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दो महिलाओं ने दिखाई ताक़त, 72 लाख की बेस प्राइस वाली दुकान 510 करोड़ में खरीदी

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NEWS DESK, NATION EXPRESS, राजस्थान

राजस्थान में इनदिनों शराब की दुकानों का ई-ऑक्शन और फिर आवंटन हो रहा है। पिछले साल तक लॉटरी से दुकानों का आवंटन होता था,लेकिन इस बार ई-ऑक्शन की प्रक्रिया रखी गई है। इस प्रक्रिया में प्रदेश के हनुमानगढ़ जिले में नोहर के दो परिवारों का आपसी विवाद खुलकर सामने आया। दोनों परिवारों ने महिलाओं के नाम से ई-ऑक्शन में भाग लिया। पारिवारिक प्रतिद्धंद्धिता के चलते 72.70 लाख की बेस प्राइस वाली दुकान 5 अरब 10 करोड़ में आवंटित हुई। विभाग ने सुबह 11 बजे दुकान की बोली शुरू की जो रात 2 बजे तक चली। 15 घंटे तक चली इस बोली में पहले तो कुछ और लोग भी शामिल हुए लेकिन जैसे-जैसे बोली की रकम बढ़ती गई सब दूर हो गए अंत में केवल दो परिवार की महिलाएं ही बोली में रह गई।

प्रदेश की सबसे महंगी मधुशाला: हनुमानगढ़ में एक परिवार की दो महिलाओं में 15 घंटे तक चली शराब ठेके की बोली, 72 लाख रु. से शुरू होकर ‌510 करोड़ रुपए पर रुकी

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आखिर में किरण कंवर के नाम 5 अरब 10 करोड़ में बोली छूटी, उसके साथ लगातार बोली लगाती रही प्रियंका कंवर अंत में दूर हो गई। जानकारी के अनुसार किरण कंवर व प्रियंका कंवर के परिवारों में पिछले एक दशक से विवाद है। यह विवाद कई बार सार्वजनिक हो चुका।
अब जब शराब की दुकान के लिए एक परिवार ने आवेदन किया तो दूसरे ने भी ई-ऑक्शन में शामिल होने का निर्णय लिया। दोनों का विवाद इस ई-ऑक्शन में साफ नजर आया दोनों तरफ से एक-दूसरे से ज्यादा बोली लगाई जाती रही। आखिर में 15 घंटे तक चली बोली के बाद किरण कंवर 5 अरब करोेड़ 10 करोड़ में दुकान अपने नाम कराने में सफल रही, प्रियंका कंवर पिछड़ गई। जिला आबकारी अधिकारी चिमनलाल मीणा ने बताया कि किरण कंवर को 2 फीसदी राशि जमा कराने का डिमांड नोट भेज दिया गया है। शेष रकम बाद में जमा होगी,यदि किरण कंवर यह राशि जमा कराने में विफल होती है तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। उसकी धरोहर राशि भी जब्त होगी।

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हनुमानगढ़ जिले में ही एक अन्य दुकान की बोली 13 लाख तक पहुंची। ऐसे ही जयपुर में भी एक दुकान की बोली 10 करोड़ से ज्यादा तक पहुंची है। इनको भी डिमांट नोट भेजा गया है। उधर जानकारों का कहना है कि जिन दुकानों की बोली अधिक लगी है वे कभी कारगर साबित नहीं होती। नोहर में पारिवारिक विवाद के कारण दुकान की बोली 510 करोड़ तक तो पहुंच गई,लेकिन आवंटी शायद ही इसके डिमांड नोट की रकम जमा करा पाए, उसका मकसद यह था कि दूसरा परिवार यह दुकान नहीं ले। पिछले साल इस दुकान की बोली 65 लाख लगी थी। आपसी विवाद के चलते दुकान की बोली 700 गुना से अधिक पहुंची है।

Report By :- PRIYANKA GUPTA,  NEWS DESK, NATION EXPRESS, राजस्थान

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