DGP नियुक्ति पर सियासी घमासान ! बाबूलाल ने डीजीपी को झारखंड का सबसे विवादित IPS बताया, साथ ही अनुराग गुप्ता के कार्यकाल की सीबीआई जांच की मांग की
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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा डीजीपी नियुक्ति के लिए जारी नियमावली को संविधान और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बताया है। बुधवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता में बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार ने अप्रैल में रिटायर होने वाले आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता को नियमित पुलिस महानिदेशक बनाकर कानून का उल्लंघन किया है।
झारखंड में डीजीपी (DGP) की नियुक्ति एक बार फिर से राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गई है। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार द्वारा आईपीएस अनुराग गुप्ता को प्रभारी डीजीपी नियुक्त करने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार को स्थायी डीजीपी की नियुक्ति करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना कर अनुराग गुप्ता को डीजीपी नियुक्ति किया है। उन्होंने कहा कि कदाचार में लिप्ता अनुराग गुप्ता यूपीएससी द्वारा अनुशंसिक सूची में नहीं थे, इसके बावजूद उन्हें डीजीपी बनाया गया है।
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झारखंड के सबसे विवादित आईपीएस ऑफिसर अनुराग गुप्ता है
झारखंड के नवनियुक्त नियमित पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विरोध शुरू कर दिया है. झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने नये डीजीपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी नियुक्ति को रद्द करने की सरकार से मांग की है. झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री रहे मरांडी ने कहा है कि झारखंड के सबसे विवादित आईपीएस ऑफिसर अनुराग गुप्ता को हेमंत सोरेन की सरकार ने पुलिस महानिदेशक बनाया है. उन्होंने डीजीपी की नियुक्ति को रद्द करने और अनुराग गुप्ता के कार्य कलापों की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. उन्होंने न्यायपालिका से अपील की है कि झारखंड हाईकोर्ट इस मामले का स्वतः संज्ञान ले और डीजीपी की नियुक्ति मामले की सुनवाई करे. साथ ही यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले में राज्य सरकार के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. मरांडी ने कहा कि भाजपा झारखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने और राज्य में कानून का राज स्थापित करने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी.
यूपीएससी की लिस्ट में नहीं था अनुराग गुप्ता का नाम – मरांडी
बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड की जनता को धोखे में रखकर हेमंत सोरेन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया है. राज्य सरकार ने न सिर्फ संविधान की मर्यादाओं को तोड़ा है, बल्कि राज्य की पुलिस प्रशासन व्यवस्था को अपनी राजनीतिक साजिशों का हथियार बना लिया है. झारखंड के पूर्व सीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2006 में प्रकाश सिंह केस में निर्देश दिया था कि डीजीपी की नियुक्ति यूपीएससी की ओर से जारी पैनल से ही होगी. हेमंत सरकार ने यूपीएससी को दरकिनार कर अपनी मर्जी से अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाया है. यूपीएससी ने जिन लोगों के नामों की अनुशंसा की थी, उसमें अनुराग गुप्ता का नाम नहीं था.
एक्ट पारित नहीं हुआ, तो रूल्स कैसे बना – बाबूलाल मरांडी का प्रश्न
भाजपा नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि जब तक राज्य सरकार कोई नया कानून नहीं बनाती, तब तक यूपीएससी की प्रक्रिया से ही नियुक्ति होगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद को सुप्रीम कोर्ट से ऊपर समझने लगे हैं. उन्हें कार्यकारी आदेश (एग्जीक्यूटिव ऑर्डर) और अधिनियम (एक्ट) में अंतर नहीं मालूम. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड सरकार ने वर्ष 2025 में एक नियमावली (रूल्स)बना दिया, जबकि (एक्ट) अधिनियम पारित नहीं हुआ है. कोई भी सरकार पहले एक्ट बनाती है, तब वह रूल्स बनता है. एक्ट पारित नहीं हुआ, तो रूल्स कैसे बन गया?
भाजपा नेता ने उठाया सवाल
भाजपा नेता ने कहा कि कैबिनेट ने डीजीपी नियुक्त करने के लिए जो पैनल बनाया है, उसमें जेपीएसएसी अध्यक्ष द्वारा नामित एक सदस्य रहना है। जबकि जेपीएससी में अभी कोई अध्यक्ष ही नहीं है।
सीबीआई जांच की मांग
- चुनाव में गड़बड़ी करने के आरोप में दो साल अनुराग गुप्ता निलंबित रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति निरस्त हो और उनके कार्यकलाप की सीबीआई से जांच हो।
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साथ ही हाईकोर्ट इस मामले पर स्वतः संज्ञान ले। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस अवैध नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश को किसी सरकारी पद पर नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए।
JMM का BJP पर पलटवार
बाबूलाल मरांडी के आरोपों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने कड़ा जवाब दिया है। पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी पहले अपने संगठन को मजबूत करे। उन्होंने कहा, “बीजेपी शासित राज्यों समेत दक्षिण भारत के कई राज्य अपनी समझ से डीजीपी की नियुक्ति करते हैं। फिर झारखंड सरकार के फैसले पर बीजेपी को परेशानी क्यों हो रही है?”
BJP नेता प्रतिपक्ष के चयन पर भी उठे सवाल
सुप्रियो भट्टाचार्य ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि पार्टी हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद झारखंड में नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा,
“बीजेपी अपने लिए एक प्रदेश अध्यक्ष तक तय नहीं कर पा रही है। आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी है कि पार्टी अब तक अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष भी घोषित नहीं कर सकी?”
क्या है विवाद की जड़?
झारखंड में डीजीपी नियुक्ति को लेकर विपक्ष लगातार राज्य सरकार को घेर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार, डीजीपी की नियुक्ति संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा चुनी गई सूची में से की जानी चाहिए। लेकिन झारखंड सरकार ने अभी तक इस प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है।
राजनीतिक तकरार जारी
झारखंड में डीजीपी नियुक्ति का मुद्दा राजनीतिक रंग ले चुका है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और बीजेपी आगे इस मामले को कैसे उठाती है।
Report By :- NIDHI GUPTA, POLITICAL DESK, NATION EXPRESS, RANCHI