हेमंत सोरेन ने विधायकों से पेपर पर करवाया साइन : अगर सीएम की गिरफ्तारी होती है तो चंपई सोरेन ही बनेंगे झारखंड के अगले सीएम
POLITICL DESK, NATION EXPRESS, RANCHI
सियासी हलचल भी तेज है। मंगलवार को महागठबंधन दल के विधायकों की बैठक हुई। कहा जा रहा है कि बैठक में हेमंत सोरेन ने विधायकों से दो पेपर पर साइन करवाया है। एक में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और दूसरे में विधायक चंपई सोरेन का नाम है। अगर सीएम की गिरफ्तारी होती है तो कल्पना को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी है। लेकिन सहमति नहीं बनती है तो चंपई को कमान दी जाएगी।
‘शाखों से टूट जाएं वो पत्ते नहीं हैं हम, आंधी से कोई कह दे कि औकात में रहे…’ मशहूर शायर राहत इंदौरी का यह शेर चंपई सोरेन ने पिछले दिनों एक खास तस्वीर के साथ शेयर किया था. CM हेमंत इस तस्वीर में चंपई का कुछ अलग अंदाज के साथ अभिवादन करते दिख रहे हैं. चंपई झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री हैं अब चंपई सोरेन का नाम झारखंड में मुख्यमंत्री पद के लिए आगे चल रहा है.
झारखंड की राजधानी रांची में इन दिनों राजनीतिक तापमान आसमान छू रहा है वजह साफ है कि आज परिवर्तन निदेशालय की टीम झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जमीन घोटाले में पूछताछ कर रही है अगर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी की टीम गिरफ्तार करती है तो गठबंधन के पास सरकार बचाने का पूरा प्लान तैयार हो चुका है !झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महागठबंधन के सभी विधायक से दो पेपर पर साइन करवाया है एक में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बताया गया है वहीं दूसरे पेपर में झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्यावर नेता चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया है
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हम बात करते हैं अब हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की कुछ दिनों पहले ही झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सरफराज अहमद को गांडेय सीट से इस्तीफा दिलवाया गया है इसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो चुका था कि अगर ED मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर कोई कार्रवाई करती है तो उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को झारखंड के मुख्यमंत्री की कमान सौंप जा सकती है लेकिन कानून के जानकार कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावनाओं को सिरे से नकार दिया है उन लोगों ने कहा है की कल्पना मुख्यमंत्री नहीं बन सकती विधानसभा के 1 साल से भी काम के कार्यकाल में चुनाव नहीं हो सकता है ऐसे में खाली कराई गई सीट पर उपचुनाव नहीं कराया जा सकता है वहीं दूसरी ओर महागठबंधन की बैठक में झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ विधायक शामिल नहीं हुए थे जिसके बाद चर्चाओं का बाजार पूरी तरह गर्म हो चुका है हेमंत सोरेन के अपने भाई बसंत सोरेन और भाभी सीता सोरेन भी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा से नाराज थे
जमीन घोटाला केस में सीएम हेमंत की मुश्किलें बढ़ी
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची जमीन घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी की आशंका है। मंगलवार देर शाम सीएम आवास में सत्ताधारी दल की बैठक में विधायकों से सादे कागज पर सहमति का हस्ताक्षर कराया गया। रिपोर्ट्स है कि कांग्रेस ने राजनीतिक संकट के हालात में किसी भी प्रकार का फैसला लेने के लिए हेमंत सोरेन को ही अधिकृत किया है। चर्चा है कि उत्तराधिकारी के रूप में कल्पना सोरेन का नाम आगे किया गया है। इसके अलावा दिग्गज झामुमो नेता और मौजूदा कैबिनेट में मंत्री चंपाई सोरेन का नाम भी मुख्यमंत्री के रूप में चर्चा में है। झारखंड में जारी सियासी संकट के बीच सीता सोरेन के बागी रुख ने एक नया मोड़ ले लिया है। न जाने इसका परिणाम क्या होगा।
कौन हैं चंपई सोरेन?
