आसमान भी रो पड़ा अंतिम विदाई में ! पंचत्व में विलीन हो गया झारखण्ड का कोहिनूर, छोटे बेटे बसंत सोरेन ने दी मुखाग्नि…. अंतिम संस्कार में शामिल हुए मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेता
POLITICAL DESK, NATION EXPRESS RANCHI / NEW DELHI
- दिशोम गुरु को आखिरी जोहार, हर चेहरा खामोश और आंखें नम
- पंचतत्व में विलीन हुए गुरु जी
- झारखंड की आत्मा पगडंडियों से होकर विदा हुई
- आंसुओं की धुंध में गुरूजी ओझल होते हुए दिख रहे थे
- लोकसभा में भी शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी गई
- राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और दिशोम गुरु शिबू सोरेन का आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके छोटे बेटे और मंत्री बसंत सोरेन ने उन्हें मुखाग्नि दी। रांची से रामगढ़ जाने के दौरान कई जगह लोगों ने श्रद्धांजलि दी। सड़क किनारे समर्थक खड़े दिखे और शिबू सोरेन अमर रहे के नारे लगाते नजर आए। शिबू सोरेन की अंतिम यात्रा उनके पैतृक गांव नेमरा में निकाली गई, जहां उन्हें आखिरी बार श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। जनसैलाब ने “गुरुजी अमर रहें” के नारों के साथ उन्हें भावभीनी विदाई दी। इस मौके पर कई दिग्गज नेता, अधिकारी और आम लोग मौजूद रहे
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गुरु जी की अंतिम विदाई में आसमान भी रो पड़ा
शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर को मंगलवार को विधानसभा में अंतिम दर्शन के बाद उनके पैतृक गांव नेमरा ले जाया गया. उनके अंतिम दीदार के लिए रांची से नेमरा तक लोगों ने बेसब्री से इंतजार किया. गुरुजी के चाहने वाले सुबह से ही सड़क के किनारे मौजूद थे. नेमरा में अपने दिशोम गुरु को अंतिम विदाई देते वक्त सभी की आंखे छलक गईं. इन नम आंखों को सहसा विश्वास ही नहीं हो रहा था कि गुरूजी हमारे बीच नहीं है. अंतिम यात्रा के दौरान गांव की मिट्टी खुद भींग गई. सन्नाटे में लग रहा था हर घर, हर दीवार और हर पेड़ मानो रो रहा हो. लोकसभा में भी शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी गई.
अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब
नेमरा में गुरुजी को अंतिम विदाई देने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा. नेमरा पहुंचने के बाद अंतिम विदाई से पहले पारंपरिक रीति रिवाजों को पूरा किया गया. गुरुजी की अंतिम यात्रा के समय नेमरा गांव की गलियां भी पूरी कहानी बयां कर रही थीं. वहां के ग्रामीणों ने फूल बरसाकर उन्हें अंतिम विदाई दी. पूरे गांव में शिबू सोरेन अमर रहे का नारा गूंजता रहा. बारिश के बीच भी उनके चाहने वाले डटे रहे. गुरुजी के सम्मान में झुकी हुई आंखें सबकुछ बयां कर रही थीं. सभी हाथ जोड़े खड़े रहे. किसी के पास शब्द नहीं थे. सिर्फ भाव झलक रहे थे. झारखंड की आत्मा पगडंडियों से होकर विदा हुई. आंसुओं की धुंध में गुरु जी ओझल होते हुए दिख रहे थे.
अंतिम संस्कार में शामिल हुए देश के दिग्गज नेता
गुरुजी के अंतिम संस्कार में देश के दिग्गज नेता शामिल हुए. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राश्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे रांची एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से नेमरा पहुंचे. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम, अन्नपूर्णा देवी, टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रायन और सांसद पप्पू यादव के अलावा अर्जुन मुंडा, सुदेश महतो, डीजीपी अनुराग गुप्ता सहित झारखंड के मंत्री-विधायक से लेकर कई गणमान्य लोग शामिल हुए.
इससे पहले मंगलवार सुबह बड़ी संख्या में लोगों ने मोरहाबादी स्थित उनके आवास पर गुरुजी के अंतिम दर्शन किए और श्रद्धांजलि दी। शिबू सोरेन के करीबियों में गिने जाने वाले पूर्व सीएम चंपाई सोरेन भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इसके साथ ही पूर्णिया सांसद पप्पू यादव, आप सांसद संजय सिंह अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए रांची पहुंचे। फिर पार्थिव शरीर उनके आवास से विधानसभा पहुंचा। जहां राज्यपाल संतोष गंगवार, स्पीकर रवींद्र महतो समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।पूर्णिया सांसद ने पूर्व CM को आदिवासी अस्मिता और संघर्ष का प्रतीक बताते हुए X पर लिखा- शिबू सोरेन जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। झारखंड सरकार के मंत्री इरफान अंसारी ने भी भारत रत्न देने की मांग की है।
सासु मां रूपी सोरेन को संभालते दिखीं गांडेय विधायक कल्पना सोरेन
शिबू सोरेन को जब घाट पर ले जाने की तैयारी चल रही थी उसले पहले पत्नी रूपी सोरेन फफक कर रो पड़ी. सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन उन्हें संभालते दिखाई पड़ी. इस दौरान वहां पर जितने लोग मौजूद थे सबकी आंखें नम हो गयी थी.
अंतिम यात्रा की 5 तस्वीरें…





