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सौहार्द, एकता, भाईचारा और गंगा-जमुनी तहजीब के प्रतीक थे मौलाना अबुल कलाम आजाद : इबरार अहमद

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NEWS DESK, NATION EXPRESS, RANCHI

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने रविवार को मौलाना आजाद ह्यूमेन इनिशिएटिव (माही) के तत्वावधान में मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर पुरुलिया रोड स्थित लोयला ट्रेनिंग सेंटर में शिक्षा एवं सांस्कृतिक मेला का उद्घाटन किया।

मौके पर अध्यक्ष ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मौलाना आजाद महान स्वतंत्रता सेनानी थे। वे आधुनिक शिक्षा के न केवल वास्तुकार थे, बल्कि देश शैक्षणिक एवं कला और संस्कृति से जुड़े संस्थानों के विकास में उनकी भी महत्ती भूमिका थी। आज उन्हें याद करते हुए गर्व महसूस हो रहा है। उनकी नजरबंदी के पौने चार साल जो रांची में गुजारे यह भारतीय इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए सुरक्षित हो गया।

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स्पीकर ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अल-हिलाल की बड़ी भूमिका रही, जिससे अंग्रेजी हुकूमत को परेशानी हुई और मौलाना आजाद को कई बार जेल जाना पड़ा। रांची में उन्हें 1916 से 1919 के अंतिम दिन तक निर्वासित जीवन जीना पड़ा लेकिन इन्होंने ने इस नजरबंदी को हिंदू-मुस्लिम एकता को समर्पित कर दिया और इसका गवाह अपर बाजार स्थित जामा मस्जिद बना।

उन्होंने मौलाना आजाद की तुलना रबींद्रनाथ टैगोर करते हुए कहा कि भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में दोनों युगपुरुष रहे जिन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा घर में ही प्राप्त की जबकि शिक्षा के क्षेत्र में इनका योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। दोनों महापुरुषों का भारतीय संस्कृति और सभ्यता के विकास में भी अतुलनीय योगदान दिए। साहित्य एकेडमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी की स्थापना मौलाना के सोच का ही परिणाम था। कलाकारों को पुरस्कृत करने की परंपरा की शुरुआत इन्होंने ने ही की थी।

इसके पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने शिक्षा और सांस्कृतिक मेला का अवलोकन किया जहां 30 स्कूलों के लगभग 700 बच्चों ने अपनी कृतियों से मनमोहक दृश्य बिखेरे और अपनी पेंटिंग से वस्तुओं को सजीवता प्रदान की।

अध्यक्षता कर रहे माही के संयोजक इबरार अहमद ने कहा कि सौहार्द, एकता, भाईचारा और गंगा-जमुनी तहजीब के प्रतीक मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर को हुआ था। उन्होंने देश की एकता और अखंडता में अहम योगदान दिया। कार्यक्रम को रांची विश्वविद्यालय की प्रोवीसी प्रो कामिनी कुमार, ग्रामीण एसपी नौशाद आलम समेत अन्य ने संबोधित किया। मौके पर मुस्तकीम आलम, सरफराज सड्डू, ग्यासुद्दीन मुन्ना, शकील, सलाउद्दीन, अशफाक आलम, हाजी नवाब, खालिद समेत अन्य मौजूद थे।

Report By :- KHUSHBOO SHARMA, NEWS DESK, NATION EXPRESS, RANCHI

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