खून के आंसू रोता मदरसा हुसैनिया : मौलाना अजहर मरहूम की संघर्ष से कायम मदरसा हुसैनिया को बेईमान वारिसों ने बर्बाद कर दिया
NEWS DESK, NATION EXPRESS, रांची
झारखंड की राजधानी रांची में स्थित मदरसा हुसैनिया से कौन परिचित नहीं है यह मदरसा रांची के कडरू में स्थित है मदरसे की वेबसाइट में सूचीबद्ध स्थापना तिथि 29 अप्रैल 1958 दर्ज है
मैं इस मदरसे का छात्र रहा हूं , अल हमदुलिल्ला मुझे इस मदरसे से कुरान नजीरातजवीद और तफसीर और हदीस की बुनियादी शिक्षा मिली मेरे जीवन में आज जो कुछ भी है वह इस मदरसे की देन है और मैं 40 साल से मदरसे के संचालक मौलाना अजहर मरहूम पूर्व मोहतमिम मदरसा हुसैनिया का पड़ोसी हूं
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यह मदरसा तीन मौलवी का संघर्ष का त्रिकोण है मौलाना अजहर मौलाना ,अब्दुल अजीज और मौलाना कासिम मौलाना अब्दुल अजीज मौलाना अजहर के बहनोई और समधी है मौलाना अजहर की दो बेटियों की शादी मौलाना अब्दुल अजीज के बेटों से हुई है इस मदरसे का तीसरा स्थान मौलवी कासिम के जो मौलाना अजहर के साडू है, मैंने हमेशा मौलाना काजिम को मदरसे के लिए फंड जमा करने के काम में लगा देखा, दुनिया भर से और खासकर मुंबई से मदरसे के लिए फंड इकट्ठा करना उनका काम था सारी जिंदगी इसे पूरी जिम्मेदारी के साथ अंजाम देते रहे मौलवी अब्दुल अजीज और मौलवी मौलवी अजहर के दोनों बाजू थे आपसी रंजिश के कारण मौलाना अब्दुल अजीज मदरसा छोड़ दिया और बाद में अपने गांव में उनकी मृत्यु हो गई कुछ दिन बाद मौलाना काजिम की भी मृत्यु हो गई !
मौलाना अब्दुल अजीज के अलग होने के बाद मदरसा हुसैनिया का पतन शुरू हो गया मौलाना अब्दुल अजीज के समय में यहां तफसीर जलालन तक शिक्षा होती थी उस किताब की शिक्षा भी मौलाना अब्दुल अजीज ही देते थे उस समय मदरसे में छात्रों की संख्या 1000 से अधिक थी मौलाना अब्दुल अजीज के अलगाव और मृत्यु के बाद मौलाना अजहर बेसहारा हो गए और मौलवी अजहर के बेटों ने सत्ता पर कब्जा करना शुरू कर दिया, और उन्हें सत्ता से अलग-थलग कर दिया, मौलाना अजहर मरहूम के तीन बेटे हैं अहमद, मोहम्मद और असजद !
मोहम्मद आज मदरसा हुसैनिया का प्रमुख है ,अहमद बुद्धिमान नहीं है, असजद ईमानदार है, असजद ने अपने पिता के जीवन में एक बार मदरसे में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी भाइयों ने पुलिस की मदद ली पहले तो थाने में उसे बुरी तरह पीटा गया उसके बाद साजिशकर्ता उसे पागल घोषित करके पागलखाने में भर्ती करा दिया गया वहां भी उन्हें साजिश के तहत ऐसी दवाई और इंजेक्शन दिए कि आज वह शारीरिक रूप से अक्षम है अपने भाई की सत्ता की लालसा का शिकार हो गया
उपरोक्त तीनों मौलवियों की विरासत मदरसा हुसैनिया अब खत्म होती जा रही है खयानत करने वालों के कब्जे में है जलालैन की तालीम कब की खत्म हो चुकी है छात्रों की संख्या 1000 से घटकर 250 तक सिमट गई है शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह शून्य हो गई है , हां कागज पर और मीडिया की मुंह भराई के माध्यम से इस लाश को जिंदा और सक्रिय दिखाकर कौम को धोखा देने और धन ऐंठने का काम अभी भी बदस्तूर जारी है, रमजान आने वाला है एक भाई अहमद वर्दी पहनकर बुजुर्गों की सूरत बनाकर मुंबई जाकर 1000 बच्चों के खर्चे की कुंडली दिखाएगा और वहां से पैसा लेकर आएगा दूसरा भाई मोहम्मद मदरसा में चादर बिछाकर स्थानीय मुसलमानों से जकात फितरत वसूल करेगा, गरीब अब्दुल अजीज और मौलवी काजिम के बच्चों को मदरसा हुसैनिया में मुलाजमत नसीब नहीं हुई हां मौलवी अजहर मरहूम के वारिसों की पूरी तरह चांदी हो गई है पूरी फैमिली मोटी तनख्वाह रही है
मुसलमानों की हालत यह केवल पैसा देते हैं अब इसे कुत्ते खा रहे हैं या इंसान इससे उन्हें कोई मतलब नहीं होता, कौम ने अपना फर्ज पूरा कर दिया , कौम के पास यही लंगड़ा लूला इस्लाम है आज कौमकौन के पास धन की भारी कमी है और कई कल्याणकारी कार्य है जो अति आवश्यक है नहीं हो पा रहे हैं, ऐसे में ऐसे लुटेरों को धन देना उसे बर्बाद करने जैसा है!
इस लेख के पाठकों को इस मामले की टेलीफोन जांच से कुछ भी हासिल नहीं होगा और निजी जासूस उपलब्ध है उनकी सेवाएं प्राप्त करें दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जाएगा
साथ ही मैंने ये जानकारी पूरी ईमान और यकीन के साथ कौम को दे रहा हूं यदि किसी को पुष्टि चाहिए तो मेरा संपर्क नंबर नीचे दिया गया है आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं
नोट :मौलाना अजहर के नाखल्फ पुत्रों के साथ सफेदपोश मुसलमानों का एक समूह भी सरगर्म है में जो इस हराम की कमाई में उनका हिस्सेदार है उपरोक्त तथ्यों को अगर कोई कौम के सामने लाता है तो यह दलाल इस “साजिश” और इस्लाम के खिलाफ प्रचार धर्म परआक्रमण और एक इस्लामिक संस्था को बर्बाद करने की साजिश करार दे देते हैं, लेकिन मैं डंके की चोट पर कहता हूं कि फिलहाल तो रमजान की छुट्टियां हैं शव्वाल के बाद जिसे आना है आए और जांच कर ले दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा
इस लेख को हुबहू छापा जा रहा है आलेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी हो सकते हैं इससे नेशन एक्सप्रेस का कोई लेना देना नहीं है !
गुल फिरोज खान
EX- EDITOR IN CHIEF, आवामी न्यूज़ (सन्मार्ग मीडिया)
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