सोमवार को दिल्ली में हुआ निधन
सोमवार की सुबह 8:56 बजे शिबू सोरेन ने दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन X पर लिखा- ‘दिशोम गुरु हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूं।’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अस्पताल पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

19 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था
81 साल के शिबू सोरेन हृदय रोग, किडनी और फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित थे। उन्हें 19 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उन्हें ब्रेन स्ट्रोक और पैरालिसिस अटैक भी हुआ। वह वेंटिलेटर पर थे। सोमवार की शाम उनका पार्थिव शरीर रांची लाया गया। इसके बाद एयरपोर्ट से उनके मोरहाबादी स्थित आवास पर ले जाया गया, जहां समर्थकों के साथ-साथ विपक्षी दल के नेताओं ने उनके अंतिम दर्शन किए।

सोमवार को गंगाराम हॉस्पिटल में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ढांढस बंधाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
झारखंड में 3 दिन का राजकीय शोक
उनके निधन पर झारखंड सरकार ने सोमवार से 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया है। 3 दिन तक अब कोई भी सरकारी आयोजन नहीं होगा। सोमवार और मंगलवार को सभी सरकारी कार्यालय में छुट्टी घोषित कर दी गई है।
विधानसभा का मानसून सत्र भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। झारखंड गठन में शिबू सोरेन की अहम भूमिका रही है, जो तीन बार सीएम, एक बार केंद्रीय मंत्री और आठ बार सांसद रहे।

पहली बार जब CM बने, 10 दिन में गिर गई सरकार
शिबू सोरेन 2 मार्च 2005 को पहली बार झारखंड के CM बने, लेकिन बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण दस दिन में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। 27 अगस्त 2008 को शिबू सोरेन दूसरी बार झारखंड के CM बने। इस बार वे विधायक नहीं थे। इस कारण छह महीने में उन्हें चुनाव जीतकर विधानसभा का सदस्य बनना था। पांच महीने बाद 2009 में उपचुनाव हुआ। शिबू को एक सुरक्षित सीट की जरूरत थी, लेकिन कोई भी उनके लिए सीट छोड़ने को तैयार नहीं था। जो विधायक सीट छोड़ने को तैयार थे, वो मुश्किल सीट थी।
तमाड़ विधानसभा में उपचुनाव का ऐलान हुआ। UPA ने गठबंधन की ओर से शिबू का नाम रखा, लेकिन शिबू वहां से चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे। शिबू जानते थे कि तमाड़ मुंडा बहुल है। वहां शिबू को मुश्किल हो सकती है। मजबूरी में शिबू सोरेन ने पर्चा दाखिल कर दिया। विरोधी के रूप में झारखंड पार्टी के राजा पीटर मैदान में थे। 8 जनवरी 2009 को परिणाम आया तो CM शिबू सोरेन करीब 9 हजार वोट से उपचुनाव हार गए थे। आखिर में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
3 बार के कार्यकाल में सिर्फ 10 महीने सरकार चलाई
तीन बार के कार्यकाल में शिबू सोरेन को 10 महीना 10 दिन ही राज्य की कमान संभालने का मौका मिला। शिबू सोरेन पहली बार सिर्फ 10 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद शिबू सोरेन दूसरी बार 28 अगस्त 2008 को झारखंड के मुख्यमंत्री बने। इस बार उन्हें पांच महीने तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का मौका मिला। उन्होंने 18 जनवरी 2009 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। फिर तीसरी बार 30 दिसंबर 2009 को शिबू सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने। इस बार उनका कार्यकाल सिर्फ पांच महीने का रहा। उन्होंने 31 मई 2009 को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।
उनका नाम इतिहास में दर्ज होगा – शताब्दी रॉय
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने पहुंचीं टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय ने कहा, ‘टीएमसी की ओर से ममता बनर्जी ने मुझे लोकसभा से और डेरेक ओ ब्रायन को राज्यसभा से शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए भेजा है। उनका नाम इतिहास में दर्ज होगा। कई नेता आते हैं और जाते हैं, लेकिन कुछ ही लोगों के जीवन पर अपनी छाप छोड़ जाते हैं। शिबू सोरेन उनमें से एक थे।’
#WATCH | Ranchi, Jharkhand: As she arrives to pay tribute to former Jharkhand CM Shibu Soren, TMC MP Shatabdi Roy says, "On behalf of the AITC, Mamata Banerjee has sent me from the Lok Sabha and Derek O'Brien from the Rajya Sabha to pay tributes to Shibu Soren. His name will go… pic.twitter.com/M0ZLdLEm4W
— ANI (@ANI) August 5, 2025
Report By :- NEHA YADAV / MADHURI SINGH, POLITICAL DESK, NATION EXPRESS RANCHI / NEW DELHI