION EXPRESS, RANCHI

आवामी बेदारी बैठक में शामिल हुए अंजुमन के अध्यक्ष इबरार अहमद

अंजुमन इस्लामिया अस्पताल को आसमान की बुलंदी पर ले जाने में अहम भूमिका निभाया है इबरार अहमद ने

Ibrar Ahmad (@IbrarAh32042592) | Twitterअंजुमन इस्लामिया  चुनाव का बिगुल कभी भी फूंका जा सकता है इसको लेकर चुनाव में खड़े होने वाले प्रत्याशी अपनी ओर से लोगों को रिझाने में जुट गए हैं इसी कड़ी में आज आवामी बेदारी बैठक में अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष पद के दावेदार इबरार अहमद शामिल हुए उन्होंने कहा कि अंजुमन इस्लामिया एक तहरीक है जिसकी शुरुआत हम सभी ने आजाद बस्ती ह्यूमन वेलफेयर सोसाइटी से ही किया था। इस 6-7 सालों के अर्से में क्या हुआ और क्या छूटा है इसकी निशानदेही होनी चाहिए, जैसा कि आपलोग अभी कर रहे हैं। शुरुवाती दौर में अंजुमन के असासें बिखरी हुई थी जिसे अच्छे लोगों की मदद से अल्हम्दुलिल्लाह समेटा गया है।अस्पताल में नए मॉडर्न मशीनें लगाई गई लेकिन अच्छे डॉक्टरों की अभी भी जरूरत है जिसे इंशाल्लाह आने वाले दिनों में पूरा किया जाएगा। डॉक्टरों के जरिये लिखे प्रिस्क्रिप्शन को भी जाँचने के लिए एक सीनियर डॉक्टर को रखकर गैर जरूरी दवाओं को लिखने से रोका जाएगा। ज़कात फण्ड से हर महीना जरूरत मंदों को दी जा रही है, जो अभी भी नाकाफ़ी है जिसे और बढ़ाया जाएगा। अभी अस्पताल में बच्चा वार्ड का काम युद्धस्तर से जारी है, जो निहायत ही जरूरी है, ताकि हमारे बच्चों को कम ख़र्च में आला इलाज़ मुहैय्या कराया जा सके। आपके इलाके के ख़लील साहब का कोरोना काल में किये गए रिलीफ का काम, नज़ीब, जावेद, ज़फर, नदीम और जावेद का अस्पताल में योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। अंजुमन के तालीमी सोबा में भी काम किया गया, लाइब्रेरी बनाया गया जहाँ हमारे बच्चें पढ़ाई करके कामयाबी के तरफ बढ़ रहे हैं। तबरेज़ साहब ने शेल्टर होम की बात की, ये बात सही है कि यतीम बच्चियों के लिए शेल्टर होम खोला जाना चाहिए जिसका काम मौलाना आजाद कॉलोनी में बागे रसूल कैम्पस के नाम से शुरूवात भी हुई थी लेकिन कुछ लोगों ने केस करवाकर इसे रुकवाने की नापाक साज़िश किया जिसे भी इंशाल्लाह जल्द से जल्द हल कर लिया जायेगा। समाज के प्रति जिम्मेदारी और भागीदारी हम सभी को लेने की जरूरत है, ये वन मैन शो नहीं है। कॉलेज की जमीन बानापीढ़ी में 5 एकड़ लिया गया जिससे इसका एफिलिएशन बचाई गयी, अभी बीएड के लिए जामिया मिल्लिया से अप्रूवल हो गया है जिसमें बहुत ही कम खर्च में बीएड किया जा सकता है। अगर अंजुमन इस्लामिया के तमाम प्रॉपर्टी को सही से इस्तेमाल किया जाये तो इसका इस्तेमाल डेवलपमेंट कामों में किया जा सकता है।