सरायकेला-खरसावां जिले स्थित जिलिंगगोड़ा गांव निवासी आदिवासी सिमल सोरेन खेती किसानी किया करते थे. उनके चार बच्चों में बड़े बेटे का पई सोरेन है. चंपई भी अपने पिता के साथ हाथ बंटाते थे. 10वीं क्लास तक सरकारी स्कूल से चंपई ने ढ़ाई लिखाई की. इस बीच उनका विवाह कम उम्र में ही मानको से कर दिया गया. शादी के बाद चंपई के 4 बेटे और तीन बेटियां हुईं.
परिवार में बगावत : कल्पना को नहीं मानूंगी सीएम, सीता सोरेन बोलीं- मैं बड़ी बहू; मेरा पहला हक
झारखंड में जारी सियासी घमासान के बीच सत्ता परिवर्तन की बातें कही जा रही है। कयास हैं कि हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं लेकिन यह इतना आसान नहीं होने वाला। दरअसल, झारखंड में 2 मोर्चों पर सियासी बवाल छिड़ा हुआ है। पहला बवाल तो ईडी ऑफिस से होते हुए मुख्यमंत्री आवास के बीच है वहीं दूसरा घमासान, सोरेन परिवार के भीतर ही छिड़ गया है। खबरें हैं कि सोरेन परिवार की बड़ी बहू सीता सोरेन ने कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री मानने से इनकार कर दिया है। सीता सोरेन ने साफ शब्दों में कह दिया है कि यदि कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो यह मुझे अस्वीकार्य होगा।
हमेशा मैं ही त्याग क्यों करूं- सीता सोरेन
सीता सोरेन ने तल्ख लहजे में कहा कि हमेशा मैं ही क्यों त्याग करूं। 3 बार से झारखंड मुक्ति मोर्चा से विधायक सीता सोरेन ने कहा है कि मैं सोरेन परिवार की बड़ी बहूं और इसलिए मुख्यमंत्री पद पर पहला हक मेरा है। जमीन घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की कार्रवाई का सामना कर रहे हेमंत सोरेन पहले ही मुश्किलों में घिरे हैं, और अब उत्तराधिकार के प्रश्न पर भाभी सीता सोरेन के बगावती तेवर ने उनका संकट और बढ़ा दिया है।
दुर्गा सोरेन ने खून-पसीने से झामुमो को सींचा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीता सोरेन ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को गुरुजी के साथ मिलकर मेरे पति दुर्गा सोरेन ने अपना खून और पसीना देकर सींचा है। पार्टी संगठन को मजबूत बनाने में मैंने भी अपना सर्वस्व न्योछावर किया है। पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद मैंने अकेले अपनी 2 बेटियों को कैसे पाला, वह दर्द केवल मैं ही समझती हूं। ऐसे में जब हक अधिकार की बात आई तो कल्पना का नाम आगे किया जा रहा है जो मुझे बर्दाश्त नहीं है। सीता सोरेन दुमका के जामा विधानसभा सीट से 3 बार से झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक हैं। सीता सोरेन, दिशोम गुरु शिबू सोरेन के दिवंगत बड़े बेटे दुर्गा सोरेन की धर्मपत्नी हैं।
उत्तराधिकारी के रूप में कल्पना सोरेन का नाम
बताया जाता है कि हेमंत सोरेन के उत्तराधिकारी के रूप में जब से कल्पना सोरेन का नाम सुर्खियों में आया तभी से सीता सोरेन नाराज चल रही हैं। इसकी बानगी तब दिखी जब मंगलवार को दोपहर कांके रोड स्थित सीएम आवास में आयोजित सत्ताधारी दल की बैठक में सीता सोरेन शामिल नहीं हुईं। शाम साढ़े 7 बजे वाली बैठक से भी सीता सोरेन नदारद थीं। आज भी सत्ताधारी दल की बैठक हुई थी, सीता सोरेन उसमें भी नहीं आईं। सीता सोरेन के अलावा झामुमो के 2 और विधायक बैठकों में शामिल नहीं हुए वरीय विधायक लोबिन हेम्ब्रम, चमरा लिंडा भी बैठक में नहीं आए वहीं रामदास सोरेन दिल्ली में इलाज करा रहे हैं। सीता सोरेन के बगावती रुख के बाद अब झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के सामने भी परिवार को साथ लेकर चलने की चुनौती है।
कल्पना नहीं बन सकती हैं सीएम – बाबूलाल मरांडी