बिना सैलरी वाले DGP! AG ने 1 मई से अनुराग गुप्ता की रोकी सैलरी… अब नहीं बनेगा पे-स्लिप.. केंद्र ने अनुराग गुप्ता की सर्विस को खत्म माना
CITY DESK, NATION EXPRESS, RANCHI
ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों को सेवा विस्तार का लाभ देने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास सुरक्षित है. अनुराग गुप्ता के मामले में केंद्र सरकार ने 30 मार्च के बाद सेवा में अवधि विस्तार देने से इनकार किया है. सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस कारण महालेखाकार मई से उनका पे-स्लिप नहीं बनायेगा.
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के सेवा काल को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के बीच चल रहे विवाद में नया मोड़ आ गया है। अब झारखंड के प्रधान महालेखाकार (PAG) कार्यालय ने अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल से सेवानिवृत मानते हुए एक मई से उनकी सैलरी शून्य कर दी है। एजी ऑफिस ने पे-शून्य करने की जानकारी डीजीपी अनुराग गुप्ता और प्रोजेक्ट बिल्डिंग ट्रेजरी को भी भेज दिया है।
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पे-स्लीप शून्य होने से 30 अप्रैल के बाद से डीजीपी का वेतन ट्रेजरी से मिलना मुश्किल लग रहा है। राज्य सरकार ने पहली बार 26 अप्रैल 2024 को डीजीपी अजय कुमार सिंह को हटाकर अनुराग गुप्ता को प्रभारी डीजीपी बनाया था। इसके बाद झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता को हटाने का आदेश दिया था। 10 अक्टूबर 2024 को अनुराग गुप्ता को पद से हटा दिया गया था। इसके बाद अजय कुमार सिंह को फिर से डीजीपी बनाया गया। चुनाव खत्म होने के बाद 28 नवंबर को अजय कुमार सिंह को एक बार फिर से हटाकर अनुराग गुप्ता को डीजीपी का प्रभार दे दिया गया। इसके बाद 8 जनवरी को झारखंड सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए नई नियमावली बनाई। हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया। कमेटी में मुख्य सचिव, गृह सचिव, पूर्व डीजीपी व अन्य को सदस्य बनाया गया। कमेटी की अनुशंसा पर 3 फरवरी 2025 को अनुराग गुप्ता को फिर डीजीपी बनाया गया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 22 अप्रैल 2025 को राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा और अनुराग गुप्ता को सेवानिवृति तिथि 30 अप्रैल मानते हुए उन्हे डीजीपी पद से रिटायर करने का निर्देश जारी कर दिया। लेकिन राज्य सरकार ने नियमों और प्रावधानों का हवाला देते हुए अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाए रखा। इस संबंध में राज्य के गृह विभाग ने केंद्र को पत्र भी लिखा। दो दिन बाद केंद्र ने राज्य सरकार के जवाब को खारिज कर दिया। अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाए रखने के फैसले को गलत करार दिया। केंद्र ने कहा-जिस नियम के तहत उन्हे डीजीपी बनाए रखा गया है, वह अवैध है।
एकीकृत बिहार में रिटायरमेंट के बाद महालेखाकार द्वारा पे-स्लिप नहीं जारी करने की वजह से वेतन बंद होने के कई उदाहरण है. इसमें सबसे चर्चित उदाहरण तत्कालीन मुख्य मंत्री लालू प्रसाद के प्रधान सचिव मुकुंद प्रसाद का है. मुकुंद प्रसाद रिटायरमेंट के बाद भी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में कार्य कर रहे थे. केंद्र सरकार ने सेवा विस्तार नहीं दिया था. इसलिए महालेखाकार ने उनका पे-स्लिप जारी नहीं किया. इससे उनका वेतन मिलना बंद हो गया था.
झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता को नहीं मिल रही सैलरी? BJP के सीनियर नेता बाबूलाल मरांडी का खुलासा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा है कि राज्य में दस दिनों से पुलिस महानिदेशक का पद खाली है। जो काम कर रहे हैं, वो बिना वेतन के सेवा दे रहे हैं। मरांडी ने कहा है कि ऐसा काम करने वाला झारखंड पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तंज कसते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि है बिना वेतन, बिना संवैधानिक वैधता के सिर्फ भ्रष्टाचार के दम पर प्रशासन चलाया जा रहा है। Report By :- ANAMIKA PANDEY, CITY DESK, NATION EXPRESS, RANCHI