- Advertisement -

फूल बगान पंचायत के अध्यक्ष, जनाब फ़ारूक़ गुल  ने कहा कि अंजुमन को ऐसा मजबूत पढ़ा-लिखा सदर चाहिए जो एडमिनिस्ट्रेशन से आँख में आँख मिलाकर बात कर सके। हर मामले में लाठी-डंडा हल नहीं है, प्यार मोहब्बत से भी बड़ा-बड़ा काम किया जा सकता है।  वही अंजुमन इस्लामिया के शिक्षा संयोजक राँची ख़लील  ने कहा कि आजाद हाई स्कूल और मिडिल स्कूल एक ही कैम्पस में रहते हुए भी मिडिल स्कूल को वो हक़ नहीं मिला था जिसे मिलना चाहिए। शुरू में पूरे आजाद मिडिल स्कूल में सिर्फ और सिर्फ 28 बच्चें थें, जिसे बढ़ाया गया और उसे सिस्टम में लाने के लिए अतिरिक्त टीचरों की टेम्पोररी बहाली की गयी। कोरोना काल में ये रफ्तार धीमी हो गयी जिसे इंशाल्लाह आगे मिलजुलकर और अच्छा किया जा सकता है। मून आर्यन ने कहा कि जितने भी पंचायत हैं जो वोट देंगे, उन्हें वोट तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। सभी पंचायत, इदारों और संस्थाओं को क़ौमी फलाह के लिए अंजुमन से कॉर्डिनेट काम करने की जरूरत है। मल्लिक पंचायत के  जनाब बदरू ने कहा कि अस्पताल में बहुत दूर दूर से लोग आते हैं उनलोगों को गाइड करने की जरूरत है। अंजुमन के मामले में लोग बहुत पेपर बाजी किया जाता है जिसपर रोक लगना चाहिये। प्रगति यूथ क्लब के सदर तबरेज़ ने कहा कि हमलोग अंजुमन में इबरार साहब व मोख्तार साहब की साथ वाली टीम को ही देखते आये हैं लेकिन अभी सुनने में आ रहा है कि ये टीम टूट गयी, इसकी वज़ह क्या है? क्या इन दोनों को फिरसे एक प्लेटफॉर्म में नहीं लाया जा सकता है? इसके लिए कोशिश किया जाना चाहिए। अंजुमन अस्पताल में अच्छे डॉक्टरों की कमी हमेशा देखने को मिलती है, जो डॉक्टर आते भी हैं तो जल्दी छोड़ देते हैं आख़िर क्यों? मैं इबरार साहब से ही सुनते आया हूँ कि यतीम बच्चियों के लिए एक शेल्टर होम बनना चाहिए तो ये अमल में कब लाया जाएगा। अल्लाह ताला इबरार साहब की रहनुमाई हम लोगों के ऊपर बनाये रखे क्योंकि इनसे हम सभी को बहुत कुछ सीखने को मिला,

नागरिक सेवा समिती, इमारत नगर  के अध्यक्ष हसनैन ने कहा कि जब मैं 2018 में अंजुमन का एग्जीक्यूटिव चुनकर आया तब हमें एक मजबूत लीडरशिप मिला जिनसे बहुत कुछ सीखने को मिला, अल्लाह इनको और बरकरार रखे ताकि हम सभी को और सीखने का मौका मिले। काम करने वालों के लिए काम कभी भी ख़त्म नहीं होता और जो काम करने वाले नहीं है उनके लिए सिर्फ बहाना ही बहाना है। पिछले कार्यकाल में बहुत काम हुआ और आगे भी इंशाल्लाह सभी पेंडिंग काम आने वाले वक़्त में किया जायेगा।

मिल्लत पंचायत, मिल्लत कॉलोनी के सदर  जावेद ने  कहा कि ये हमारी खुशकिस्मती है कि मौजूदा सदर के ज़हानत और फ़रासत से अंजुमन को एक नयीं पहचान मिली है, नहीं तो अंजुमन को सिर्फ और सिर्फ हमलोग चाँद के ख़बर के लिए जानते थें, आज इसकी पहचान शिक्षा और स्वास्थ्य से बन रही है। अंजुमन अस्पताल का स्ट्रक्चर तो माशाल्लाह पहले से बेहतरीन हो गया है लेकिन अभी भी डॉक्टरों व ट्रेनड नर्सों की कमी है जिसे पूरी की जानी चाहिए। अस्पताल में कॉउंसेलिंग सेन्टर तो बनाया गया लेकिन कॉउंसेलर नहीं बैठाया गया। हम लोग हमेशा रातू क़ब्रिस्तान में कन्वेनर बनने के लिए सिर फुटव्वल सुनते हैं, अंजुमन का बरियातू में भी एक क़ब्रिस्तान है वहाँ की भी सुध ली जानी चाहिए। सारा बव्वाल कॉलेज के बहाली के लिए हमेशा से होता आया है तो इसे पेंडिंग अब तक क्यों रखा गया? अगर यहाँ के लोग बहाली नहीं करवा पा रहे हैं तो बाहरी एजेंसी को इसका जिम्मा लगाया जाए ताकि बहाली ईमानदारी से किया जा सके।

बहरहाल अंजुमन चुनाव में सभी लोग शहर और गांव के अलग-अलग पंचायतों मस्जिदों और मदरसों का दौरा कर यह दावा कर रहे हैं कि सही प्रत्याशी वही है लेकिन देखना दिलचस्प होगा की आवाम किसको अंजुमन इस्लामिया के गद्दी पर बैठता है ?

Report By :- KHUSHBOO SHARMA , NEWS DESK, NATION EXPRESS, RANCHI

Leave A Reply

Your email address will not be published.

GA4|256711309